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राजस्थानी भाषा बने राजस्थान की राजभाषा, मंत्री मेघवाल ने मुख्यमंत्री को पत्र
राजस्थानी भाषा की मान्यता और राजभाषा बनने से राजस्थान के बेरोजगार युवाओ को मिलेगा रोजगार
बीकानेर, 17 फरवरी। राजस्थान प्रदेश अपनी सांस्कृतिक विरासत और वीरों के झुझारपन के लिए जाना जाता है और यह वीरता और विरासत राजस्थान की मातृभाषा राजस्थानी में परिलक्षित होता है यह भाषा की ही ताकत है कि राजस्थान प्रदेश पूरे भारतवर्ष में अपने गौरवमयी इतिहास के लिए प्रसिद्ध है।
राजस्थानी भाषा को संविधान की मान्यता हेतु, राजस्थान प्रदेश की राजभाषा बनाने हेतु यह उदगार आज प्रदेश के जनप्रिय कैबमंत्री श्री गोविंदराम मेघवाल ने व्यक्त किये।
मंत्री श्री गोविंदराम मेघवाल ने राजस्थानी भाषा को राजस्थान प्रदेश की राजभाषा बनाने हेतु आज मुख्यमंत्री महोदय को आज पत्र लिख कर निवेदन किया कि मुख्यमंत्री महोदय को अन्य राज्यो की भांति 8 वी अनुसूची में शामिल नही होते हुए भी राजभाषा बनाने की बात पत्र में लिखी।
उन्होंने बताया कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार द्वारा सर्वसम्मति से 2003 में प्रस्ताव पारित किया गया था उस प्रस्ताव पर भी केंद्र सरकार को तुरंत कार्यवाही कर राजस्थान प्रदेश को उसका वाजिब सम्मान प्रदान कर राजस्थान के युवाओं को उनका हक प्रदान करना चाहिए।
मंत्री महोदय के इस प्रस्ताव पर राजस्थानी मोट्यार परिसद ने हर्ष जताते हुए मंत्री महोदय को जनप्रिय ओर जनता की भावनाओ का सम्मान करने पर आभार व्यक्त किया।
हरे कृष्ण
अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) बीकानेर शाखा के तत्वावधान में 17 फ़रवरी 2022 को इंजीनियरिंग कॉलेज, बीकानेर में Qualities to Become a Successful Inner Engineer विषय पर विशेष कार्यक्रम आयोजन किया गया।
यह कार्यक्रम के वक्ता थे अंतर्राष्ट्रीय गीता प्रचारक तथा त्रिदंडी सन्यासी परम पूज्य भक्ति आश्रय वैष्णव स्वामी महाराज जी।
इंजीनियरिंग कॉलेज के रेजिस्ट्रार डॉ. मनोज कुरी सर ने महाराज जी का परिचय देते हुए कहा कि हम आपको बाहरी इंजीनियर बनने की शिक्षा दे रहे हैं परंतु आज के इस विशेष कार्यक्रम में परम पूज्य भक्ति आश्रय वैष्णव स्वामी महाराज जी हमें सिखाएँगे कि Inner Engineer कैसे बने।
महाराज जी ने बहुत ही सुंदर तरीक़े से इस बात पर ज़ोर दिया कि हम सब जीवन में सफलता और ख़ुशी खोज रहे हैं और हम सब जीना चाहते हैं परंतु इस संसार का नाम हैं मृत्यलोक और दुखलायम। इसलिए हम तो ग़लत स्थान पर ख़ुशी की तलाश कर रहे हैं। महाराज जी ने आगे बताया कि इसलिए अगर हम वास्तविकता में सफ़ल होना चाहते हैं तो बस दो काम करने होंगेः पहला जल्दी सोना होगा और दूसरा जल्दी उठना होगा (Early to bed early to rise makes a man healthy, wealthy and wise)।
महाराज जी ने विद्यार्थियों के साथ सफलता का सूत्र साँझा करते हुए आगे बताया कि अगर कोई ब्रह्म मुहूर्त में उठे और हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे जप प्रारम्भ कर दे तो उसका जीवन बहुत ही खुशहाल और शांतिमय बन जाएगा।
महाराज जी ने बच्चों को हिदायत देते हुए कहा कि रात में की गयी 4 घंटे की पढ़ाई सुबह ब्रह्म मुहूर्त के एक घंटे में उससे ज़्यादा अच्छी हो सकती हैं।
अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) बीकानेर यूथ फ़ोरम के डिरेक्टर संकर्षण प्रिय प्रभुजी ने प्रेस को बताया कि प्रवचन के उपरांत सभी बच्चों ने हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे के कीर्तन पर नृत्य किया।
संकर्षण प्रिय प्रभुजी ने प्रेस को आगे सूचना देते हुए बताया कि महाराज जी केवल देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी लगातार भ्रमण कर कृष्ण भक्ति के दिव्य ज्ञान का प्रचार कर रहे हैं तथा इस कार्यक्रम के अतिरिक्त महाराज जी 17 फ़रवरी 2022 को शाम में मुक्ता प्रसाद कॉलोनी में युवा पीढ़ी को आदर्श विद्यार्थी जीवन जीने की कला सिखायेंगे।
C P MEDIA
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