Type Here to Get Search Results !

डूंगर काॅलेज में ऑनलाइन शिक्षक संवर्धन कार्यक्रम आयोजित

  *BAHUBHASHI**खबरों में बीकानेर*🎤



 🥇 यहां आपके प्रतिष्ठान का विज्ञापन हो सकता है। संपर्क करें - खबरों में बीकानेर 🙏










यहां आपके प्रतिष्ठान का विज्ञापन हो सकता है। संपर्क करें - खबरों में बीकानेर 📰 पढ़ना और पढ़ाना जीवन सफल बनाना 📚 




📖विज्ञप्ति ईमेल से हिंदी क्रुतिदेव या यूनिकोड में लैटरपैड /एम एस वर्ड फाइल में भेजें mohanthanvi@gmail.com 




🌐 




✍️ यहां आपके प्रतिष्ठान का विज्ञापन हो सकता है। संपर्क करें - खबरों में बीकानेर   🙏 मोहन थानवी 🙏 




 सच्चाई पढ़ें । सकारात्मक रहें। संभावनाएं तलाशें । 




 ✍️ पढ़ना और पढ़ाना जीवन सफल बनाना 📚 




📖विज्ञप्ति ईमेल से हिंदी क्रुतिदेव या यूनिकोड में लैटरपैड /एम एस वर्ड फाइल में भेजें mohanthanvi@gmail.com ✒️





✒️




यहां आपके प्रतिष्ठान का विज्ञापन हो सकता है। संपर्क करें - खबरों में बीकानेर  




  📒 CP MEDIA 




 ☑️  




  यहां आपके प्रतिष्ठान का विज्ञापन हो सकता है। संपर्क करें - खबरों में बीकानेर  




 📝   ✍️ डूंगर काॅलेज में ऑनलाइन शिक्षक संवर्धन कार्यक्रम आयोजित
बीकानेर, 2 फरवरी। आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा, राजस्थान, जयपुर की पहल पर राजकीय डूंगर महाविद्यालय , बीकानेर के राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा ऑनलाइन शिक्षक संवर्धन कार्यक्रम ज्ञान गंगा आयोजित किया जा रहा है। 6 फरवरी तक चलने वाले इस कार्यक्रम के दूसरे दिन के तकनीकी सत्र के पहले उदबोधन में बिहार के पटना विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग की अध्यक्षा प्रो. शेफाली रॉय ने भारतीय राजनीति में महिलाओं की राजनीतिक सहभागिता पर विस्तार से प्रकाश डाला। बिहार के उदाहरण से उन्होंने भारत की महिलाओं से जुड़े पूर्वाग्रहों और धारणाओं की जानकारी दी।
स्वन्त्रता आन्दोलन में गांधीजी के आह्वान पर महिलाओं की सक्रिय सहभागिता से लेकर नक्सल आंदोलन से जुड़ी महिलाओं के उदाहरण से उन्होंने भविष्य में महिलाओं की सक्रिय सहभागिता पर अपने आशावादी विचार रखे।
द्वितीय तकनीकी सत्र में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की सहायक आचार्य डॉ पापिया सेन गुप्ता रहे। उन्होंने श्अकादमिक लेखन कैसे करेंश् विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया । नए लेखक की दुविधा से लेकर सही शोध पत्रिका में अपने आलेख छपने तक की सम्पूर्ण प्रक्रिया का विश्लेषण पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से किया । डॉ पापिया ने बताया कि अकादमिक लेखन एक शोधार्थी के द्वारा किया जाता है और उसका पाठक भी कोई अन्य शोधार्थी ही होता है इसलिए जरूरी है कि लेखक का भाषा पर अधिकार हो।
कार्यक्रम के तृतीय सत्र में डॉ नूरजहां , सहायक आचार्य , राजकीय एम एस कॉलेज , बीकानेर ने अपना व्याख्यान ष् सामाजिक विज्ञान में शोध कार्य क्षेत्र विशेष के विशेष के विशेष संदर्भ मेंष् प्रस्तुत किया। नूरजहां ने सामाजिक क्षेत्र के अनुसंधान के दोनों आयाम(सैद्धान्तिक एवम व्यावहारिक) पर प्रकाश डाला । जहां सैद्धान्तिक आयाम की पध्दतियां बताई और व्यावहारिक शोध के क्या क्या होना चाहिए, क्या और किस तरह की समस्याएं आती हैं के बारे में विस्तार से बताया और समाधान पर प्रभावी एवं उपयोगी सारगर्भित व्याख्यान प्रस्तुत किया।
  कार्यक्रम डॉ नरेंद्र नाथ व डॉ बबिता जैन के वेलकम नॉट से शुरू हुआ। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुनीता गोयल ने किया. विभाग के अन्य संकाय सदस्य डॉ. मैना निर्वाण एवं डॉ. नरेन्द्र कुमार का सहयोग रहा। तकनीकी सहयोग डॉ. सुरेश वर्मा, सहायक आचार्य रसायन शास्त्र ने दिया। दूसरे दिन के सत्रों में 48 प्रतिभागियों ने भाग लिया ।
-----------✍🏻




  📒 CP MEDIA 




 अपनी टिप्पणी /कमेंट लिखें 👇🏽 




 Khabron Me Bikaner 🎤


Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Hollywood Movies