खबरों में बीकानेर 🎤 🌐
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युवा दिवस की पूर्व संध्या में युवा संवाद कार्यक्रम का आयोजन।
युवा विद्यार्थीयो को रोजगार परक शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए : डॉ. चन्द्रशेखर श्रीमाली
बीकानेर । राष्ट्र्ीय युवा दिवस की पूर्व संध्या में सीएमसी संस्थान में युवा संवाद का कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें कॅरिअर काउन्सलर डॉ. चन्द्रशेखर श्रीमाली ने युवाओं से संवाद के माध्यम से बताया कि स्वामी विवेकानंद के विचार, दर्शन और अध्यापन भारत की महान सांस्कृतिक और पारंपरिक संपत्ति हैं। युवा देश के महत्वपूर्ण अंग है जो देश को आगे बढ़ाता है इसी वजह से स्वामी विवेकानंद के आदर्शो और विचारों के लिए सबसे पहले युवाओं को चुना जाता है। इसलिए भारत के युवाओं को प्रेरित करने और बढ़ावा देने के लिये हर वर्ष राष्ट्र्ीय युवा दिवस मनाने की शुरूआत हुई।
डॉ. श्रीमाल ने युवाओं की जिज्ञासाओं का शांत करते हुए कहा कि आज के युवा वर्ग को अपने विद्यार्थी जीवन में अध्ययनशील, संयमी, चरित्र निर्माण के लिए आत्मानुशासन लाकर अपने भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए प्रयास करने चाहिए। जिसके लिए समय का सुदपयोग आवश्यक है। वर्तमान समय में युवा विद्यार्थीयो को रोजगार परक शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए। जो देश की उन्नति में योगदान देने के साथ-साथ रोजगार की असीम संभावनों दिलाती हैं।
युवा संवाद में सीएमसी निदेशक अरूण व्यास ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि पूरे विश्व में भारत को युवाओं का देश कहा जाता है। अपने देश में 35 वर्ष की आयु तक के 65 करोड़ युवा है। एक रिपोर्ट के अनुसार आज इंडिया के प्रत्येक शहर का तीन में से एक शख्स युवा हैं। वहीं 2020 तक इंडिया दुनिया का सबसे युवा देश बन जाएगा, जहां नौजवानों की आबादी करीब 64 परसेंट हो जाएगी।
युवा संवाद के दौरान युवा अदिति ने कहा कि स्वामी विवेकानंद की जयंती को युवा दिवस और या कॅरिअर डे के रूप में मानई जाती है। हम युवाओं को स्वामी विवेकानंद के आदर्शो को अपने जीवन में उतर कर कार्य करने चाहिए। युवा विद्यार्थी हेमंत ने कहा कि युवा अपने विद्यार्थी जीवन के समय का सदुपयोग कर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेता है तो मनोरंजन, मस्ती और ऐश के लिए पूरे जीवन में भरपूर अवसर मिलते है।
युवा संवाद का संयोजन करते हुए प्रेमलता व्यास ने कहा कि आवश्यकता है आज हमारे देश की युवा शक्ति को उचित मार्गदर्शन देकर उन्हें देश की उन्नति में भागीदार बनाने की, उमें अच्छे संस्कार, उचित शिक्षा एवं प्रौद्योगिक विशेषज्ञ बनाने की, उन्हे बुरी आदतों जैसे नशा, जुआ, हिंससा इत्यादि से बचाने की।
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युवा दिवस की पूर्व संध्या में युवा संवाद कार्यक्रम का आयोजन।
युवा विद्यार्थीयो को रोजगार परक शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए : डॉ. चन्द्रशेखर श्रीमाली
बीकानेर । राष्ट्र्ीय युवा दिवस की पूर्व संध्या में सीएमसी संस्थान में युवा संवाद का कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें कॅरिअर काउन्सलर डॉ. चन्द्रशेखर श्रीमाली ने युवाओं से संवाद के माध्यम से बताया कि स्वामी विवेकानंद के विचार, दर्शन और अध्यापन भारत की महान सांस्कृतिक और पारंपरिक संपत्ति हैं। युवा देश के महत्वपूर्ण अंग है जो देश को आगे बढ़ाता है इसी वजह से स्वामी विवेकानंद के आदर्शो और विचारों के लिए सबसे पहले युवाओं को चुना जाता है। इसलिए भारत के युवाओं को प्रेरित करने और बढ़ावा देने के लिये हर वर्ष राष्ट्र्ीय युवा दिवस मनाने की शुरूआत हुई।
डॉ. श्रीमाल ने युवाओं की जिज्ञासाओं का शांत करते हुए कहा कि आज के युवा वर्ग को अपने विद्यार्थी जीवन में अध्ययनशील, संयमी, चरित्र निर्माण के लिए आत्मानुशासन लाकर अपने भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए प्रयास करने चाहिए। जिसके लिए समय का सुदपयोग आवश्यक है। वर्तमान समय में युवा विद्यार्थीयो को रोजगार परक शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए। जो देश की उन्नति में योगदान देने के साथ-साथ रोजगार की असीम संभावनों दिलाती हैं।
युवा संवाद में सीएमसी निदेशक अरूण व्यास ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि पूरे विश्व में भारत को युवाओं का देश कहा जाता है। अपने देश में 35 वर्ष की आयु तक के 65 करोड़ युवा है। एक रिपोर्ट के अनुसार आज इंडिया के प्रत्येक शहर का तीन में से एक शख्स युवा हैं। वहीं 2020 तक इंडिया दुनिया का सबसे युवा देश बन जाएगा, जहां नौजवानों की आबादी करीब 64 परसेंट हो जाएगी।
युवा संवाद के दौरान युवा अदिति ने कहा कि स्वामी विवेकानंद की जयंती को युवा दिवस और या कॅरिअर डे के रूप में मानई जाती है। हम युवाओं को स्वामी विवेकानंद के आदर्शो को अपने जीवन में उतर कर कार्य करने चाहिए। युवा विद्यार्थी हेमंत ने कहा कि युवा अपने विद्यार्थी जीवन के समय का सदुपयोग कर अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेता है तो मनोरंजन, मस्ती और ऐश के लिए पूरे जीवन में भरपूर अवसर मिलते है।
युवा संवाद का संयोजन करते हुए प्रेमलता व्यास ने कहा कि आवश्यकता है आज हमारे देश की युवा शक्ति को उचित मार्गदर्शन देकर उन्हें देश की उन्नति में भागीदार बनाने की, उमें अच्छे संस्कार, उचित शिक्षा एवं प्रौद्योगिक विशेषज्ञ बनाने की, उन्हे बुरी आदतों जैसे नशा, जुआ, हिंससा इत्यादि से बचाने की।
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