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देखें वीडियो : बीकानेर ने अमर शहीद हेमू कालाणी की शहादत को किया नमन, कई आयोजन हुए श्रद्धांजलि का निर्बाध क्रम जारी

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*बीकानेर डेली न्यूज*

  *बीकानेर डेली न्यूज*

















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देखें वीडियो : बीकानेर ने अमर शहीद हेमू कालाणी की शहादत को किया नमन, कई आयोजन हुए
श्रद्धांजलि का निर्बाध क्रम जारी







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यहां क्लिक करें और विजय दिरानी के संयोजन में क्विज प्र्तियोगिता में भा लें

*🚩 हेमू कालाणी बलिदान दिवस🚩*
*🇳🇪 🇳🇪 क्विज प्रतियोगिता🇳🇪🇳🇪*




        आज दिनांक 21 जनवरी को सिन्धुसभा के सन्त कंवर राम नगर ( धोबी तलाई ) में कंवर राम धर्मशाला में अमर शहीद हेमू कालाणी का बलिदान दिवस मनाया गया।कार्यक्रम का आरम्भ वरिष्ठ कार्यकत्री श्रीमती कला वली रमानी द्वारा भारतमाता के चित्र पर दीप प्रज्वलित करके किया। हेमू कालाणी के जीवन चरित्र पर श्री हासानन्द मन्घवानी व मानसिंह मामनानी द्वारा प्रकाश डाला गया।लक्ष्मण किशनानी ने हेमू द्वारा रेल पटड़ी उखाड़ने की घटना का सजीव वर्णन किया।किशन सदारंगानी ने भावपूर्ण देश भक्ति गीत प्रस्तुत किये। कार्यक्रम में रुक्मणि वलीरमानी,कमला सदारंगानी,कविता सदारंगानी,देवी नवानी, लता वासवानी व लता सदारंगानी ने सहभागिता की। आँगतुको का आभार किशोर मोतियानी ने प्रकट किया।


श्याम आहूजा
संभाग संरक्षक
भारतीय सिन्धुसभा
बीकानेर

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       भारतीय सिन्धुसभा बीकानेर की ओर से हेमू कालाणी के बलिदान दिवस पर उनके जीवन पर आधारित तैयार की गई प्रश्नावली ( क्विज प्रतियोगिता ) का *ऑनलाइन* आयोजन किया जा रहा है। इससे शहीद हेमू कालाणी के बारे में अधिकाधिक जानकारी आम जन को मिल सकेगी। इस "क्विज" के प्रणेता बीकानेर के *दाहिरसेन नगर* ( पवनपुरी ) के मंत्री के दायित्व का निर्वहन करने वाले श्री विजय दिराणी जी है। इन ऊर्जावान कार्यकर्ता का संगठन के प्रत्येक कार्य मे सक्रिय योगदान रहता है।संगठन हेतू इस सुंदर आयोजन को मूर्त रूप देने के लिये श्री धिराणी को साधुवाद! आमजन से अधिकाधिक संख्या में भाग का आग्रह व अनुरोध है!

श्याम आहूजा
संभाग संरक्षक
बीकानेर संभाग

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*जय श्रीराम--जय झूलेलाल*

         *वंदेमातरम्*
*अमर शहीद हेमू कलाणी जी के 79 वें बलिदान दिवस 21 जनवरी पर कोटि-कोटि नमन*  
         भारत को विदेशी अंग्रेजी शासन से मुक्त कराने के लिए भारत मां के जिन वीर सपूतों ने अपना बलिदान दिया है, *उनमें हमारे सिंधी समाज के सपूत क्रांतिकारी अमर शहीद हेमू कलाणी जी को मात्र 19 वर्ष की आयु में देश की बलिवेदी पर बलिदान होने का गौरव प्राप्त है.*
          *जन्म* 
*अमर शहीद हेमू कलाणी जी का जन्म 23 मार्च 1923 को सिंध के सक्खर में हुआ*. उनके पिताश्री पेसू मल कालाणी और माता जेठीबाई थी. बचपन से ही हेमू राष्ट्रवादी विचारों के थे और क्रांतिकारी गतिविधियों में बढ़-चढ़ कर भाग लेते थे।

