Type Here to Get Search Results !

तारीख भी क्या कमाल करती...रोशन राहों पे ला सजा देती है...

तारीख भी क्या कमाल करती है 

तारीख भी क्या कमाल करती है
चेहरे पे चेहरे लगा
औरों को
मोहरा बनाने वालों को
स्याह कोठरी से निकाल
रोशन राहों पे ला सजा देती है
तारीख भी क्या कमाल करती है
कैलेंडर के पन्नों में खुद बदल जाती
दुनिया में इतिहास बदल देती है
घंटे पहले डुबो देती सूरज
और छह घंटे बाद
फिर
सूरज उगा देती है
तारीख भी क्या कमाल करती है
चेहरे पे चेहरे लगा
औरों को मोहरा बनाने वालों को
स्याह कोठरी से निकाल
रोशन राहों पे ला सजा देती है

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Hollywood Movies