photo - Aalam Husain Sindhi BKN |
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बर्फानी ओढणी सूं बारै आ पूग्या मरुधरा रौ जहाज देखण नै
बीकानेर। अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव मांय राजस्थानी, खासतौर सूं मरुनगरी रा लोक रंग मांय देश विदेश रै पावणां नै आपणोपण दिस्यौ।
लोकवाद्यों री ताण सुकून दिरायो। बाळू रा लहरदार धोरां माथै दिन भर
मुळकती धूप अ‘र ठंडी टीर रात्यां मांय इनै सूं बिनै थिरकती चांदनी।
फेस्टीवल रौ आखिरी दिन स्टेडियम में परंपरागत रूप सूं सज्योड़ा धज्योड़ा
ऊंट। उमंग-उल्लास अ‘र उत्साह सूं गावंता नाचता लोक कलाकार। इण सब रौ
हिवड़ै तांईं खुशी भरियोड़ा आनंद सूं निहारता सैलानियों रा झुंड। रेत रै
इण समन्दर बिचाळै बस्योड़ो बीकाणे रौ ओ रूप ही तो सावन बीकानेर री
लोकोक्ति पछै अबै पूस री रात बीकानेर री नूवीं नकोर-उक्ति रच रैयो है।
मरुनगरी बीकानेर। राव बीकाजी रौ बीकाणो। अठै सावन मांय प्रवासी तो पूगणा
तय ही है। अबै नूवां आयाम स्थापित कर रैया है देश विदेश रा सैलानी। सावन
नीं पण पूस री रात बितावणनै। हां जी। विगत मंे कुछ बरसां सूं अठै पौष
मास में यानी जनवरी महीने में अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव (camel fastival)
मनायो जावै । चांदनी रात्यां में लाडेरा रा चिमकता धोरां अ‘र शहर रै
विशाल डा करणी सिंह स्टेडियम में तीन दिनां रौ ऊंट उत्सव मनाइजै। इण रै
ठोड़ लोकरंगा नै साकार होवता देखण रा शौकीन जवानां रौ वर्ग तो आकरसन में
बंध्यो इज है। विदेशी पर्यटक भी खूब पहुंचै।
बर्फ री चादर सूं ढक्योड़ी जमीन नै देखणिया विदेशी पर्यटकां नै अठे रेत
रै टीबां माथै भागता दौड़ता ऊंटां रा टोळा अ‘र उणारी कलाबाजियां सूं
भरयोड़ा करतब
देखणै रौ अनुभव रोमांचित तो करै इ है। ओ इ रोमांच लगोलग सालोसाल पर्यटकों
री गिणती बढ़ावण में सैयोग करै। फेस्टीवल मायं फगत ऊंटों रा टोळा इ नीं
पण मरु भूमि रै लोक जीवन रौ भी आकरसण है। विदेशी युवतियों खातिर पर्यटन
विभाग अबकी साल मिस मरवण होडाहोड राखी जिकी खास आकरसण रैयी। 26 जनवरी
2013 से 28 जनवरी 13 तांई रो तीन दिनां रौ केमल फेस्टीवल पैलीपोत रा दो
दिन कन्नै रै गांव लाडेरा रै धोरा माथै धमाल सूं मनायो गयो। आखिरी अंतिम
सोमवार नै स्टेडियम में लोक संगीत और परंपरागत पहरावे में कलाकारां री
रंगारंग प्रस्तुतियां सूं पर्यटक मंत्रमुग्ध होया। जय बीकाणा।
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