Type Here to Get Search Results !

‘रबी ऋतु की बीज उत्पादन फसलों में पौध संरक्षण’ विषयक प्रशिक्षण आयोजित कृषि वैज्ञानिकों के सतत संपर्क में रहें किसान-कुलपति

*BAHUBHASHI*
*खबरों में बीकानेर*🎤 🌐 




 ✍️ 






 🙏 मोहन थानवी 🙏




 
#Covid-19 #pm_modi #crime #बहुभाषी #Bikaner #novel #किसान #City #state #literature #zee
Khabron Me Bikaner 🎤



 सच्चाई पढ़ें । सकारात्मक रहें। संभावनाएं तलाशें । 




 ✍️ 


‘रबी ऋतु की बीज उत्पादन फसलों में पौध संरक्षण’ विषयक प्रशिक्षण आयोजित
कृषि वैज्ञानिकों के सतत संपर्क में रहें किसान-कुलपति
बीकानेर, 7 जनवरी। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय द्वारा रबी ऋतु की बीज उत्पादन फसलों में पौध संरक्षण विषयक एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम गुरुवार को आयोजित हुआ। राष्ट्रीय बीज परियोजना के तहत आयोजित कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह थे। उन्होंने कहा कि आजादी से अब तक कृषि परिदृश्य में बड़ा बदलाव आया है। स्वतंत्रता के समय हम 50 मिलियन मेट्रिक टन खाद्यान्न का उत्पादन करते थे। वहीं यह उत्पादन बढ़कर अब 296 मिलियन मेट्रिक टन हो गया है। इसी प्रकार उद्यानिकी फसलों में भी 320 मिलियन मेट्रिक टन उत्पादन हो रहा है। यह उत्पादन मांग से भी अधिक है। इस कारण आज हम निर्यात की स्थिति में पहुंच गए हें। उन्होंने कहा कि यह किसानों की अभूतपूर्व मेहनत, वैज्ञानिकों द्वारा इजाद नई-नई तकनीकों, आधारभूत सुविधाओं में वृद्धि और विपणन व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के कारण संभव हो सका है। उन्होंने कहा कि किसान, वैज्ञानिकों के सतत संपर्क में रहें। देश भर के 721 कृषि विज्ञान केन्द्र किसानों को सशक्त एवं समर्थ बनाने में जुटे हुए हैं। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय भी इस दिशा में प्रयासरत है। खेती की लागत कम हो उत्पादन बढ़े, जिससे किसानों की आय में इजाफा हो सके। यह विश्वविद्यालय की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि किसान, विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इन गतिविधियों का भरपूर लाभ उठाएं।
प्रसार शिक्षा निदेशक डाॅ. एस. के. शर्मा ने कहा कि किसानों को खेती से लाभ मिले, इसके लिए इसे व्यवसाय के रूप में अपनाने की जरूरत है। पारम्परिक विधियों के साथ आईटी का लाभ उठाय जाना भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र, विश्वविद्यालय की आत्मा है तथा किसानों के लिए सतत कार्य कर रहे हैं। प्रत्येक कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा व्हाट्सएप्प गु्रप बनाए गए हैं। अधिक से अधिक इनसे जुड़ें और इसके माध्यम से व्यावहारिक समस्याओं के समाधान का मार्गदर्शन प्राप्त करें।
अतिरिक्त निदेशक अनुसंधान (बीज) डाॅ. एन. के. शर्मा ने प्रशिक्षण की रूपरेखा के बारे में बताया। इस दौरान विभिन्न जिलों से आए किसानों ने भी अपनी बात रखी। इस अवसर पर डाॅ. ए. आर. नकवी, डाॅ. दाताराम, एटिक मैनेजर डाॅ. सीमा त्यागी मौजूद रहे।



 📒 CP MEDIA 





 🙏 मोहन थानवी 🙏 


 📰
पढ़ना और पढ़ाना जीवन सफल बनाना 📚 📖विज्ञप्ति ईमेल से हिंदी क्रुतिदेव या यूनिकोड में लैटरपैड /एम एस वर्ड फाइल में भेजें mohanthanvi@gmail.com





 अपनी टिप्पणी /कमेंट लिखें 👇🏽

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Hollywood Movies