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बीकानेर पुलिस ने दिल्ली के हाईप्रोफाइल ठग गैंग का पर्दाफाश किया, 55 लाख की ठगी का हुआ खुलासा

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बीकानेर पुलिस ने दिल्ली के हाईप्रोफाइल ठग गैंग का पर्दाफाश किया, 55 लाख की ठगी का हुआ खुलासा
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बीकानेर पुलिस ने दिल्ली के हाईप्रोफाइल ठग गैंग का पर्दाफाश किया, 55 लाख की ठगी का हुआ खुलासा

बीकानेर । पॉलिसी के नाम पर बोनस का लालच देकर बीकानेर के एक व्यक्ति के साथ 55 लाख रुपए की ठगी करने के मामले में बीकानेर पुलिस ने एक गैंग का खुलासा किया है। पुलिस ने इस मामले में हाईप्रोफाइल जिंदगी जीने के शौकीन आरोपियों के पास से मोबाइल, लेपटॉप और एक गाड़ी बरामद की है। गिरफ्तार आरोपी मोहसिन अहमद दिल्ली के सुभाषनगर इलाके का रहने वाला है, जबकि दो अन्य आरोपी अभिषेक शर्मा व हेमंत ठाकुर दिल्ली के ज्योतिनगर सहादरा के रहने वाले हैं। पुलिस ने आरोपियों को अदालत में पेश करने के बाद दो दिन के रिमांड पर लिया है।

फोन पर मिले निर्देश...

बीकानेर निवासी सतीश कुमार पाण्डे पुत्र बजरंग पाण्डे (रिटायर्ड नगर निगम कर्मचारी) द्वारा 17 अगस्त 2018 को पुलिस थाना सदर को एक लिखित रिपोर्ट पेश की। इसमें बताया गया कि वर्ष 2009 में मैने बजाज एलाईन्स लाईफ इंश्योरेन्स कंपनी की 60000 रुपये की पॉलिसी ली थी, एजेंट द्वारा बताया गया कि ये पॉलिसी दस साल की है व हर साल साठ हजार रुपये जमा करवाने है। वर्ष 2013 में मेरे पास एक कॉल आया जिस व्यक्ति ने अपना नाम प्रेमचंद नागा जो अपने आपको वित विभाग, नई दिल्ली का अधिकारी होना बताया। उसने मुझे कहा कि मेरे बताये अनुसार संबंधित खातों में आप अपनी पॉलिसी की राशि जमा करवा देवें। आपको अपनी पॉलिसी की जमा राशि व ब्याज सरकार द्वारा जमा करवा दिये जायेंगे। इस प्रकार 2013 से 2018 तक अलग-अलग नामों से मेरे पास फोन आने लगे और मैं उनके झांसे में आकर ठगी का शिकार हो गया और उनके द्वारा बताये गये खातों में लगभग 55 लाख रुपये जमा करवा दिये।
मामले को ट्रेस करने के लिए बनाई टीम
सदर थाना पुलिस ने परिवादी की रिपोर्ट पर यह मामला आईपीसी की धारा 420, 406 में पंजीबद्घ किया। मामले की जांच उपनिरीक्षक गौरव खिडिया को सौंपी गई। मामला किसी व्यक्ति की जीवन भर की पूंजी से जुड़ा हुआ था। लिहाजा इसकी गंभीरता को देखते हुये पुलिस अधीक्षक बीकानेर के निर्देशन में सदर थानाधिकारी मुकेश कुमार सोनी (आरपीएस प्रोबे.), उपनिरीक्षक ऋषिराज सिंह, उपनिरीक्षक गौरव खिडिया, पुलिस अधीक्षक कार्यालय के साईबर सेल के कानि दीपक यादव की टीम गठित कर मामले को ट्रेस आउट करने के निर्देश दिये गये।

भूसे के ढेर से खोज निकाली सुई

उपनिरीक्षक गौरव खिड़िया व साईबर सेल के दीपक यादव ने आरोपियों द्वारा घटना में प्रयुक्त मोबाईल नंबर, बैंक खातों व अन्य सोशल साईटों का विस्तृत विश्लेषण किया गया तो सामने आया कि आरोपियों द्वारा वर्ष 2013 से 2018 तक परिवादी को ठगी का शिकार बना रहे हैं, साथ में देशभर के अन्य लोगों को भी पॉलिसी के बोनस का लालच देकर ठगी कर रहे है। ये आरोपी ठगी करने की वारदात करने के लिये नये-नये मोबाइल नंबर व बैंक खातों का उपयोग करते हैं। गठित टीम द्वारा आईपी मेल, दिल्ली, गोवा, यूपी के बीटीएस व एयर लाईन्स व फ्लाईट चार्ट पर 6 महीने तक प्रयास करके हजारों मोबाइल नंबरों में से मुल्जिम का वास्तविक मोबाइल नंबर प्राप्त किया जो आरोपी के पास में थे और जो ठगी में प्रयुक्त मोबाइल नंबर व आरोपी के वास्तविक नंबर का विश्लेषण किया गया तो पाया कि उनमें काफी अवांछित कॉल व एक समान लॉकेशन मिलती रही जिससे ये सुनिश्चित हो गया कि आरोपियों द्वारा ये मोबाइल नंबर काम में लिया जा रहा है

पुलिस ने ऐसे एड्रेस खोजा

आरोपी कम्प्यूटर तकनीकी में काफी एक्सपर्ट थे, इसी कारण आरोपियों ने अवैध मोबाइल, बैंक खाते व अन्य दस्तावेजों का संकलन कर लिया। आरोपियों ने अपने वास्तविक नंबरों से ऑन लाईन शॉपिंग किया करते थे, जिनमें से एक फूड हॉम डिलीवरी करने वाली एक जॉमेटो कंपनी भी थी, जॉमेटो कंपनी से आरोपियों की ऑर्डर डिलीवरी एड्रेस प्राप्त कर अनुसंधान अधिकारी गौरव खिडिया के नेतृत्व में कांस्टेबल जगदीश व अशोक कुमार को आरोपियों की गिरफ्तारी के लिये दिल्ली रवाना किया गया। दिल्ली पहुंचकर जोमेटो द्वारा बताया गये घर व ऑफिस की तस्दीक की गई। इसके बाद पुलिस टीम ने गिरफ्तार कर पुलिस थाना सदर जिला बीकानेर लाया गया।


आरोपियों से बरामद हुआ ये सामान


पुलिस ने बताया कि आरोपियों से 23 मोबाइल, दो लैपटॉप, कैन्ट महिन्द्रा फोर व्हीलर गाड़ी व लगभग 20 लाख रुपये, आरोपियों के खातों में फ्रीज करवाये गये व ठगी की वारदात में प्रयुक्त दस्तावेज प्राप्त किये।

सीनियर सिटीजन और महिलाओं को बनाते थे निशाना

ये आरोपी सीनीयर सिटीजन लोगों को व महिलाओं को बीमा के लाभांश का झांसा देकर उनसे ठगी करते थे और उनसे किस्तों में रुपये अपने खातो में जमा करवा लेते और नेट बैंकिग के माध्यम से अपने चिन्हित खातों में रुपये ट्रांसफर कर लेते थे।
पर्दाफाश करने वाले मुख्य किरदार
प्रकरण के दर्ज होने से आरोपियों के गिरफ्तार होने तक उपनिरीक्षक गौरव खिडिया, उपनिरीक्षक अजय कुमार, साईबर सेल के कांस्टेबल दीपक यादव का योगदान रहा।

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