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25 नवंबर 2025 मंगलवार
खबरों में बीकानेर
✒️@Mohan Thanvi
दुनिया का सबसे बड़ा संविधान बना बाबा साहेब ने देश के निर्माण में दिया अमूल्य योगदान : अर्जुन राम मेघवाल
प्रधानमंत्री ने 26 नवम्बर को संविधान दिवस के रूप में दी मान्यता, बाबा साहेब के जीवन से जुड़े पांच स्थानों को बनाया पंच तीर्थ
संविधान दिवस की पूर्व संध्या पर कार्यक्रम आयोजित, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों सहित अनेक लोगों ने की शिरकत
दुनिया का सबसे बड़ा संविधान बना बाबा साहेब ने देश के निर्माण में दिया अमूल्य योगदान : अर्जुन राम मेघवाल
प्रधानमंत्री ने 26 नवम्बर को संविधान दिवस के रूप में दी मान्यता, बाबा साहेब के जीवन से जुड़े पांच स्थानों को बनाया पंच तीर्थ
संविधान दिवस की पूर्व संध्या पर कार्यक्रम आयोजित, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों सहित अनेक लोगों ने की शिरकत
बीकानेर, 25 नवंबर। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने दुनिया का सबसे बड़ा संविधान बनाकर देश के निर्माण में अमूल्य योगदान दिया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इसे समझा और बाबा साहेब के 125वें जन्म जयंती वर्ष के अवसर पर 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने की मान्यता दी। प्रधानमंत्री ने ही बाबा साहब के जीवन से जुड़े पांच महत्वपूर्ण स्थानों को पंच तीर्थ के रूप में विकसित करवाया।
केंद्रीय मंत्री मेघवाल मंगलवार को संविधान दिवस की पूर्व संध्या के अवसर पर रवींद्र रंगमंच पर संविधान दिवस आयोजन समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
मेघवाल ने कहा कि 26 नवम्बर 1949 को इस देश का संविधान अंगीकृत और 26 जनवरी 1950 को इसे लागू हुआ। तब से 26 नवम्बर को कानून दिवस के रूप में ही मनाया जाता था। वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री ने इसे संविधान दिवस के रूप में मान्यता दी और 2016 से प्रतिवर्ष इसे मनाया जाने लगा। आज संविधान दिवस के अवसर पर देश भर में कार्यक्रम आयोजित होते हैं और इसके निर्माण में बाबा साहेब के योगदान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की जाती है। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब से संबंधित पंच तीर्थ स्थलों पर प्रतिवर्ष लाखों लोग पहुंचते हैं।
मेघवाल ने कहा कि संविधान निर्माण के अलावा भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना, नेशनल ग्रिड प्रणाली लागू करने, वित्त आयोग की स्थापना करने, नदी घाटी परियोजनाएं तैयार करने और श्रमिक हित एवं महिला सशक्तिकरण से जुड़े कार्यों के लिए बाबा साहेब को सदैव याद किया जाएगा। श्री मेघवाल ने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में 25 नवंबर 1949 का दिन भी महत्वपूर्ण है। इस दिन संविधान सभा की अंतिम बैठक हुई और बाबा साहेब ने समापन भाषण दिया। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने राष्ट्रीय झंडा समिति के सदस्य के रूप में तिरंगे झंडे में अशोक चक्र को शामिल करने का सुझाव दिया, जो कि 24 घंटे चलते रहने का संदेश देता है। प्रधानमंत्री ने नए संसद भवन के प्रत्येक द्वार पर अशोक चक्र बनवाकर विकसित भारत के निर्माण में प्रत्येक व्यक्ति को अपनी समुचित ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है।
मेघवाल ने कहा कि बाबा साहब स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे की पक्षधर थे, लेकिन संविधान में समानता को स्वतंत्रता से पहले रखा। उनका मानना था कि अगर देश में समानता आ जाएगी, तो स्वतंत्रता अपने आप सुरक्षित रहेगी। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने प्रत्येक नागरिक को समान मतदान का अधिकार दिया। बाबा साहेब के सभी सिद्धांतों का अनुसरण करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने समाज के वंचित वर्ग को पक्की छत, बिजली कनेक्शन गैस चूल्हा जैसी सुविधाएं देकर उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ा है।
खाजूवाला विधायक डॉ. विश्वनाथ मेघवाल ने कहा कि देश को सशक्त बनाने और आगे बढ़ाने के साथ विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने में बाबा साहेब के बनाए संविधान का महत्वपूर्ण योगदान है।
श्रीडूंगरगढ़ विधायक ताराचंद सारस्वत ने कहा कि बाबा साहेब के बनाए संविधान और दूरगामी सोच ने भारत जैसे विशाल देश को एक सूत्र में पिरोया है। उन्होंने प्रत्येक नागरिक को अधिकारों के साथ कर्तव्य बोध भी करवाया है।
बीकानेर पश्चिम विधायक जेठानंद व्यास ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को संविधान का सम्मान करना और इसके अनुरूप कार्य करते हुए देश के विकास में योगदान का संकल्प करना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बाबा साहेब के सिद्धांतों को समझा और उनका सम्मान करने के साथ युवा पीढ़ी तक इन्हें पहुंचाने का काम किया है।
श्री विश्वकर्मा कौशल विकास बोर्ड के अध्यक्ष रामगोपाल सुथार ने कहा कि संविधान के बिना किसी भी देश के आगे बढ़ने और उसकी सशक्त होने की परिकल्पना नहीं की जा सकती। बाबा साहब का संविधान ही भारत को वर्तमान परिपेक्ष्य में आर्थिक और सामाजिक समानता के साथ मजबूती से आगे बढ़ा रहा है।
संभागीय आयुक्त विश्राम मीणा ने कहा कि आज देश का लोकतंत्र सुरक्षित और मजबूत है, इसमें संविधान की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने दुनिया के कई देशों के संविधानों का अध्ययन किया और देश को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ संविधान दिया।
मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए रवि शेखर मेघवाल ने कहा कि संविधान दिवस समारोह समिति द्वारा वर्ष 2016 से प्रतिवर्ष यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इसी श्रृंखला में इस बार संविधान दिवस की पूर्व संध्या को चुना गया है, जिससे युवा पीढ़ी को इसके अहमियत की जानकारी हो सके। मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने शपथ लेने के साथ ही बाबा साहेब के विचारों को समझा और किसान, मजदूर, पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का काम किया।
श्याम पंचारिया ने कहा कि संविधान में भारत की आत्मा बसती है। इसी संविधान ने भारत जैसे देश को दुनिया की आवाज बनाया है। श्रीमती सुमन छाजेड़ ने आभार जताया।
इस दौरान चिकित्सा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले 76 चिकित्सकों का सम्मान किया गया इससे पहले केंद्रीय मंत्री सहित अन्य अतिथियों ने बाबा साहेब के तेल चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की।
कार्यक्रम में डॉ.सत्य प्रकाश आचार्य, गुमान सिंह राजपुरोहित, पूर्व महापौर नारायण चोपड़ा, सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. सुरेंद्र वर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बीएल मीणा, पूर्व उपमहापौर राजेंद्र पवार, नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष महावीर रांका, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पुखराज साध, भंवर जांगिड़ दिलीप सिंह आडसर, संविधान दिवस आयोजन समिति के अध्यक्ष पप्पू राम पवार, विक्रम राजपुरोहित, मोतीलाल परिहार सहित बड़ी संख्या में आमजन मौजूद रहे।





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