देवियाँ नै देवतावां नै मिलण वाळै चढ़ावै रो धन खरचणै रे सिवा दूजो काम ही कोनी...
युगपक्ष : चुनाव वरत कथा
- मोहन थानवी
ऄक बखत री बात है। धरती माथै लोग बेईमानी अ'र महंगाई सूं तंग हा। देवता सुरग में मसती में हा। देवियाँ नै देवतावां नै मिलण वाळै चढ़ावै रो धन खरचणै रे सिवा दूजो काम ही कोनी दीसतो। बीयांरा छोरा-छोरियां भी आसरम में पढण जावणै रो कैय'र तालाबां, नहरां माथै गोठ मनावंता बखत गुजारता हा। अनाचार रा समाचार घणाईं आवंता रैंवता पण राज दरबारी आपणो ताजो तख्त बणाए राखण री जुगत ही लगांवता नी थकता।
ऐड़े माहौल में देस री पिरजा रै सुख री कामना करता थकां बीचालै परिवारां री अगुवाई करणिया लोकां रे थाम्बां (नेता) पिरजा जनारदन भगवान सूं ऐड़ी समस्याओं रो समाधान जाणणे वासते बिनती करी । पिरजा जनारदन भगवान उपाय बताते थकां कैयो - हे नेता लोगों। सुणो। थानै बंधु बांधवां सागै मिल'र चुनाव वरत कथा आयोजन करणो पड़ैला। ओ ऄक ईस्यो जोरदार उत्तम सूं उत्तम उपाय है जिकै नै घणैसीक नेतावां रा पुरखा नेता भी करता थकां आपणा घर-कोटरियां भर सुख पायोड़ो है।
बीं बखत सूं पिरजाजन रा थाम्बा सुख पावणै री कामना करता थका पांच बरसां में ऄक बार चुनाव वरत कथा कर आपणौ टैम काढै अ'र दरबारी पाटो भी हासिल करै।
ईं चुनाव वरत कथा रो ओ परताप है कै बिचालै अ'र गरीब परिवार रो सांचो नेता भी इण वरत नै करण स्यूं धन्ना सेठ नेता नै भी हरा'र मंत्री पद हासिल कर दिखावै।
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