एमजीएसयू में रामायण पुनरावलोकन पर राष्ट्रीय संगोष्ठी 17-18 जनवरी को होगी
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एमजीएसयू में रामायण पुनरावलोकन पर राष्ट्रीय संगोष्ठी 17-18 जनवरी को होगी
बीकानेर 15 जनवरी 2019 । महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग एवम् मदन मोहन मालवीय मूल्य शिक्षा केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में रामायण : पुनरावलोकन (रिविजिटिंग रामायण) विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन दिनांक 17-18 जनवरी को होगा। संगोष्ठी में रामायण की सामयिकता एवम् साहित्यकता के विविध आयामों पर चर्चा होगी।
संगोष्ठी में देश के विभिन्न भागों से लगभग 200 प्रतिभागी भाग लेंगे। उद्घाटन सत्र् में मुख्यवक्ता शिक्षाविद् हनुमान सिंह होंगे। आतिथ्य कोटा विश्वविद्यालय, कोटा के पूर्व कुलपति प्रो. पी. के. दशोरा का रहेगा। अध्यक्षता महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. भगीरथ सिंह करेंगे। विशिष्ठ अतिथि राजस्थानी भाषा, साहित्य एवम् संस्कृति अकादमी के पूर्व अध्यक्ष प्रो. देव कोठारी एवम् भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान, हैदराबाद के पूर्व आचार्य डॉ. नन्द किशोर आचार्य होंगे।
संगोष्ठी के बारे मे जानकारी देते हुए संगोष्ठी निदेशक एवम् अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो. एस.के. अग्रवाल ने बताया कि संगोष्ठी में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. एस.पी. शुक्ला, प्रो. कुसुमलता एवम् प्रो. राजकुमार वर्मा, प्रो. रेखा बेनीवाल, इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, दिल्ली के पूर्व कुलपति प्रो. अनूप बेनीवाल, जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर की प्रो. कल्पना पुरोहित, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर की पूर्व प्रोफेसर राजुल भार्गव, प्रो. जया चक्रवती, प्रो. बीना अग्रवाल, हिसार विश्वविद्यालय के प्रो. किशनाराम संदर्भ व्यक्ति के रूप में भाग लेंगे।
इसके अतिरिक्त राजस्थान, हरियाण, पंजाब, गुजरात विश्ववि़द्यालय एवम् महाविद्यालयों के लगभग 200 प्राध्यापक एवम् शोधार्थी भाग लेंगे। संगोष्ठी का समापन सत्र 18 जनवरी को अपरान्ह 12ः30 बजे होगा।
आयोजन सचिव डॉ. सीमा शर्मा ने बताया कि संगोष्ठी में प्रतिभागिता हेतु रू.500/- का पंजीकरण शुल्क रखा गया है। प्रतिभागिता हेतु पंजीकरण संगोष्ठी स्थल पर भी करवाया जा सकता है। सहायक आचार्य डॉ. प्रगति सोबती ने बताया कि अंग्रेजी विभाग द्वारा इस संगोष्ठी के माध्यम से यह संदेश दिया जायेगा कि अंग्रेजी विभाग की भूमिका स्वात़त्र्यात्तोर भारत में परिवर्तित हो गई है। सहायक आचार्य संतोष कंवर शेखावत ने बताया कि संगोष्ठी हेतु सम्पूर्ण तैयारियां कर ली गई है। संगोष्ठी में प्राप्त सुझावों को कुलाधिपति महोदय को प्रेषित किया जायेगा।
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एमजीएसयू में रामायण पुनरावलोकन पर राष्ट्रीय संगोष्ठी 17-18 जनवरी को होगी
बीकानेर 15 जनवरी 2019 । महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग एवम् मदन मोहन मालवीय मूल्य शिक्षा केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में रामायण : पुनरावलोकन (रिविजिटिंग रामायण) विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन दिनांक 17-18 जनवरी को होगा। संगोष्ठी में रामायण की सामयिकता एवम् साहित्यकता के विविध आयामों पर चर्चा होगी।
संगोष्ठी में देश के विभिन्न भागों से लगभग 200 प्रतिभागी भाग लेंगे। उद्घाटन सत्र् में मुख्यवक्ता शिक्षाविद् हनुमान सिंह होंगे। आतिथ्य कोटा विश्वविद्यालय, कोटा के पूर्व कुलपति प्रो. पी. के. दशोरा का रहेगा। अध्यक्षता महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. भगीरथ सिंह करेंगे। विशिष्ठ अतिथि राजस्थानी भाषा, साहित्य एवम् संस्कृति अकादमी के पूर्व अध्यक्ष प्रो. देव कोठारी एवम् भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान, हैदराबाद के पूर्व आचार्य डॉ. नन्द किशोर आचार्य होंगे।
संगोष्ठी के बारे मे जानकारी देते हुए संगोष्ठी निदेशक एवम् अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो. एस.के. अग्रवाल ने बताया कि संगोष्ठी में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. एस.पी. शुक्ला, प्रो. कुसुमलता एवम् प्रो. राजकुमार वर्मा, प्रो. रेखा बेनीवाल, इन्द्रप्रस्थ विश्वविद्यालय, दिल्ली के पूर्व कुलपति प्रो. अनूप बेनीवाल, जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर की प्रो. कल्पना पुरोहित, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर की पूर्व प्रोफेसर राजुल भार्गव, प्रो. जया चक्रवती, प्रो. बीना अग्रवाल, हिसार विश्वविद्यालय के प्रो. किशनाराम संदर्भ व्यक्ति के रूप में भाग लेंगे।
इसके अतिरिक्त राजस्थान, हरियाण, पंजाब, गुजरात विश्ववि़द्यालय एवम् महाविद्यालयों के लगभग 200 प्राध्यापक एवम् शोधार्थी भाग लेंगे। संगोष्ठी का समापन सत्र 18 जनवरी को अपरान्ह 12ः30 बजे होगा।
आयोजन सचिव डॉ. सीमा शर्मा ने बताया कि संगोष्ठी में प्रतिभागिता हेतु रू.500/- का पंजीकरण शुल्क रखा गया है। प्रतिभागिता हेतु पंजीकरण संगोष्ठी स्थल पर भी करवाया जा सकता है। सहायक आचार्य डॉ. प्रगति सोबती ने बताया कि अंग्रेजी विभाग द्वारा इस संगोष्ठी के माध्यम से यह संदेश दिया जायेगा कि अंग्रेजी विभाग की भूमिका स्वात़त्र्यात्तोर भारत में परिवर्तित हो गई है। सहायक आचार्य संतोष कंवर शेखावत ने बताया कि संगोष्ठी हेतु सम्पूर्ण तैयारियां कर ली गई है। संगोष्ठी में प्राप्त सुझावों को कुलाधिपति महोदय को प्रेषित किया जायेगा।
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