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खबरों में बीकानेर 🎤 🌐
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*एसकेआरएयूः इक्कीस दिवसीय विंटर स्कूल सम्पन्न*
*बढ़ती जनसंख्या के अनुरूप गुणवत्तायुक्त खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाना चुनौती-कुलपति*
बीकानेर, 26 दिसम्बर। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में ‘डिजिटल न्यूट्रिगेशन फोर रिसोर्स कंजर्वेशन इन एरिड एग्रो सिस्टम’ विषयक इक्कीस दिवसीय शीतकालीन प्रशिक्षण (विंटर स्कूल) का बुधवार को समापन हुआ।
समापन सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह ने की। उन्होंने कहा कि बढ़ती जनसंख्या के अनुरूप गुणवत्तायुक्त खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाना तथा कृषि को व्यवसाय के रूप में स्थापित करना आज सबसे बड़ी चुनौती है। कृषि वैज्ञानिकों को इस दिशा में मंथन करना होगा। उन्होंने कहा कि उत्पादन बढ़ाने के लिए खेतों में कृषि रसायनों का भरपूर उपयोग हो रहा है। इससे भूमि की उर्वरा शक्ति प्रभावित हुई है और मानव स्वास्थ्य पर इसका सीधा असर पड़ रहा है। ऐसे दुष्प्रभावों से बचने के लिए किसानों को जागरुक करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान ऐसे अनेक विषयों पर विचार विमर्श किया गया। प्रशिक्षणार्थी, इस ज्ञान का उपयोग फील्ड में करें, जिससे किसानों को लाभ हो।
मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर के पूर्व कुलपति प्रो. प्रवीण सिंह राठौड़ ने कहा कि वर्तमान में भारत की जनसंख्या 137 करोड़ हो गई है तथा अनुमान के अनुसार 2050 तक यह बढ़कर 164 करोड़ तक पहुंच जाएगी। बढ़ती जनसंख्या हमारे लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि आज कृषि के लिए नवीनतम तकनीकों के उपयोग की जरूरत है। ऐसे प्रशिक्षण इसमें प्रभावी भूमिका निभाएंगे।
पाठ्यक्रम निदेशक प्रो. वाई. सुदर्शन ने कहा कि इक्कीस दिवसीय प्रशिक्षण में मध्यप्रदेश, राजस्थान और गुजरात के कृषि वैज्ञानिकों ने भागीदारी निभाई। यह चार कृषि विश्वविद्यालयों एवं आइसीएआर के एक केन्द्र के प्रतिनिधि थे। उन्होंने कहा कि इक्कीस दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान विषय विशेषज्ञों के मार्गदर्शन के अलावा प्रायोगिक कार्य एवं फील्ड विजिट करवाया गया।
कृषि अनुसंधान केन्द्र के क्षेत्रीय निदेशक प्रो. पी. एस. शेखावत ने आभार जताया। उन्होंने प्रशिक्षण की रूपरेखा एवं विषय पर प्रकाश डाला। इस दौरान गुजरात के डाॅ. कपिल मोहन शर्मा और पाली के डाॅ. लोकेश कुमार जैन ने प्रशिक्षण से जुड़े अनुभव साझा किए।
इससे पहले अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यह्नम की विधिवत शुरूआत की। कुलपति एवं अतिथियों ने प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए। संचालन डाॅ. सुशील कुमार ने किया। इस दौरान प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. एस. के. शर्मा, अनुसंधान निदेशक प्रो. एस. एल. गोदारा, गृह विज्ञान महाविद्यालय अधिष्ठाता डाॅ. दीपाली धवन, डाॅ. वीर सिंह, इंजी. ए. के. सिंह, डाॅ. इंद्रमोहन वर्मा, डाॅ. गोविंद सिंह सहित विभिन्न डीन-डायरेक्टर, कृषि वैज्ञानिक, प्रतिभागी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।
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