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सतर्कता समितियां लोगों से समझाईश करें, नहरबंदी के दौरान पानी की किल्लत नहीं होगी - संभागीय आयुक्त मीना
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सतर्कता समितियां लोगों से समझाईश करें, नहरबंदी के दौरान पानी की किल्लत नहीं होगी - संभागीय आयुक्त मीना
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सतर्कता समितियां लोगों से समझाईश करें, नहरबंदी के दौरान पानी की किल्लत नहीं होगी - संभागीय आयुक्त मीना
बीकानेर, 14 मार्च। संभागीय आयुक्त हनुमान सहाय.मीना ने कहा है कि 25 मार्च से 24 अप्रेल तक प्रस्तावित नहर बंदी के दौरान पानी के भंडारण,आपूर्ति व पेयजल की स्वच्छता के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। प्रशासनिक व पुलिस के अधिकारी पानी की चोरी, अपव्यय को रोकने के लिए नियमित भ्रमण करें। पानी चोरी करने वालों के खिलाफ पुलिस थानों में एफ.आई. दर्ज करवावें।
संभागीय आयुक्त गुरुवार को अपने सभा कक्ष में संभाग के प्रशासनिक,पुलिस, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी,सिंचाई व इंदिरा गांधी नहर परियोजना के अधिकारियों की बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि संभाग के कुछ जिलों का क्षेत्र बोर्डर एरिया में आता है। बोर्डर क्षेत्र में सीमावर्ती क्षेत्र की सुरक्षा में लगे सीमा सुरक्षा बल व अन्य जवानों को व गांव-ढाणी में बैठे लोगों को समूचित मात्रा में पेयजल मिले इसके पुख्ता इंतजाम करें। उन्होंने कहा कि संभाग के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में सतर्कता समितियों का गठन हो रखा है, इन समितियों के माध्यम से पेयजल के सदुपयोग व पानी की बचत के बारे में आम लोगों को समझाईश करें। ऐसा होने से सकारात्मक परिणाम आएंगे और पानी का उपयोग लोग जरूरत के मुताबिक करेंगे और पूरे संभाग में नहर बंदी के दौरान पानी की किल्लत नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि नहर बंदी होना सतत् प्रक्रिया का हिस्सा है। संभाग में नहर बंदी से पूर्व काश्तकारों के खेतों में निर्मित डिग्गियों में पानी का भंडारण भी सिंचाई विभाग, संबंधित काश्तकारों के स्तर पर करवाया जाना आवश्यक है,जिससे कि पीने के अतिरिक्त अन्य उपयोग का पानी डिग्गियों में से लिया जा सके। उन्होंने कहा कि पानी के भंडारण के लिए रिजवायर बने हुए है,जिनको नहर बंदी से पूर्व भरना आवश्यक है एवं इनको भरने की कार्यवाही तत्परता से की जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित कर लिया जाए कि भंडारण किया हुआ पानी पूर्णतया शुद्ध व पीने योग्य हो। इसके लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की मदद लेकर जरूरत के भण्डारित पानी में दवा का उपयोग चिकित्सकीय सलाह के अनुसार किया जाए।
पानी की चोरी रोकने के पुख्ता प्रबंध-
हनुमान सहाय मीना ने कहा कि नहर बंदी के दौरान भंडारित पानी की सुरक्षा के भी पक्के बंदोबस्त किए जाएं। सिंचाई व नहर विभाग के अधिकारी ऐसे स्थानों को चिन्हित करें,जहां पानी की चोरी होने की संभावना रहती है अथवा ऐसे स्थानों पर जहां पानी चोरी करते हुए लोगों को पकड़ा गया है,उनकी सूची संबंधित क्षेत्र के प्रशासनिक अधिकारी को उपलब्ध करवावें, जिससे पुलिस के साथ मिलकर पानी की चोरी रोकने की प्रभावी कार्यवाही की जा सकें। जलदाय विभाग, नहर व सिंचाई विभाग के अधिकारी भी लगातार भ्रमण कर यह सुनिश्चित करेंगे कि पानी की चोरी नहीं हो रही है। अगर कहीं पानी की चोरी करते हुए कोई व्यक्ति ध्यान में आएं तो तत्काल उसके विरुद्ध एफ.आई.आर.दर्ज करवाई जाए।
’’जल ही जीवन है’’-संभागीय आयुक्त ने कहा कि ’’जल ही जीवन है’’ श्रेष्ठ वाक्य का अनुसरण करते हुए जल की एक-एक बंूद का सदुपयोग करें तथा जल की स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें। जल भंडारण स्थल पर पेड़-पौधे रहने के कारण पेड़ के पत्ते व टहनियां उसमें गिर जाती है तथा पानी का रंग हरा हो जाता है। भंडारण से पहले सफाई व पेड़ों की छंटाई का कार्य भी करवाया जाए। इसके लिए वन विभाग की मदद ली जाए।
संभागीय आयुक्त ने कहा कि नहर बंदी के दौरान आम जन के साथ पशुधन सर्वाधिक प्रभावित होता है। अनेक लोगों की आजीविका पशु पालन पर निर्भर है। नहर बंदी के दौरान पशुओं को पूर्ण पानी मिले इसके लिए ग्रामीण क्षेत्र की पशुओं के पेयजल की खेळियों में भी पानी का भंडारण रखा जाए। नहर बंदी के दौरान संबंधित विभाग समन्वय के साथ व्यवस्थाओें की माॅनिटरिंग करेंगे। उन्होंने कहा कि अवैध कनेक्शन चिन्हीत कर,उन्हें तत्काल हटाया जाए।
पानी भंडारण की बनाएं कार्य योजना- संभागीय आयुक्त ने कहा कि बीकानेर संभाग का एक बड़ा क्षेत्र सीमावर्ती क्षेत्र में आता है और यहां सीमांत क्षेत्र विकास योजना के तहत पानी, बिजली व चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार के लिए बड़ी धनराशि जिला प्रशासन को जिला परिषद के माध्यम से उपलब्ध करवाई जाती है। ऐसे में प्रशासनिक व नहर विभाग के अधिकारी ऐसी कार्य योजना बनाएं जिसमें पानी भंडारण के लिए स्त्रोत विकसित हो सके। यह कार्य योजना आगामी 20 साल के लिए बनाई जाये। बैठक में बीकानेर, श्रीगंगानगर, चूरू व हनुमानगढ़ के प्रशासनिक, नहर, सिंचाई, इंदिरा गांधी नहर परियोजना व पुलिस के अधिकारी मौजूद थे।
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