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गृह मंत्रालय ने आदेश जारी कर सरकारी कर्मचारियों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों में शामिल होने पर लगा प्रतिबंध हटाया




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गृह मंत्रालय ने आदेश जारी कर सरकारी कर्मचारियों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों में शामिल होने पर लगा प्रतिबंध हटाया

अब संघ के कार्यक्रमों में शामिल हो सकेंगे सरकारी कर्मचारी



नईदिल्ली । केंद्र में सत्तारुढ़ भारतीय

जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बीच लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद रिश्ते सामान्य नहीं बताए जा रहे हैं। कांग्रेस इसे लेकर बीजेपी पर लगातार हमला भी करती रही है। कांग्रेस ने आज रविवार को केंद्र सरकार की ओर से जारी उस फैसले की तीखी आलोचना की है जिसमें आरएसएस की गतिविधियों में शामिल होने को लेकर 6 दशक पुरानी पाबंदी को हटा दिया गया है।

इससे पहले पहले की केंद्र सरकारों की और से साल 1966, 1970 और 1980 के उन आदेशों में संशोधन किया गया है, जिनमें कुछ अन्य संस्थाओं के साथ-साथ आरएसएस की शाखाओं तथा अन्य

गतिविधियों में शामिल होने पर सरकारी कर्मचारियों पर कड़े दंडात्मक प्रावधान लागू किए गए थे. पूर्व की कांग्रेस सरकारों ने समय-समय पर सरकारी लोगों के आरएसएस के कार्यक्रमों में शामिल होने पर रोक लगा दी थी।

पाबंदी इस कदर थी कि आरएसएस की गतिविधियों में शामिल होने पर कर्मचारियों को कड़ी सजा देने तक का प्रावधान बनाया गया था। रिटायर होने के बाद पेंशन लाभ इत्यादि को ध्यान में रखते हुए भी अनेक सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों में शामिल होने से बचाते रहे थे। कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सरकार की और से जारी आदेश के साथ आलोचना करते हुए कहा,

सरदार पटेल ने महात्मा गांधी की हत्या के बाद फरवरी 1948 में आरएसएस पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि इसके बाद संघ की ओर से अच्छे व्ययावर के आधासन पर प्रतिबंध हटा लिया गया। इसके बाद भी आरएसएस ने नागपुर में कभी तिरंगा नहीं फहराया गया।

हालांकि केंद्र की ओर से यह आदेश जुलाई को ही जारी कर दिया गया था। उन्होंने आगे कहा, साल 1966 में, सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और यह फैसला सही भी था. लेकिन 4 जून 2024 के बाद, पोएम मोदी और आरएसएस के बीच संबंधों में गिरावट देखी जा रही है। इस बीच 9 जुलाई 2024 को मोदी सरकार ने

58 साल के बैन को हटा दिया जबकि अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान भी यह बैन लागू था। मुझे लगता है कि अब नौकरशाही भी दबाव में आ सकती है। इस बीच कांग्रेस के एक अग्न्य नेता और पूर्व कोद्रीय मंत्री पवन खेड़ा ने भी केंद्र पर हमला बोला। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर निराशा जाहिर करते हुए कहा, 58 साल

पहले, केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के आरएसएस की गतिविधियों में शामिल होने को लेकर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन अब मोदी सरकार ने उस आदेश को पालट दिया है। गौरतलब है कि इससे पहले राजस्थान में अशोक गहलेत सरकार के समय एक बारगी संथ के कार्यक्रमों में भाग लेने वाले सरकारी कर्मचारी रडार पर आ जाते थे। 

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