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आत्म परिचय से सम्भव है आदर्श समाज का निर्माण - साध्वी सुमेधा भारती





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     आत्म परिचय से सम्भव है आदर्श समाज का निर्माण - साध्वी सुमेधा भारती जी
राजस्थान पब्लिक स्कूल के सामने, सेक्टर-7 तिकोना पार्क, मुक्ता प्रसाद, बीकानेर में कामधेनू गोशाला के तत्वाधान में प्रारम्भ हुई सात दिवसीय कथा का तृतीय दिवस का शुभारम्भ श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी सुश्री सुमेधा भारती जी ने केवट प्रसंग सम्पन्न करते हुऐ कहा की श्री राम का अवतरण इस धरा पर आदर्श समाज की स्थापना हेतू होता है। तभी तो आज भी जब-जब मानव अंशात होता है तो बार-बार हम राम-राज्य की स्थापना की आकांक्षा करते है। किन्तु यह बगैर राम के कैसे सम्भव है। सन्तों ने कहा है कि राम एक शक्ति है जो रोम रोम में रमण कर रही है। जिस प्रकार सम्पूर्ण वातावरण में जल व्याप्त रहता है किन्तु प्यास लगने पर हमें किसी स्त्रोत के पास जाना पड़ता है। क्योंकि वातावरण में वह जल नमी के रूप में रहता है। किन्तु सेवन के लिए हमें किसी स्त्रोत की आवश्यकता पडती है। इसी प्रकार वह राम जो एक शक्ति के रूप में रोम-रोम में रमण कर रहें हैं उन्हें भी आत्म-परिचय द्वारा ही जाना जा सकता है और आत्म-परिचय  केवल कोई ब्रह्मज्ञानी  सन्त के माध्यम से भी सम्भव है। आगे साध्वी बहन जी ने केवट प्रसंग करते हुये कहा कि प्रभु श्रीराम केवट को गंगा पार करवाने का अनुरोध करते हैं। जिस से प्रभु राम समाज में जो जाति-पाति का भेद-भाव है उसे दूर करने का संदेश देते है उसे दूर करने का संदेश देते हैं किन्तु आज हम श्री राम को तो मानते हैं किन्तु श्री राम की बात नहीं मानते। शास्त्रों ने कहा है कि जाति नहीं जब हरि की तो हरि जन की क्या होई-किन्तु हम इन सब बातों को नहीं समझते ओर इसी भेद-भाव के कारण हम अक्सर विदेशी आक्रान्दाओं के शिकार हुये हैं। सिकन्दर जब पहली बार भारत आया था तो उसेन खेत में बैठा एक किसान देखा जिसके पास ही खेत में कुछ पशु खेत को खराब कर रहे थे। तो सिकन्दर उनसे कहता है कि पास में पशु आप के खेत को खराब कर रहे हैं तो आप कुछ करते क्यों नहीं तो वह जवाब देता हैं कि वह तो शुद्र का खेत है तो वह सिकन्दर समझ लेता है कि इस देश को जोतना कोई मुश्किल काम नहीं है। अतः श्रीरामचरित्रमानस के अनुसार जब तक कोई पूर्ण सन्त मानव को ब्रह्म-ज्ञान प्रदान कर आत्म साक्षात्कार नहीं करवाते तब तक यह सम्भव ही नहीं कि मानव की बुद्धि सम हो जाय। ओर जब तक यह नहीं होगा तब तक आदर्श समाज का निर्माण सम्भव ही नहीं है। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में युवावर्ग भी पहुँचा। जिन्होंनें संवाददाता को बताया की कार्यक्रम के पश्चात साध्वी सुश्री सुमेधा भारती  जी द्वारा युवाओं के लिए विशेष व्याख्यान किया जाता है। जिसमे केवल नैतिक शिक्षा व चरित्र निर्माण की शिक्षा ही नहीं वरन् उसे चरितार्थ करने के उसे व्यावहारिक ज्ञान ब्रह्म-ज्ञान को प्राप्त करने का साधन भी बताया जाता है। जिसकी सहायता से ध्यान करने पर यह शिक्षा उनके जीवन में निरन्तर लागु हो रही है। ओर वे समाज में निरन्तर बढ़ रही बुराईयों से स्वयं को बचा सकते हैं।
श्री सुधाकर शर्मा एवं परिवार जो कि आज के यजमान के रूप में प्रभु के पावन चरनों में पूजन करके आशीर्वाद ग्रहण किया। एवं श्री अनिल खत्री, सत्यप्रकाश आचार्य ( पूर्व भा. ज. पा. जिलाध्यक्ष), अरूण जी जैन, नरसिह जी सेवग, अशोक जी प्रजापत, आदी अतिथिगण उपस्थित होकर दीप प्रजज्वलित किया एवं श्री राम कथा का श्रवण किया।







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