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माँगे माने जाने तक अवकाश पर डटे रहेंगे एनएचएम कार्मिक

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राजस्थान एनएचएम संविदा कार्मिक महासंघ, बीकानेर
                     

कैसे टीबी हारेगा और देश जीतेगा ?
माँगे माने जाने तक अवकाश पर डटे रहेंगे एनएचएम कार्मिक
नर्सेज यूनियन भी उतरी समर्थन में
जयपुर में अधिकारीयों से हुई वार्ता विफल
कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन कर चिकित्सा मंत्री के नाम दिया ज्ञापन
 
बीकानेर। टीबी जांच के लिए निक्षय आईडी बनाने से लेकर रोगियों को मासिक 500 रूपए भुगतान का काम रुक गया है। कारण एनएचएम संविदा कार्मिकों का सामूहिक अवकाश। आरएनटीसीपी कार्यक्रम में कार्यरत 29 संविदाकर्मी भी इसमें शामिल हैं। पेरीफेरी से नए रेफरल भेजने को मनाही हो गई है। कमोबेश यही हाल पूरे राज्य का है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि कैसे टीबी हारेगा और देश जीतेगा ? संविदा कार्मिकों के सामूहिक अवकाश के चलते ऐसी कई स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हो रही हैं। बुधवार को आंदोलन की समाप्ति के लिए प्रथम प्रयास के रूप में एनएचएम यूनियन की अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग रोहित सिंह, मिशन निदेशक एनएचएम डॉ. समित  शर्मा व परियोजना निदेशक प्रीति माथुर के साथ जयपुर में वार्ता भी हुई लेकिन वार्ता में कोई हल नही निकल पाया। इसी बीच जिला अस्पताल में एसीडी कार्यक्रम के अंतर्गत कार्यरत स्टाफ ने भी अधीक्षक डॉ. बी. एल. हटीला  को ज्ञापन देकर सामूहिक अवकाश पर आ गए।
एनएचएम संघ की जिला इकाई द्वारा बुधवार को कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन कर चिकित्सा मंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया। जिला सदस्य राजेश सिंगोदिया ने बताया कि राज्य स्तर पर वार्ता के बाद अवकाश समाप्ति की उम्मीद थी लेकिन राज्य सरकार की उदासीनता के कारण वार्ता से कोई हल नही निकल सका जिसके चलते सभी सदस्यों द्वारा सामुहिक अवकाश जारी रखने का निर्णय लिया हैं। उन्होंने बताया कि भारत सरकार से स्वीकृत वेतन वृद्धि भी सरकार कार्मिको को नही दे रही हैं। फ्लोरोसिस इकाई के कार्मिकों के मामलों का माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार निपटारा भी नहीं हो रहा। गौरतलब हैं कि कांग्रेस ने अपने जनघोषणा पत्र में समस्त संविदा कार्मिको के नियमितीकरण का वादा किया था। लेकिन वर्तमान में कमेटी, सब कमेटी बना कर सरकार इस मामले में ढुलमुल नीति अपना रही हैं। इस सामुहिक अवकाश के चलते विभागीय सेवायें प्रभावित हो रही हैं, जिनमें मौसमी बीमारी नियंत्रण, गैर संचारी रोग नियंत्रण, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, तम्बाकू नियंत्रण, आयुष सेवाएं, फिजिओथेरेपी, मुख व कर्ण स्वास्थ्य सेवाएं इत्यादि व राजश्री योजना आदि के लाभार्थी प्रभावित हो रहे हैं। साथ ही इनके प्रचार प्रसार, रिपोर्टिंग एवं भुगतान सम्बंधी कार्य अटक गये हैं।

नर्सेज यूनियन भी उतरी समर्थन में
बुधवार को नर्सेज यूनियन ने भी एन एच एम संविदा कर्मियों की मांगों का समर्थन कर दिया है। नर्सेज युनियन के जिला अध्यक्ष साजिद पड़िहार ने बताया कि वर्षों से स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ बने एन एच एम संविदा कर्मियों का अब तो नियमितीकरण होना ही चाहिए। संविदा कर्मियों की मांगों को जायज बताते हुए उनके समर्थन में बड़े कदम उठाने का एलान भी किया है।




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