महर्षि दयानन्द सरस्वती की 200 वीं जयन्ती पर विद्वत् संवाद कार्यक्रम उद्घाटन 1 अक्टूबर को स्व. स्वामी रामनारायण की स्मृति को समर्पित अनुष्ठान
-महर्षि दयानन्द सरस्वती की 200 वीं जयन्ती पर विद्वत् संवाद कार्यक्रम उद्घाटन 1 अक्टूबर को
स्व. स्वामी रामनारायण की स्मृति को समर्पित अनुष्ठान
महर्षि दयानन्द सरस्वती की 200 वीं जयन्ती पर विद्वत् संवाद कार्यक्रम उद्घाटन 1 अक्टूबर को
स्व. स्वामी रामनारायण की स्मृति को समर्पित अनुष्ठान
महर्षि दयानन्द सरस्वती जी की 200 वीं जयन्ती के उपलक्ष्य में आर्ष न्यास के तत्वावधान में
आरएसवी ग्रुप ऑफ स्कूल्स तथा पर्यावरण पोषण यज्ञ समिति के संयुक्त संयोजन में शिक्षाविद्
एवं आरएसवी ग्रुप ऑफ स्कूल्स के संस्थापक स्व. स्वामी रामनारायण जी की प्रथम पुण्यतिथि
के अवसर पर संवाद / परिचर्चा कार्यक्रम का उद्घाटन होटल पाणिग्रहण में सुबह 9:30 से
10:30 तक होगा। 1 अक्टूबर से प्रारम्भ होकर यह कार्यक्रम 2 अक्टूबर रात्रि तक चलेगा
जिसमें महर्षि दयानंद के व्यक्तित्व एवं कार्यों पर विशेष रूप से प्रकाश डाला जाएगा। महर्षि
दयानंद सरस्वती जी ने अपने जीवन में समाज, राष्ट्र, धर्म, अध्यात्म आदि अनेक क्षेत्रों में
सक्रिय भूमिका निभाते हुए सम्पूर्ण मानव जाति को एक नयी दिशा प्रदान की-ऋषि दयानन्द
के ऐसे ही दिव्य स्वरूप पर अपने विचार रखने के लिए भारत के विभिन्न प्रान्तों से 30 से
अधिक विद्वान् साधकगण पधार रहे हैं। मुख्य रूप से मुनी सत्यजीत्, आचार्या शीतल, स्वामी
श्रेयस्पति, डॉ ज्वलंत शास्त्री, आचार्य रणजीत, स्वामी वेदपति, आचार्य रवि शंकर एवं अन्य
तथा बीकानेर के प्रबुद्ध जन भी इस परिचर्चा में भाग लेंगे।
आरएसवी ग्रुप ऑफ स्कुल्स के सीएमडी सुभाष स्वामी ने बताया कि वर्तमान युग में महर्षि दयानन्द जी के विचार आज की युवा पीढी के लिए प्रेरणादायक है। हमें आधुनिक शिक्षा और प्राचीन संस्कारों के सकारात्मक योगदान को अपनी भावी पीढी में रोपित करना है।
पर्यावरण पोषण यज्ञ समिति के प्रवक्ता योगेंद्र कृष्णा पंवार जी ने बताया कि परिचर्चा के पश्चात् सायंकालीन सत्र में सत्संग का भी कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। 2 अक्टूबर को शाम 5:00 से 7:00 बजे तक स्वामी रामनारायण जी की स्मृति सत्र में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन भी किया जाएगा। बीकानेर के लिए यह एक विशेष अवसर होगा जिसमें इतने विद्वानों को एक साथ परिचर्चा में अपने विचार व्यक्त करते हुए सुनने एवं देखने का अवसर मिलेगा। इस अविस्मरणीय कार्यक्रम का विस्तृत विवरण भी जारी किया जा चुका है। जिससे इच्छुक श्रोता इसमें भाग ले सकें एवं अपना ज्ञानवर्धन कर सकेंगे।
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