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वायरल : सुग्गी हब्बा मना रही दुनिया, विंटर सोलिस्टिस के बाद..., दी जा रही मकर संक्रांति की शुभकामनाएं best wishes for makar Sankranti

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*बीकानेर डेली न्यूज*

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वायरल : सुग्गी हब्बा मना रही दुनिया, विंटर सोलिस्टिस के बाद..., दी जा रही मकर संक्रांति की शुभकामनाएं 

देश दुनिया के बड़े भूभाग पर आज मकर संक्रांति का पर्व मनाया जा रहा है। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते बहुत सी जगहों पर कर्फ्यू जैसे हालात हैं। तो कहीं कहीं लोगों का बाहर निकलना भी पाबंदियों के घेरे में है। ऐसे में लोग सोशल मीडिया पर मैसेज करके अथवा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करके मकर संक्रांति की शुभकामनाओं का आदान प्रदान कर रहे हैं। ऐसे मैसेज वायरल भी हो रहे हैं जिनमें भरपूर जानकारी भी उपलब्ध है। उन्हीं में से चयनित मैसेज यहां प्रस्तुत है :-:


🚩🌹🔥🌻🌞🚩🌹🔥🌞
पल पल सुनहरे फूल खिले,
कभी न हो काँटों से सामना,
जिंदगी आपकी खुशियो से भरी रहे,
यही है मकर संक्रांति पर मेरी ओर से शुभकामना।

*🚩🌞मकर संक्रांति कई नामों और कई तरीक़ों से मनायी जाती है।* 
 
🚩🌞🌻🔥🌹🚩🌞🌻🔥

*🚩🌞मकर संक्रांति एक ऐसा त्यौहार है जो पूरे भारत में अलग-अलग राज्यों में कई नामों और कई तरीक़ों से मनाया जाता है.*

*🚩🌞उत्तर भारत में इसे मकर संक्रांति कहा जाता है तो यही तमिलनाडु में पोंगल के नाम से जाना जाता है जबकि गुजरात में इसे उत्तरायण कहते हैं. असम में इसे माघी बिहू कहते हैं और कर्नाटक में सुग्गी हब्बा, केरल में मकरविक्लु कहा जाता है तो कश्मीर में शिशुर सक्रांत. सिन्धी समाज इस पर्व को तिर-मूरी के नाम से मनाता है। *

*🚩🌞यह त्यौहार भारत ही नहीं, नेपाल और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों में भी मनाया जाता है. अलग-अलग धार्मिक मान्यताओं के हिसाब से लोग इसे मनाते हैं लेकिन इस त्यौहार के पीछे एक खगोलीय घटना है.*

*🚩🌞मकर का मतलब है कौन्स्टोलेशन ऑफ़ कैप्रिकॉन जिसे मकर राशि कहते हैं.*

*🚩🌞खगोल विज्ञान के कैप्रिकॉन और भारतीय ज्योतिष की मकर राशि में थोड़ा अंतर है.*

*🚩🌞कॉन्सटोलेशन तारों से बनने वाले एक ख़ास पैटर्न को कहा जाता है जिन्हें पहचाना जा सके, प्राचीन काल से दुनिया की लगभग हर सभ्यता में लोगों ने उनके आकार के आधार पर उन्हें नाम दिए हैं, खगोलीय कौन्स्टोलेशन और ज्योतिष की राशियां मोटे तौर पर मिलती-जुलती हैं लेकिन वे एक ही नहीं हैं.*

*🌞🚩संक्रांति का मतलब संक्रमण यानी ट्रांजिशन*, 

*🚩🌞इस दिन मोटे तौर पर सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है. यह विंटर सोलिस्टिस के बाद आता है, यानी सर्दियों की सबसे लंबी रात 22 दिसंबर के बाद.*

*🌞🚩सूर्य के किसी राशि में प्रवेश करने या निकलने का अर्थ यह नहीं है कि सूर्य घूम रहा है, यह पृथ्वी के सूर्य के चारों तरफ़ चक्कर लगाने की प्रक्रिया का हिस्सा है, इसे परिभ्रमण कहते हैं और धरती को सूर्य का एक चक्कर पूरा करने में एक साल का समय लगता है.*

