गीत जीत रा गावां ला जी... करणी माता जावांला... देशनोक में करणीमाता जी के भी दर्शन किए तो अहमदबाद से आए भतीजे पिंटू ने काबा के दर्शनार्थ बहुत जतन किए... श्वेत काबा को तो कैमरे में नहीं ला सके...
विचारों और भावनाओं को शब्द देने का प्रयास करता हूं
हिंदी, सिंधी और राजस्थानी भाषा में उपन्यास, नाटक, कहानियां, कविताएं लिखी हैं।
पत्रकारिता से जीवनयापन, ब्लॉगर हूं, अखबारों के लिए लिखता हूं।
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