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राम कथा : दया धर्म का मूल है- साध्वी जी





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                    दया धर्म का मूल है- साध्वी जी
    दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के तत्वाधान में राजस्थान पब्लिक स्कूल के सामने, सेक्टर-7 तिकोना पार्क, मुक्ता प्रसाद, बीकानेर में कामधेनु गोशाला हेतु आयोजित सात दिवसीय श्री राम कथामृत में श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या एवं कथाव्यास साध्वी विदूषी कथाभास्कर सुश्री सुमेधा भारती जी  ने कथा का आज समापन करते हुए प्रभु की महिमा को सम्पन्न किया।
श्री राम कथा में राम राज्य प्रसंग  को प्रस्तुत करते हुए उन्होंने लंका युद्ध में रावण संहार के पश्चात् प्रभु राम जी की आयोध्या वापसी का चित्रण इस प्रकार किया कि उपस्थित जनसमूह भावविभोर हो उठा। उन्होंने बताया कि मर्यादा पुरुषोतम श्री राम के मार्गदर्शन में आयोध्या का राज्य भय और अशांति से मुक्त था। इसी प्रकार से उन्नत था। लेकिन क्या बस यही राम राज्य था? साध्वी जी ने कहा कि राम राज्य के आधार से राम थे। वर्तमान समय में भी यह हम ऐसे ही अलौकिक राम राज्य की स्थापना करना चाहते है, तो सर्वप्रथम प्रभु राम को जानना होगा। प्रभु राम का प्राक्टय अपने भीतर करवाना होगा। परन्तु हम अपनी संकीर्ण बुद्धि एवं लौकिक इन्द्रियों से त्रेता के इस युग-प्रणेता को नहीं जान सकते। वे केवल आयोध्या सृष्टि के नियामक तत्व है। ऐसे ब्रह्मस्वरूप राम को केवल ग्रह्मज्ञान द्वारा ही जाना जा सकता है। राम हमारे हृदय में वास करते है। और उनका दर्शन दिव्य नेत्र द्वारा होता है। भारती जी ने बताया यूँ तो दिव्य नेत्र हम सभी की भृकुटी के बीच में स्थित है। पर हम इसके द्वारा तब तक भीतर विराजमान ईश्वर का दर्शन नहीं कर सकते जब तक हमें एक पूर्ण सतगुरु द्वारा ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति नहीं होती। सतगुरु दीक्षा देते समय इस दिव्य नेत्र को खोल देते है। जिसके खुलते ही शिष्य अपने भीतर ईश्वर के वास्तविक रूप ाक प्रत्यक्ष दर्शन करता है। जब भीतर हृदय के सिंहासन पर राम विराजमान होता है, तब राम राज्य की स्थाना होती है। परम पूजनीय सर्व श्री आशुतोष महाराज जी आज शांति का उद्येश्य लेकर के समाज में कार्यरत है। अध्यात्म का आधार लेकर ब्रह्मज्ञान को प्रदान कर अपने कार्य को क्रियान्वित रूप  प्रदान कर रहे है। समाज में फैली हर बुराई को खत्म कर रहे है। वह बुराई चाहे किस भी स्तर की क्यां न हो।
आज के अवसर पर स्वामी परमानन्द जी संयोजन नूरमहल शाखा दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने माननीय श्री अर्जुनराम मेघवाल जी केन्द्रीय मंत्री, गुमान सिंह जी राजपुरोहित भाजपा, मनीष जी शर्मा, एडवोकेट विनोद शर्मा जी, योगेन्द्र जी दाधीच जी, एवं अन्य मान्यगणों का सम्मान किया। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री जी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि दिव्य ज्योति जागं्रति संस्थान बीकानेर के जनमानस में आस्था की भावन जाग्रत करने का महत्वपूर्ण योगदान कर रही है। धर्म एवं सस्कृति के आदर्शां को अंगीकार करने वाला व्यक्ति जीवन में सफलता के नये आयाम स्थापित करता है। स्वामी श्री चन्द्रशेखरान्नद जी ने उपस्थित महानुभावों का स्वागत करते हुए कहा कि संस्थान गौसेवा निर्धन व्यक्तियों के लिए शिक्षण व्यवस्था एवं रोजगार, एवं नशा मुक्ति हेतु सामाजिक चेतना एवं आयुर्वेदिक चिकित्सा शिविर, नारी सशक्तिकरण शिविर आदि का आयोजन समय समय पर करता है। अतः अन्त में सभी मान्यगणों ने प्रभु के पावन चरनों में आरती कर प्रभु का आशीर्वाद ग्रहण किया।
                        साधु सन्तों का सम्मान
  आज के कथा के पूर्णआहूति पर सनातन दपर्ण पत्रिका एवं ब्रहामण अंतराष्ट्रीय संगठन राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष श्री योगेन्द्र जी दाधीच ने रामकथा वाचक साध्वी सुश्री सुमेधा भारती जी, स्वामी चन्द्रशेखरानन्द जी, स्वामी परमानन्द जी एवं कथा में सहयोगी साध्वी एवं सन्त समाज का दुप्पटा साफा स्मृति चिन्ह, दक्षिण भेंट करके भव्य सम्मान किया। श्रदालुओं ने भी सन्त समाज का सम्मान किया।







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