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कोलकाता में माँ करणी माता के भजनों सहित राजस्थानी लोक गीतों से झूमे श्रोता


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कोलकाता में माँ करणी माता के भजनों सहित राजस्थानी लोक गीतों से झूमे श्रोता 


कोलकाता 
राजस्थान सूचना केंद्र कोलकता में संगीत को अर्पित एक संध्या में माँ करणी माता के भजनों सहित राजस्थानी लोक गीतों से झूमे श्रोता ,डॉ सुरुचि मोहता ने दी शानदार प्रस्तुति

 कोलकता,बीकानेर 12 नवम्बर ,, ,राजस्थान सूचना केंद्र संगीत को अर्पित एक संध्या ( राजस्थानी लोकगीत , ठुमरी , दादरा , ग़ज़लें , गीत , कविता ) की प्रस्तुति डॉ . सुरुचि मोहता , मुम्बई ने राजस्थान सूचना केंद्र कॉमर्स हाउस ( प्रथम तल ) 2 , गणेश चंद्र एवेन्यू , कोलकाता पर दी। 

कार्यक्रम के आयोजक हिंगलाज दान रतनू सहायक निदेशक ,कोलकता राजस्थान सूचना केंद्र व सयोजक प्रमोद शाह थे। 

इस अवसर डॉ सुरुचि मोहता ने देशनोक की विख्यात माँ करणी जी के दोहों व भजनों से शुरुआत। फिर उन्होंने  राजस्थानी लोक गीत सुनाकर दर्शकों को वह वाही देने हेतु मंत्र मुग्ध कर दियाा। 


 उनकी प्रस्तुतियों पर  पूरा वातावरण राजस्थानी मय हो गया। अंत मे गायिका डॉ सुरुचि मोहता का परिचय दिया गया जिसमें बताया कि वो राजस्थान की रहने वाली ह व अनेक फ़िल्म गायिकाओं के साथ अपनी आवाज दे चुकी है। 


 स्वागत भाषण करते हुए राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सहायक निदेशक हिंगलाज दान रतनू ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि शब्द ब्रह्म हैं और स्वर साधक हमारी संस्कृति के संवाहक होते हैं। 

रतनू डिंगल के एक दोहे के साथ कहा कि "जलमे तो जग में घणा, ज्यूं आया त्यों जाय, सुर साधक साधै शब्द, गीत मानखो गाय। उन्होने कहा कि मैं राजस्थान सरकार की तरफ से आपका अभिनंदन करता हूं।  कार्यक्रम का सफल संचालन शायर, कवि प्रमोद शाह नें किया।



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