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बिना संवैधानिक मान्यता राजस्थानी को बना सकते हैं राजभाषा - वसुंधरा राजे सीएम गहलोत को पत्र लिखा

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बिना संवैधानिक मान्यता राजस्थानी को बना सकते हैं राजभाषा - वसुंधरा राजे

सीएम गहलोत को पत्र लिखा

जयपुर । राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता के साथ अब राजभाषा बनाने की मांग उठने लगी है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राजस्थानी को राज्य की राजभाषा घोषित करने की मांग की है। वुसंधरा राजे ने सीएम अशोक
गहलोत को चिट्ठी लिखकर राजस्थानी को राजभाषा बनाने की मांग की है।
राजे ने लिखा है कि राजस्थान की मातृभाषा दुनिया की सबसे समृद्ध भाषाओं में से एक है। इससे हमारी संस्कृति की पहचान है और हमारी भावनाएं जुड़ी हुई है। प्रत्येक राजस्थानी का सपना है कि राजस्थानी भाषा को राजभाषा बनाया जाए। गोवा में गोवा, दमन-दीव, राजभाषा अधिनियम 1987 से कोंकणी भाषा को राजभाषा बनाया है। छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ राजभाषा अधिनियम संशोधन 2007 से छत्तीसगढ़ी भाषा और झारखण्ड में बिहार राजभाषा (झारखण्ड संशोधन) अधिनियम 2018 से मगही भोजपुरी सहित 17
भाषाओं को राजभाषा बनाया गया है। राज्य सरकार बिल ला सकती है। राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता मिले बिना राज्य की राजभाषा बनाया जा सकता है। राज्य सरकार विधानसभा में बिल लाकर ऐसा कर सकती है। कई राज्यों ने बिल लाकर स्थानीय भाषाओं को राजभाषा का दर्जा दिया है।






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