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एसकेआरएयू:लूणकरणसर में आयोजित हुआ जिला स्तरीय किसान मेला

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एसकेआरएयू:लूणकरणसर में आयोजित हुआ जिला स्तरीय किसान मेला
खेती की नई तकनीकें अपनाएं किसान-मेघवाल


बीकानेर, 7 मार्च। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा गुरुवार को लूणकरणसर के कृषि विज्ञान केंद्र में जिला स्तरीय किसान मेला आयोजित किया गया।

भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद- कृषि तकनीकी अनुप्रयोग संस्थान (अटारी) द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत आयोजित मेले के मुख्य अतिथि केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास, गंगा संरक्षण एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल थे। विशिष्ट अतिथि लूणकरणसर विधायक सुमित गोदारा तथा अटारी के निदेशक डॉ. एस के सिंह थे। अध्यक्षता एसकेआरएयू के कुलपति प्रो. विष्णु शर्मा ने की। मेले की शुरुआत माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ हुई। इसके बाद विश्वविद्यालय का कुलगीत प्रस्तुत किया गया। प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. एस. के. शर्मा ने स्वागत उदबोधन देते हुए निदेशालय की विभिन्न गतिविधियों, किसान मेले के उद्देश्यों एवं उपादेयता के बारे में जानकारी दी। 

केंद्रीय जल संसाधन राज्यमंत्री मेघवाल ने कहा कि किसान, खेती की नवीनतम तकनीकें अपनाएं। उन्होंने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के संकल्प को दोहराया तथा कहा कि इसके लिए सरकार ने अनेक कल्याणकारी कदम उठाएं हैं। उन्होंने सरकार की विभिन्न योजनाओं तथा इस वर्ष के अंतरिम बजट में किसानों के लिए किए गए प्रावधानों के बारे में बताया।

लूणकरणसर विधायक सुमित गोदारा ने कहा कि शिक्षित-विकसित लूणकरणसर की अवधारणा तभी सार्थक होगी, जब यहां के किसान समृद्ध और सशक्त होंगे। उन्होंने किसानों से कृषि विज्ञान केंद्र का लाभ उठाने का  आह्वान किया। अटारी निदेशक डॉ. सिंह ने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र, मिनी विश्वविद्यालय हैं। जहां कृषि विशेषज्ञों की सेवाएं प्राप्त होती हैं। उन्होंने कहा कि देशभर में 706 कृषि विज्ञान केंद्र कार्यरत हैं। शीघ्र ही 39 नए केंद्र स्थापित किए जाने की योजना है। 

कुलपति प्रो. विष्णु शर्मा ने कहा कि राज्य के चार जिलों में किसान मेले आयोजित होंगे, लूणकरणसर इनमें से एक है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन किसानों के लिए हो रहे हैं। किसान इनका भरपूर लाभ उठाएं। विशेषज्ञों से नई तकनीकें सीखें, उन्हें आजमाएं तथा कृषि वैज्ञानिकों को अपने अनुभव बताएं।

अतिथियों ने किया साहित्य का विमोचन-
इस अवसर पर अतिथियों ने कृषि विज्ञान केंद्र लूणकरणसर द्वारा प्रकाशित पुस्तक 'केंद्र व राज्य सरकार की कृषक कल्याणकारी योजनाएं एवं कार्यक्रम' तथा 'नैपसेक स्प्रेयर का खरपतवारनाशी के छिड़काव में उपयोग' एवं फोल्डर 'सब्जियों में नर्सरी प्रबंधन' तथा 'कृषि विज्ञान केंद्र:एक परिचय' का विमोचन  किया। इस दौरान 18 केवाईडी खाजूवाला के जसविंद्र सिंह एवं अमरचंद, 20 केवाईडी के शकील, 4 सीएचडी छत्तरगढ़ के सुशील कुमार तथा 4 एआरएम के सज्जन कुमार को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किये गए।

पुरस्कृत हुए किसान-
कार्यक्रम के दौरान अतिथियों ने बेर उत्पादन के लिए मनोज कुमार, किन्नू के लिए बाघाराम, निम्बू के लिए सुभाषचंद्र, बेलपत्र के लिए पूरननाथ, अनार के लिए मनोज, मूली के लिए महावीर, गाजर के लिए हंसराज, प्याज के लिए मुकेश शर्मा, गोभी के लिए महेंद्र चौधरी, खीरा के लिए सुनीता चौधरी, मटर के लिए गोपी राम, पालक और चुकंदर के लिए डूंगरराम को पुरस्कृत किया गया। वहीं शलजम के लिए भागीरथ तथा लहसुन उत्पादन के लिए मुकेश कुमार शर्मा पुरस्कृत हुए।

बाजरे के केक, ऊंटनी के दूध के उत्पाद और कृषि संयंत्र मॉडल रहे आकर्षण का केंद्र-
मेले में 40 से अधिक स्टॉल्स लगाई गई। इनमें केंद्रीय शुष्क बागवानी संस्थान की स्टाल पर बेरगोला, सेव बेर, उमरान बेर तथा कैथली बेर सहित आलू, ककड़ी और अनार की विभिन्न किस्में, गृह विज्ञान महाविद्यालय के स्टाल पर बाजरे के मूल्य संवर्धित उत्पाद, कृषि विभाग की स्टाल पर ड्रिप संयंत्र, सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल, वर्मी कम्पोस्ट यूनिट, पोली हाउस, शेडनेट हाउस तथा लो टनल के मॉडल विशेष आकर्षण का केंद्र रहे। इसी प्रकार राजुवास की स्टाल पर अजोला घास यूनिट तथा राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केंद्र की स्टाल पर ऊंटनी के दूध से बने उत्पादों को किसानों ने जमकर सराहा। फल-सब्जी परिरक्षण में किशनाराम, मूल्य संवर्धन में लक्ष्मीदेवी और हस्तशिल्प में सुमन को पुरस्कार दिए गए। बेस्ट स्टाल का प्रथम पुरस्कार केंद्रीय शुष्क बागवानी संस्थान, दूसरा कृषि विज्ञान केंद्र सरदारशहर-चूरू तथा तीसरा राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसन्धान केंद्र को प्राप्त हुआ। कृषि विज्ञान केंद्र लूणकरणसर के प्रभारी डॉ. आर. के. शिवरान ने आभार जताया। 

कार्यक्रम का संचालन डॉ. बृजेन्द्र त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम में काजरी बीकानेर के अध्यक्ष डॉ. एन. डी. यादव, पूर्व अनुसन्धान निदेशक डॉ. गोविंद सिंह सहित विश्वविद्यालय के डीन, डायरेक्टर, कार्मिक तथा बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।



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