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समितियों के गठन संबंधित महत्वपूर्ण बात कही विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने,
यह भी कहा - सदन की बैठक की संख्या में वृद्धि करने की आवश्यकता
महाराष्ट्र विधानभवन में आयोजित 84 वें पीठासीन अधिकारी सम्मेलन को राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने किया संबोधित समितियों का गठन रुचि व अनुभव के आधार पर हो
27 जनवरी 2024,
जयपुर, 27 जनवरी। मुंबई के महाराष्ट्र विधानभवन में चल रहे 84 वें पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के पहले दिन आयोजित सत्र में राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी सम्मिलित हुए व उन्होंने इस सम्मेलन को संबोधित किया। सम्मेलन में लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला , राज्यसभा उपसभापति श्री हरिवंश , महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे भी उपस्थिति रहे।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री देवनानी ने कहा कि सदन की घटती बैठकों के कारण सदन में सभी विषयों पर विस्तृत चर्चा नहीं हो पाती है, अतः संविधान की भावना के अनुसार कार्यपालिका के विधायिका के प्रति उत्तरदायी होने के सिद्धांत को लागू करने के लिए हमें सदन की बैठक की संख्या में वृद्धि करने की आवश्यकता है। समितियों का गठन दलीय आधार पर ना करके सदस्यों की योग्यता, रुचि और विशिष्ट अनुभव को दृष्टिगत रखते हुए किया जाए। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने राजस्थान विधानसभा द्वारा आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि देश के सभी सदनों में नवीन सदस्यों को प्रशिक्षण देने के लिए ऐसे आयोजन किए जाने चाहिए।
श्री वासुदेव देवनानी ने इस दौरान महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष श्री राहुल नार्वेकर सहित सभी प्रदेशों के विधानसभा अध्यक्षों से भी मुलाकात की।
समितियों के कार्यों की होगी मॉनिटरिंग
श्री देवनानी ने कहा कि राजस्थान विधानसभा में समितियांे को सक्रिय किया जा रहा है। इसके लिए समितियों के कार्यों की मॉनिटरिंग करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में एक मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी समय-समय पर समितियों के कार्यों की समीक्षा करेगी ताकि समितियों के कार्यों की गुणवत्ता बढ़ सके।
समितियां का कार्य समयबद्ध होगा
श्री देवनानी ने कहा कि विधानसभा की समितियो के कार्यों को समयबद्ध किया जाएगा, इससे समितियो की रिपोर्ट तय समय पर आएगी तथा विधानसभा में इन समितियों की रिपोर्ट पर सदन में चर्चा कराई जाएगी।
सचिव सम्मेलन
सचिव सम्मेलन में विधानसभा प्रमुख सचिव श्री महावीर प्रसाद शर्मा ने कहा राजस्थान में कम्प्यूटरीकरण की व्यवस्था 1990 से प्रारम्भ हुई तथा राजस्थान विधानसभा ऑनलाइन प्रश्न प्रणाली शुरू करने वाली पहली विधानसभा है। ऑनलाइन उत्तर सूचना प्रणाली (OASYS) शुरू करने में भी राजस्थान ने पहल की हैं। विधानसभा कार्यवाही सूचना प्रणाली में 1952 से चली आ रही बहसें शामिल हैं। कौन क्या है हमारे विधायक प्रणाली जो पहली विधानसभा के बाद से सभी निर्वाचित सदस्यों की पूरी जानकारी प्रदान करती है। सदस्यों की पेंशन सूचना प्रणाली; दस्तावेज़ प्रबंधन प्रणाली और समिति की बैठकें सूचना प्रणाली आदि वेबसाइट पर उपलब्ध है। राजस्थान विधानसभा 80 प्रतिशत पेपरलेस विधानसभा है और इन-हाउस नवीनतम उपकरण भी स्थापित करने जा रहे हैं तथा विधायकों को लैपटॉप और प्रिंटर उपलब्ध हैं।
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