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सनातनी परम्पराओं को आगे बढाने रचनाकर्म जरूरी - पाठक




खबरों में बीकानेर 

सनातनी परम्पराओं को आगे बढाने रचनाकर्म जरूरी - पाठक 











सनातनी परम्पराओं को आगे बढाने रचनाकर्म जरूरी - पाठक 

बीकानेर 01 अप्रेल। अखिल भारतीय साहित्य परिषद महानगर इकाई, बीकानेर द्वारा नववर्ष प्रतिपदा प्रथम कार्यक्रम के रूप में काव्यगोष्ठी का आयोजन अम्बेडकर सर्किल स्थित हर्ष निवास में किया गया। काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए प्रांत अध्यक्ष डॉ. अखिलानंद पाठक ने कहा कि हमें हमारी सनातनी परम्पराओं को आगे बढाने हेतु रचनाकर्म करना चाहिए जिससे बच्चों का मानसिक विकास हो सके। स्थानीय इकाई की अध्यक्ष डॉ. बसन्ती हर्ष ने कहा कि आधुनिक काल में परम्पराओं का निर्वहन करने से हमारा मार्ग प्रशस्त होता है।

कार्यक्रम में अखिलानंद पाठक, डॉ. बसन्ती हर्ष, मोनिका गौड़, डॉ. कृष्णा आचार्य, सरोज भाटी, मधुरिमासिंह, राजाराम स्वर्णकार, एड. गंगाबिशन विश्नोई, ऋतु चौधरी, इन्द्रा व्यास, कृष्णलाल बिश्नोई, डॉ. गौरीशंकर प्रजापत, वास्तुमार्तण्ड कवि के, के, शर्मा, जुगलकिशोर पुरोहित, शायर बुनियाद हुसैन "जहीन" और शिव आर्य ने नववर्ष प्रतिपदा पर अपने शब्दों में भावों की सरिता प्रवाहित की। कार्यक्रम में एड. जगदीश शर्मा, शिक्षाविद पी आर भाटी ने भी अपने विचार रखे। संचालन मोनिका गौड़ ने किया। सभी के प्रति आभार डॉ. एस. एन. हर्ष ने ज्ञापित किया।


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