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मिट्टी की कलाकृतियां एक विचार, टेराकोटा आर्ट अपनाएं कलाकार-डाॅ कल्ला 40 इलेक्ट्राॅनिक चाक किए वितरित

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मिट्टी की कलाकृतियां एक विचार, टेराकोटा आर्ट अपनाएं कलाकार-डाॅ कल्ला
40 इलेक्ट्राॅनिक चाक किए वितरित

बीकानेर, 19 जनवरी। जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ बी डी कल्ला ने कहा कि मिट्टी से बनी कलाकृतियां एक विचार है। मिट्टी से बर्तन, मूर्तियों बनाने की कला को भावी पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए फाइन आर्ट से जोड़ते हुए आधुनिक तकनीक अपनाने की आवश्यकता है। मंगलवार को गंगाशहर स्थित सामुदायिक भवन में खादी ग्रामोद्योग ओर से मिट्टी के बर्तन बनाने में जुटे कलाकारों को इलेक्ट्रॉनिक और सौर ऊर्जा से चलने वाले चाक वितरण समारोह में डॉ बी डी कल्ला ने यह बात कही। डाॅ कल्ला ने कहा कि मिट्टी को शक्ल देने का काम कुम्हार करता है, वह सृजक है। अपनी इस कला की गंभीरता को पहचानते हुए नए कलाकार इसे वर्तमान युग के अनुरूप नई तकनीक से जोड़ें। कलाकार टेराकोटा आर्ट अपनाएं, इससे उनकी आय बढ़ेगी और इस कला को भी एक नया रूप मिल सकेगा।
डॉ कल्ला ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक चाक के जरिए इस कला को एक नया रूप देने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने हर हाथ को काम देने के लिए खादी को एक विचार के रूप में स्थापित किया। मिट्टी भी हमें जड़ों से जोड़ती है और पर्यावरण संरक्षण में भी इसकी अहम भूमिका है। मिट्टी के बर्तन और कलाकृतियां बनाने में जुटे कलाकार इस कला को एक नया आयाम देकर अपनी आजीविका सुधारने के साथ-साथ और लोगों को भी इससे जुड़ने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
टीका लगाएं, मास्क भी जरूर लगाएं
इस अवसर पर डॉ कल्ला ने कहा कि कोरोना से लड़ाई में राजस्थान सरकार ने हर संभव प्रयास कर आमजन को राहत दी है टीकाकरण अभियान में भी राजस्थान सरकार आगे रहेगी। आमजन से कोरोना एडवाइजरी अनुपालन की अपेक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि टीका लगाएं, लेकिन मास्क भी जरूर लगाएं। सौर ऊर्जा से भी चाक चलाए जाने की बात कहते हुए उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा आज की आवश्यकता है, प्रदेश में सौर ऊर्जा उत्पादन की अपार संभावनाएं है और अगले 3 साल में राज्य सरकार ने सौर ऊर्जा के माध्यम से 30 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा है। इस अवसर पर त्रिलोकी कल्ला, चंपालाल गेदर, गोपाल गहलोत, रामदयाल पंचारिया, शिवचंद परिहार, सुशील सुथार, नंदू गहलोत सहित विभिन्न गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।



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