 *स्वतंत्रता संग्राम के आंदोलन में हेमू कालाणी जी का योगदान*
           दिनांक 8 अगस्त 1942 को महात्मा गांधी ने देश की स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए अंग्रेजों के विरुद्ध करो या मरो आंदोलन की घोषणा की।
            देश में स्वतंत्रता प्राप्ति हेतु युवा हेमू कलाणी जी अपने किशोर नव युवकों के साथ स्वराज्य सेना के जरिए मुख्य भूमिका में इस आंदोलन के साथ जुड़ गए और सक्रिय रूप से भाग लेने लगे. अंग्रेजों की विदेशी सत्ता को उखाड़ फेंकने का संकल्प लेकर व स्वतंत्र आंदोलन की सक्रिय गतिविधियों में शामिल हो गए।
      *निर्भीक देश प्रेम*
          गोपनीय सूत्रों से उनके साथियों को जानकारी प्राप्त हुई कि बलूचिस्तान में चल रहे स्वतंत्रता के उग्र आंदोलन को कुचलने के लिए 23 अक्टूबर 1942 की रात को अंग्रेज सैनिकों से भरी हथियारों की बारूद से भरी रेल बलूचिस्तान के क्वेटा नगर जाएगी और सक्खर, रोहड़ी से होकर गुजरेगी। इस समाचार की जानकारी प्राप्त होने पर हेमू कालाणी जी और उनके साथि उद्वेलित हो गए और उस रेलगाड़ी को गिराने का निश्चय किया. रेलगाड़ी गिराने का दायित्व हेमू कालाणी जी ने अपने ऊपर लिया और अपने दो सहयोगी नंद और किशन के साथ रेलगाड़ी गिराने के लिए रेलगाड़ी गुजरने के पूर्व सुनसान स्थल पर पहुंचे. हेमू कलाणी जी ने रिंच और हथौड़ा की सहायता से रेल पटरियों की फिश प्लेटों को उखाड़ना शुरू कर दिया। अन्य 2 साथी निगरानी कर रहे थे।
         *गिरफ्तारी*
            रात के सन्नाटे में हथौड़ा चलाने की आवाज दूर-दूर तक जा रही थी, उसे सुनकर दूर गश्त कर रहे सिपाही दौड़ कर आए।नंद और किशन तो छुप गए, मगर हेमू कलाणी को उन्होंने पकड़ लिया गया.
            जेल में लाकर उन पर कोड़े बरसाए गए और उनसे दो सहयोगियों के नाम पूछे गए लेकिन हर बार हेमू कालाणी जी का यही उत्तर होता था मेरे 2 साथी रिंच और हथौड़ा थे।

          *फांसी* 
          सक्खर की मार्शल ला कोर्ट ने देशद्रोह के अपराध में 19 वर्ष कुछ महीने होने के कारण हेमू कलानी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और अनुमोदन के लिए निर्णय हैदराबाद सिंध स्थित सेना मुख्यालय के प्रमुख अधिकारी कर्नल रिचर्ड्सन के पास भेजा गया. ब्रिटिश सत्ता का खतरनाक शत्रु करार देते हुए कर्नल रिचर्डसन ने हेमू कलाणी जी की सजा को फांसी में बदल दिया.
        21 जनवरी 1946 को प्रातः 7: बजे *इंकलाब जिंदाबाद और भारत माता की जय* के नारे लगाते हुए स्वयं अपने हाथों से फांसी का फंदा अपने गले में डाला और मां भारती के चरणों में देश सेवा में अपने प्राण अर्पित कर दिए.
        *हेमू कालाणी जी की फांसी का दिन ज्यों-ज्यों समीप आता गया तो मां भारती पर बलिदान होने की खुशी में उनका रक्त भी 8 औंस (लगभग 4 सेर) बढ़ गया*

         *संसद में प्रतिमा*
           देश की सर्वोच्च संस्था *लोकतंत्र के मंदिर संसद भवन के प्रांगण में 21 अगस्त 2003 को भारत के अमर शहीद हेमू कलाणी जी की प्रतिमा संसद भवन में डिप्टी स्पीकर के कार्यालय के बाहर स्थापित की गई.*
आज देश के अधिकतर प्रमुख नगरों में अमर शहीद हेमू कालाणी जी की प्रतिमा स्थापित है,उनके नाम से पार्क, रोड हैं।
कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा भवन भी स्थापित किए गए हैं।
         *भारतीय सिन्धु सभा* प्रत्येक वर्ष संसद भवन में देश भर के प्रतिष्ठित समाजसेवियों के साथ *अमर बलिदानी हेमू कालाणी जी* की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर देशहेतु किये गये उनके बलिदान को याद करती है.
*आइए इस 21 जनवरी को अमर शहीद हेमू कलाणी जी के बलिदान दिवस पर पूरे देश के साथ-साथ हम भी अपने परिवार सहित अमर शहीद हेमू कालाणी जी को नमन करें और करोना नियमों का पालन करते हुए देश भर में यथा संभव कार्यक्रम आयोजित कर हमारे समाज के इस सपूत को श्रद्धांजलि अर्पित करें ।*

*अमर शहीद हेमू कालाणी बलिदान दिवस पर पोस्टर विमोचन*

*बीकानेर:-आज गुरुवार को अमर शहीद हेमू कालाणी के 79 वे बलिदान दिवस की पूर्व सन्ध्या पर पवनपुरी साईं बाबा के मंदिर में हेमू कलानी को श्रद्धांजलि दी गई व वरिष्ठ समाजसेवी किशोर मोतियानी हसानन्द मंगवानी, मान सिंह मामनानी द्वारा फोल्डर का विमोचन किया गया। *प्रेम प्रकाश आश्रम बीकानेर की सन्त दादी वीना देवी ने शहीद हेमू कालाणी के फ्लेक्स पोस्टर का विमोचन किया* ।* *सिन्धुसभा के विनोद गिडवानी व किशन सदारनगाणी ने देशभक्ति गीत गाये।महादेव बालानी, अशोक आसवानी ने हेमू कालाणी के जीवन पर प्रकाश डाला।* कार्यकम में उपस्थित सोनू महाराज तेज प्रकाश वलीरमानी, पवन खत्री, प्रदीप बादलानी सुरेश केसवानी ने शहीद हेमू को श्रद्धा सुमन अर्पित किये*
































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