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81 वर्षीय साहित्यकार जगदीशप्रसाद शर्मा "उज्ज्वल" ने बच्चों को बाल साहित्‍य भेंट कर नेक चलनी का आशीर्वाद दिया





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  81 वर्षीय साहित्यकार जगदीशप्रसाद शर्मा "उज्ज्वल" ने बच्चों को बाल साहित्‍य भेंट कर नेक चलनी का आशीर्वाद दिया
     बीकानेर 3 जनवरी | शिक्षाविद जगदीशप्रसाद शर्मा ‘उज्ज्वल’ ने अपना 81 वां जन्मदिन अपने मौहल्ले के बच्चों संग बच्चा बनकर मनाया | बच्चे धवल, प्रखर, सोनाली, दीक्षा भारद्वाज, लक्की, चीन्टू, नीरू, अरविन्द सियाग, ममता, वसुंधरा सियाग ने उज्ज्वलजी के निवास पहुंच गुरूजी से केक कटवाया । उज्ज्वल ने बच्चों की क्लास भी ली। उन्हें शिष्टाचार का पाठ पढ़ाते हुए गरीब, असहाय, दीन-हीन की सेवा करने हेतु प्रेरित किया। उन्हें अपना बाल साहित्य भेंटकर नेक चलनी का आशीर्वाद दिया | इस अवसर पर प्रोफेसर नरपतसिंह सांखला ने राजस्थानी भाषा पोषण मंच से उज्ज्वल का शोल, सम्मानपत्र, अर्पित कर सम्मान किया |

     जगदीशप्रसाद शर्मा ‘उज्ज्वल’ का जन्म 3 जनवरी 1939 को मलसीसर जिला झुंझनू में हुआ | एम.ए. हिन्दी व अंग्रेजी, बी.एड. के बाद कई सारे बच्चों को शिक्षा के माध्यम से उच्च पदों तक पहुंचाने वाले उज्ज्वल की प्रकाशित कृतियाँ है- युग संदर्भ, अभी शेष है, संभावनाओं का सुख (काव्य संग्रह), अनब्याही खामोशी (कहानी संग्रह), युग चेतना के मसीहा प्रेमचंद (जीवनी), नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ.हरगोविंद खुराणा व्यक्तित्व-कृतित्व, हाथ जो कल्पतरु (बालोपयोगी कहानियां) 
    






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