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गुसाइसर गांव में मूल्य संवर्धित उत्पादों का प्रशिक्षण से 30 महिलाएं हुई लाभान्वित

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 📝   ✍️गुसाइसर गांव में मूल्य संवर्धित उत्पादों का प्रशिक्षण से 30 महिलाएं हुई लाभान्वित 
महिलाओं ने सीखा मूल्य संवर्धित उत्पाद बनाना
दस दिवसीय शिविर सम्पन्न
बीकानेर, 6 फरवरी। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय द्वारा यूनिवर्सिटी सोशल रिसपोंसिबिलिटी के तहत गोद लिए गए गुसाईसर गांव में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत आयोजित दस दिवसीय शिविर सोमवार को सम्पन्न हुआ। शिविर में 30 महिलाओं को आंवला, तूम्बा और ग्वारपाठा के मूल्य सवंर्धित उत्पाद बनाना सिखाया गया।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह ने कहा कि महिलाएं स्वावलम्बी होंगी तो पूरे परिवार को लाभ होगा। किसानों की आय वृद्धि में भी इसकी प्रभावी भूमिका रहेगी। उन्होंने कहा कि उत्पादों का मूल्य संवर्धन और विपणन आज की आवश्यकता है। महिलाओं को इस दिशा में पहल करनी होगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की खाद्य और पोषण इकाई द्वारा तैयार बाजरा के मूल्य सवंर्धित उत्पादों को आमजन द्वारा पसंद किया जा रहा है। उन्होंने बालिका शिक्षा पर जोर दिया तथा कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा गांव में सतत गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं।
गृह विज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठाता डाॅ. विमला डुंकवाल ने बताया कि शिविर के दौरान जैम, ज्यूस, कैंडी, अचार आदि बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। अनुसंधान निदेशक डाॅ. प्रकाश सिंह ने कहा कि ग्रामीण, विश्वविद्यालय की इन गतिविधियांे का भरपूर लाभ उठाएं। डाॅ. ममता सिंह ने आभार जताया। इस दौरान कुलपति ने प्रमाण पत्र वितरित किए। प्रतिभागी महिलाओं ने अपने अनुभव साझा किए। कार्यक्रम में प्रसार शिक्षा उपनिदेशक डाॅ. राजेश वर्मा आदि मौजूद रहे।
 विश्वविद्यालय द्वारा यूनिवर्सिटी सोशल रेस्पोंसबिलिटी के तहत गोद लिए गए गुसाइसर गांव में राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के माध्यम से मूल्य संवर्धित उत्पादों का प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन हुआ।
दस दिवसीय प्रशिक्षण में 30 महिलाओं ने भाग लिया। इन्हें आंवला, तुम्बा और ग्वारपाठा के मूल्य संवर्धित उत्पाद बनाने का प्रशिक्षण दिया गया।
स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह ने कहा, महिलाएं स्वावलम्बी बनेंगी तो परिवार को लाभ होगा। 
गृह विज्ञान अधिष्ठाता डॉ विमला मेघवाल, अनुसन्धान निदेशक डॉ. पी एस शेखावत, प्रसार शिक्षा निदेशालय के उपनिदेशक डॉ राजेश वर्मा, डॉ. मंजू राठौड़ आदि मौजूद रहे।✍🏻




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