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नैतिकता के शक्तिपीठ में बही “अणुव्रत काव्य धारा”
अणुव्रत समिति गंगाशहर
अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के तत्वावधान में अणुव्रत समिति, गंगाशहर द्वारा “अणुव्रत काव्य धारा” का आयोजन नैतिकता के शक्तिपीठ के प्रांगण में साध्वी श्री पावन प्रभा जी के सान्निध्य में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य कवि बाबूलाल जी छंगाणी, संजय आचार्य वरुण, मनीषा आर्य सोनी, चंचला पाठक थे। इस अवसर पर अणुव्रत विश्व भारती के राष्ट्रीय प्रचार प्रसार मंत्री धर्मेंद्र डाकलिया भी उपस्थित थे।
मंत्री भंवर लाल सेठिया ने बताया की ष्कार्यक्रम का शुभारंभ नमस्कार महामंत्र के जप द्वारा किया गया। मंगलाचरण के रूप में अणुव्रत गीत की प्रस्तुति महिला मंडल और कन्यामंडल, गंगाशहर द्वारा की गई। अतिथि कवियों का परिचय उपाध्यक्ष मनोज सेठिया ने दिया और स्वागत गीत का गायन अध्यक्ष राजेंद्र बोथरा ने किया ।
कार्यक्रम के प्रथम चरण में राष्ट्रीय प्रचार प्रसार मंत्री धर्मेंद्र डाकलिया ने अणुव्रत के नियमों का संकल्प करवाया। डाकलिया और किशोर मंडल संयोजक कुलदीप छाजेड़ ने काव्य के माध्यम से अपनी प्रस्तुति दी एवम आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान के महामंत्री हंसराज जी डागा ने वर्तमान वैश्विक परिस्थितियों की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुवे, इनके समाधान हेतु अणुव्रत की उपयोगिता बताई।
राष्ट्रीय प्रचार प्रसार मंत्री धर्मेंद्र डाकलिया ने कहा की गुरुदेव तुलसी ने अणुव्रत के नियमों का प्रतिपादन मानव कल्याण के लिए किया। 74 वें अणुव्रत स्थापना दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय स्तर पर काव्य धारा के माध्यम से इसे जन जन तक पहुंचाने का कार्य अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी द्वारा प्रत्येक क्षेत्रीय अणुव्रत समिति के माध्यम से किया जा रहा है।
सहमंत्री मनीष बाफना ने बताया की कार्यक्रम के द्वितीय चरण में साध्वी पावन प्रभा जी ने अपने मंगल पाथेय में अणुव्रत समिति, गंगाशहर के कार्यों की सराहना करते हुवे कहा आज अणुव्रत विश्व की आवश्यकता बन चुका है। व्यक्ति से लेकर विश्व तक की अनेक समस्याओं का समाधान इसमें निहित है। गुरुदेव तुलसी एक प्रतापी आचार्य थे ओर जन जन के कल्याण और उन्नति हेतु उन्होंने अणुव्रत का अवदान दिया।
काव्य प्रस्तुतियों के क्रम में जहां कवि बाबूलाल जी छंगाणी ने हास्य रस के माध्यम से सामाजिक स्थितियों और समस्याओं पर मीठा प्रहार किया, वही कवि संजय आचार्य वरुण ने काव्य के माध्यम से अणुव्रत, संत सानिध्य को समस्याओं के निराकरण का उपाय बताया। कवयित्री मनीषा आर्य सोनी ने जहां राजस्थान और राष्ट्र के गौरव की बात कही और अपने काव्य प्रस्तुति में इस गौरव के स्थायित्व के लिए अणुव्रत के नियमों को वरदान बताया। कवयित्री चंचला पाठक ने गंभीरता पूर्ण काव्य प्रस्तुति में व्यक्तित्व निर्माण में अणुव्रत के नियमों की उपयोगिता बताई।
अध्यक्ष राजेंद्र बोथरा ने बताया की कार्यक्रम के अंतिम चरण में आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान के महामंत्री हंसराज डागा, सभा के अध्यक्ष अमर चंद जी सोनी, अणुव्रत समिति अध्यक्ष राजेंद्र बोथरा और मंत्री भंवरलाल सेठिया ने बाबूलाल छंगाणी का पताका,शॉल पहनाकर और साहित्य भेंट कर सम्मान किया।
पूर्व महापौर नारायण जी चोपड़ा, पूर्व सभाध्यक्ष डॉ पूनम चंद जी तातेड, तेरापंथ न्यास के ट्रस्टी जतन दुग्गड, राष्ट्रीय प्रचार प्रसार मंत्री धर्मेंद्र डाकलिया, युवक परिषद पूर्व अध्यक्ष पवन छाजेड़ ने पताका - शॉल पहनाकर और साहित्य भेंट कर कवि संजय आचार्य वरुण का सम्मान किया। महिला मंडल अध्यक्ष ममता रांका मंत्री कविता चोपड़ा, शारदा डागा ने पताका - दुपट्टा पहनाकर और साहित्य भेंट कर कवयित्री मनीषा आर्य सोनी का सम्मान किया।
संतोष बोथरा, रेणु बाफना, अनुपम सेठिया, मधु छाजेड़, बबिता सेठिया, संजू लालानी आदि समिति की महिला प्रकोष्ठ की सदस्याओं और भाजपा बीकानेर की महिला मोर्चा अध्यक्ष सुमन छाजेड़ ने कवयित्री चंचला जी पाठक का पताका - दुपट्टा पहनाकर और साहित्य भेंट कर सम्मान किया। आभार ज्ञापन मंत्री भंवर लाल सेठिया ने किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन सहमंत्री मनीष बाफना ने किया।
C P MEDIA
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