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साहित्यिक’ सांस्कृतिक चेतना जागृत करने बीकानेर का दल चैन्नेई, रामेश्वरम् की यात्रा कर रहा





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साहित्यिक’ सांस्कृतिक चेतना जागृत करने बीकानेर का दल चैन्नेई, रामेश्वरम् की यात्रा कर रहा

राजस्थानी हमारी मातृभाषा है इसे हम आखिर तक बोलते रहेंगे - जमनादास सेवग 
     बीकानेर 26 दिसम्बर | साहित्यिक’ सांस्कृतिक चेतना जागृत करने हेतु एक दल बीकानेर से चैन्नेई, रामेश्वरम् की यात्रा पर है | दल के सदस्यों का चैन्नई में बीकानेर जन जागरण मंच और प्रवासी राजस्थानी मंच (सम्पूर्ण भारत) के अध्यक्ष ब्रजगोपाल आचार्य और संरक्षक जमुनादास सेवग ने स्वागत किया | 
     बीकानेर जन जागरण मंच चैन्नई के संरक्षक जमुनादास सेवग ने कहा राजस्थानी हमारी मातृभाषा है जो यहां प्रत्येक प्रवासी के रग-रग में रची बसी है हम यहां आम बोलचाल में अपनी भाषा का प्रयोग करते हैं | हम राजस्थान के मुख्यमंत्रीजी की तारीफ़ करते हैं कि उन्होंने राजस्थानी को राज भाषा बनाने हेतु 2003 में प्रस्ताव पास कराकर केंद्र की सरकार को भेजा |

हम मुख्यमंत्रीजी से अनुरोध करते हैं कि राजस्थान में राजकाज की भाषा के रूप में इसे मान्यता देवें जिससे हमारे बच्चों का भविष्य उज्ज्वल बन सके सांस्कृतिक-साहित्यिक चेतना दल में एडवोकेट हीरालाल हर्ष, ब्रजगोपाल जोशी, रघुवीरसिंह, एन.डी.रंगा, विवेक अग्रवाल, मिताली हर्ष, श्यामा हर्ष, विजयलक्ष्मी रंगा, अखिलेश व्यास, राजेन्द्र जोशी, शिक्षाविद सुभाष जोशी के साथ 50 सदस्यों के दल ने पशुपतिनाथ, रामेश्वरम में दर्शन कर राजकाज की भाषा राजस्थानी लागू करने हेतु सरकार को सद्बुद्धि के लिए प्रार्थना की | 






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