Type Here to Get Search Results !

राजनीति : छह में से दो याद, मत भूलो गोखले, ‘लाल, बाल और पाल’

खबरों में बीकानेर 🎤 🌐

राजनीति : छह में से दो याद, मत भूलो गोखले, ‘लाल, बाल और पाल’

 / twitter, Podcast/ YouTube के साथ-साथ Facebook, Pinterest, LinkedIn और Instagram पर भी .. 👇👇👇खबरों में बीकानेर 🎤 🌐 ✍️

👇👇👇 🎤🤜 👇
Subscribe  खबरों में बीकानेर 🎤 🌐 ✍️
👆👇👆👇☝️ .. 👇👇👇

  👇
राजनीति : छह में से दो याद, मत भूलो गोखले, ‘लाल, बाल और पाल’
- मोहन थानवी
अनकहे बाजार के हम वासी है जहां जो दिखता है वही बिकता है कथन सत्य प्रतीत होता है। संभवतया इसी कारण दुनिया कितने ही महापुरुषों और अप्रिय चरित्रों को भुलाती जाती है। पौराणिक काल की बातों को हम नकारते भी हिचकते नहींं लेकिन यहां हम बीती सदी के भारत की स्वतंत्रता के लिए आंदोलनकर्ता युग परिवर्तकों को याद करें तो भारतीय इतिहास को बदलने का माद्दा रखने वाली कई शख्सियतों के नाम किताबों में तो चमकते मिल जाते हैं लेकिन जमीनी वक्तव्यों, संभाषणों और उदाहरणों में चंद नाम ही मौजूद हैं। मिसाल के तौर पर हम यहां भी ऐसे ही अनेक नामों में से मात्र छह की ही बात ...... 

👇👇 👇👇
Subscribe  खबरों में बीकानेर 🎤 🌐
👇👇👇
......
...

....... कर रहे हैं जिनमें से दो नाम महात्मा गांधी और जिन्ना प्रायः गूंजते हैं लेकिन शेष चार गोखले, ‘लाल, बाल और पाल’ इबारत सदृश्य रह गए लगते हैं। जबकि गाँधी जी के मान्य राजनीतिक परामर्शदाता गोपाल
कृष्ण गोखले तक का उल्लेख संभाषणों से प्रायः नदारद रहता है। स्मरण रहे कि गांधी जी के अफ्रीका से 1915 में भारत वापस आने से बहुत पहले 1905-07 के स्वदेशी आंदोलन के माध्यम से कांग्रेस ने..... 
...

...

..... व्यापक रूप से
मध्य वर्गों के बीच अपनी अपील का विस्तार कर लिया था। इस
आंदोलन ने कुछ प्रमुख नेताओं को जन्म दिया, जिनमें महाराष्ट्र के बाल
गंगाधर तिलक, बंगाल के विपिन चंद्र पाल और पंजाब के लाला
लाजपत राय हैं। ये तीनों ‘लाल, बाल और पाल’ के रूप में जाने जाते
थे।    ऐसे में प्रश्न कौंधता है छह में से दो ही याद, चार को क्यों भूले हम ? यह प्रश्न ...... 

...
....

..... तब तब कौंध जाता है जब जब हम इतिहास में झांकते हैं। जैसे कि गांधी जी के बारे में पढ़ते हुए। .....
....
.....
. ✍️ *फोटो लॉन* 📷🎬📸☑️*********🙏👍🙏 खबरों में बीकानेर 🎤 🌐 ✍️ ... 👇👇👇

Subscribe  खबरों में बीकानेर 🎤 🌐

👇👇👇👇

....... मोहनदास करमचंद गाँधी विदेश में दो दशक रहने के बाद जनवरी
1915 में अपनी गृहभूमि वापस आए। इन वर्षों का अधिकांश हिस्सा
उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में बिताया। यहाँ वे एक वकील के रूप में गए
थे और बाद में वे इस क्षेत्र के भारतीय समुदाय के नेता बन गए।
जैसाकि इतिहासकार चंद्रन देवनेसन ने टिप्पणी की है कि दक्षिण
अफ्रीका ने ही गाँधी जी को ‘महात्मा’ बनाया। दक्षिण अफ्रीका में ही....... 
.....
....
.....
. ✍️ *फोटो लॉन* 📷🎬📸

....... महात्मा गाँधी ने पहली बार सत्याग्रह के रूप में जानी गई अहिंसात्मक
विरोध की अपनी विशिष्ट तकनीक का इस्तेमाल किया, विभिन्न धर्मों
के बीच सौहार्द बढ़ाने का प्रयास किया तथा उच्च जातीय भारतीयों को
निम्न जातियों और महिलाओं के प्रति भेदभाव वाले व्यवहार के लिए
चेतावनी दी।
1915 में जब महात्मा गाँधी भारत आए तो उस समय....... 

.....
....
.....
. ✍️ *फोटो लॉन* 📷🎬📸

....... का भारत
1893 में जब वे यहाँ से गए थे तब के समय से अपेक्षाकृत भिन्न था।
यद्यपि यह अभी भी एक ब्रिटिश उपनिवेश था लेकिन अब यह
राजनीतिक दृष्टि से कहीं अधिक सक्रिय हो गया था। अधिकांश प्रमुख
शहरों और कस्बों में अब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की शाखाएँ थीं।
1905-07 के स्वदेशी आंदोलन के माध्यम से इसने व्यापक रूप से
मध्य वर्गों के बीच अपनी अपील का विस्तार कर लिया था। इस
आंदोलन ने कुछ प्रमुख नेताओं को जन्म दिया, जिनमें महाराष्ट्र के बाल
गंगाधर तिलक, बंगाल के विपिन चंद्र पाल और पंजाब के लाला
लाजपत राय हैं। ये तीनों ‘लाल, बाल और पाल’ के रूप में जाने जाते
थे। इन तीनों का यह....... 

.....
....
.....
. ✍️ *फोटो लॉन* 📷🎬📸

....... जोड़ उनके संघर्ष के अखिल
भारतीय चरित्र की सूचना देता था क्योंकि तीनों के
मूल निवास क्षेत्र एक दूसरे से बहुत दूर थे। इन
नेताओं ने जहाँ औपनिवेशिक शासन के प्रति लड़ाकू
विरोध का समर्थन किया वहीं ‘उदारवादियों’ का
एक समूह था जो एक क्रमिक व लगातार प्रयास
करते रहने के विचार का हिमायती था। इन उदारवादियों
में गाँधी जी के मान्य राजनीतिक परामर्शदाता गोपाल
कृष्ण गोखले के साथ ही मोहम्मद अली जिन्ना थे,
जो गाँधी जी की ही तरह गुजराती मूल के लंदन में
प्रशिक्षित वकील थे।
गोखले ने गाँधी जी को एक वर्ष तक ब्रिटिश
भारत की यात्रा करने की सलाह दी जिससे कि वे
इस भूमि और इसके लोगों को जान सकें।


( प्रश्न की स्रोत सामग्री - महात्मा गांधी और राष्ट्रीय आंदोलन पुस्तक { 2018-19 } के पृष्ठ 347 से साभार)


Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Hollywood Movies