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राम कथा : गुरु ही मन को शांति प्रदान करता है





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                  राम कथा : गुरु ही मन को शांति प्रदान करता है

राजस्थान पब्लिक स्कूल के सामने, सेक्टर-7 तिकोना पार्क, मुक्ता प्रसाद, में दिव्य ज्योति परिवार के  तत्वाधान में प्रारम्भ हुई सात दिवसीय कथा में सर्व श्री आश्ुतोष महाराज जी के शिष्या साध्वी सुश्री सुमेधा भारती जी  ने आज प्रवचन देते हुए बताया कि शिव जो कल्याण-कारी हैं, लोग जिन्हे भोले-नाथ कहते हैं, जो सबका मंगल करते हैं उन्हें यदि जानना चाहते हैं तो हमें आवश्यकता है एक पूर्ण गुरु की। जो हमें हमारे अन्तःकरण में उस तत्व का ज्ञान प्रदान करे।  साध्वी जी ने आज श्री शिव-विवाह प्रसंग पूर्ण करते हुये कहा कि जिस प्रकार प्रभु भोलेनाथ ने माता पार्वती को अमर-कथा सुनाकर तत्व ज्ञान की दीक्षा प्रदान करते हैं जिससे वह जन्म-मरण के बंधन से मुक्त हो जाती हैं। और शिव के तत्व स्वरूप को अपने घट में जान लेती है। इसीलिये गोस्वामी जी ने श्रीरामचरितमानस में यह कथा प्रभु के श्री मुखारविंद से उच्चारित करवाई है। जोकि प्रतीक है कि प्रभु की महिमा कितनी अनन्त है कि साक्षात शिव भी उनकी कथा का गायन करते हैं। कथा के आज द्वितिय दिवस के अवसर पर श्री राम जी का जन्मोत्सव बड़ी धुमधाम से मनाया गया अतः भगवान राम मात्र एक शरीर नहीं बल्कि वह तो हमारे भीतर एक शक्ति स्वरूप है जिसका दर्शन एक पूर्ण गुरु के सानिध्य से होता है। जिसके बारे में श्री रामचरितमानस में लिखा भी गया है-
   !! राम कृष्ण ते को बडे तिनु भी तो गुरु कीन, तीन लोक के नायका गुरु आगे आधीन !!
 अर्थात् गुरु से बडी सत्ता कोई नहीं है। अतः ब्रह्म निष्ट तत्ववेता सद्गुरु जो कि हमारे अंतःकरण के अन्दर परमात्मा का ज्योति रूप का दर्शन करा दे। ऐसे गुरु को धारण किये बगैर मनुष्य का कल्याण नहीं हो सकता । अतः कथा का दूसरे दिन का समापन प्रभु की पावन आरती के साथ हुआ।
आज के इस पावन अवसर पर माननीय मण्डल रेल प्रबन्धक श्री संजय श्रीवास्तव जी, उद्योगपति श्री हरि गोपाल जी उपाध्याय, श्री भंवर लाल जी पुरोहित, सरदार दलजीत सिंह जी बावा, योगेन्द्र जी दाधीच, स्वामी निरजानन्द जी, स्वामी सुखदेवानन्द जी, आदि प्रभु के चरणों में पावन दीप प्रज्ज्वलित करके प्रभु का आशीर्वाद ग्रहण किया।







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