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रामराज्य से हजारों गुणा अधिक सुविधाएं इस समय है, पर, परस्पर सहयोग की भावना न होने से सुख नहीं, दुख ही बढ़ रहा - जैनाचार्य ज्ञानचंद्र

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रामराज्य से हजारों गुणा अधिक सुविधाएं इस समय है, पर, परस्पर सहयोग की भावना न होने से सुख नहीं, दुख ही बढ़ रहा - जैनाचार्य ज्ञानचंद्र 

 बीकानेर/ 26 फरवरी/ बीकानेर पहुंचे जैनाचार्य  ज्ञानचंद्र ने शनिवार को औद्योगिक  क्षेत्र, रानी बाज़ार में विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि- इंसान बाहरी चेहरा साफ रखता है, जिस पर दुनिया की नजर है ।
 परन्तु भीतर के चेहरे को साफ नहीं रखता है, जिस पर कि ऊपर वालों की नजर होती है । उन्होंने कहा कि भीतर साफ होगा तो चेहरा स्वत: ही साफ होगा । जैनाचार्य ने मनुष्य के गुस्से पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि मन में क्रोध है तो आंखें लाल हो जाएगी । 
मन में घमंड है तो कंधे और चेहरे पर तनाव आएगा ।
 मन प्रसन्न है तो चेहरे पर मुस्कुराहट होगी । मन ठीक तो सब ठीक । 
  उन्होंने कहा कि कुछ पलों की मुस्कुराहट से अच्छी फोटो बना सकता है जिसे देखकर आप भी प्रसन्न हो जाते हैं तो फिर सदैव मुस्कुराइए । 

 रामराज्य पर बोलते हुए आचार्य श्री ने कहा- रामराज्य से हजारों गुणा अधिक सुविधाएं इस समय है, पर, परस्पर सहयोग की भावना न होने से सुख नहीं, दुख ही बढ़ रहा है । 
अंदर से खुशबू पैदा करना है तो जन कल्याण के कार्य निस्वार्थ भाव से करते जाइये । 
धर्म पर बोलते हुए आचार्य जी ने कहा- धर्म केवल धर्म है । 
धर्म के आगे जो श्वेतांबर, दिगंबर, मूर्तिपूजक, तेरापंथी,स्थानकवासी लगाए गए हैं वो बाद में लगे हैं ।
जो दिगंबर धर्म,श्वेतांबर धर्म, तेरापंथी धर्म, स्थानकवासी धर्म इस तरह अपनाता है,वो महावीर तक नहीं पहुंच सकता,वो महाराज तक पहुंचकर ही अटक जाएगा ।
 उसकी मोक्ष नहीं हो सकती है।
धर्म को धर्म के रूप में अपनाओगे तभी महावीर को पाओगे, धर्म का असली आनंद मिलेगा । 
संतों की सेवा जब संप्रदाय से उठकर की जाती है तो वो भाग्य बदल देती है । 
जिंदगी सब चाहते हैं, मौत कोई नहीं । 
यह शाश्वत सत्य है कि मृत्यु से बच कोई नहीं सकता ।
मृत्यु तक हंसते-हंसते जीते रहे तभी जीवन की सफलता है ।
आज की सभा को संघ संरक्षक जयचंदलाल  सुखानी ने संबोधित किया ।  नरेश गोयल ने सभी का आभार माना । 
शाम को आचार्य प्रवर भीनासर नवकार भवन पहुंचेंगे।
 27 फरवरी रविवार को अरिहंत भवन में प्रवेश प्रस्तावित है ।





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