*🚩🌞इसका आसान भाषा में यह मतलब है कि सूर्य किस तारा समूह (राशि) के सामने आ गया है.*

*🌞🚩कहा जाता है कि मकर संक्रांति के बाद से दिन लंबे होने लगते हैं और रातें छोटी, यह बात तकनीकी तौर पर सही है क्योंकि नॉर्दर्न हैमिस्फ़ियर (उत्तरी गोलार्ध) में 14-15 जनवरी के बाद से सूर्यास्त का समय धीरे-धीरे आगे खिसकता जाता है. फिर आती है 21 मार्च की तारीख़, इसे इक्विनॉक्स कहते हैं जब दिन और रात दिनों ठीक बराबर होते हैं इसका मतलब है कि सूर्य उत्तरी गोलार्ध के तकरीबन बीचो-बीच है.*

*🌞🚩सूर्यास्त का समय धीरे-धीरे आगे खिसकने का मतलब है कि सर्दियां कम होंगी और गर्मी बढ़ेगी क्योंकि सूर्य उत्तरी गोलार्ध के सीध में अधिक समय तक रहेगा.*

*🚩🌞मकर संक्रांति को उत्तरायण इसलिए भी कहते हैं कि सूरज दक्षिणी गोलार्ध से उत्तरी गोलार्ध की तरफ़ आना शुरू हो जाता है. यह प्रक्रिया समर सोलिस्टिस के दिन पूरी होती है जिस दिन सबसे लंबा दिन होता है, यह तारीख़ 21 जून है.*

*🚩🌞14-15 जनवरी ही क्यों?*
*🌞🚩मकर संक्रांति यानी सूर्य का धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करने का संक्रमण काल. वैसे भारत में प्रचलित सभी हिंदू कैलेंडर चंद्रमा पर आधारित हैं यही वजह है कि हिंदू त्यौहारों की अंग्रेज़ी तारीख़ बदलती रहती है.*

*🚩🌞इस समय जो कैलेंडर इस्तेमाल होता है उसे ग्रेगोरियन कैलेंडर कहते हैं जो सोलर कैलेंडर है यानी सूर्य पर आधारित कैलेंडर है*.

*🚩🌞मकर संक्रांति एक ऐसा त्योहार है जो धरती की तुलना में सूर्य की स्थिति के हिसाब से मनाया जाता है, यही वजह है कि चंद्रमा की स्थिति में मामूली हेरफेर की वजह से यह कभी 14 जनवरी को होता है तो कभी 15 को, लेकिन सूर्य की मुख्य भूमिका होने की वजह से अंग्रेज़ी तारीख़ नहीं बदलती.*

*🚩🌞इस बार सूर्य देव 14 जनवरी की दोपहर 2 बजकर 27 मिनट पर गोचर कर रहें हैं. ज्योतिष के अनुसार सूर्य अस्त से पहले यदि मकर राशि में सूर्य प्रवेश करेंगे, तो इसी दिन पुण्यकाल रहेगा. 16 घटी पहले और 16 घटी बाद का पुण्यकाल विशेष महत्व रखता है.*   

*🚩🌞ज्योतिष के अनुसार मकर संक्रांति का पुण्यकाल मुहूर्त सूर्य के संक्रांति समय से 16 घटी पहले और 16 घटी बाद का पुण्यकाल होता है. इस बार पुण्यकाल 14 जनवरी को सुबह 7 बजकर 15 मिनट से शुरू हो जाएगा, जो शाम को 5 बजकर 44 मिनट तक रहेगा. इसमें स्नान, दान, जाप कर सकते हैं. वहीं स्थिर लग्न यानि समझें तो महापुण्य काल मुहूर्त 9 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक रहेगा. इसके बाद दोपहर 1 बजकर 32 मिनट से 3 बजकर 28 मिनट तक.*  ( स्थानीय समय में भिन्नता संभव ) 

*🚩🌞मकर संक्रांति को क्या करें?*

*🌞🚩इस दिन प्रातःकाल स्नान कर लोटे में लाल फूल और अक्षत डाल कर सूर्य को अर्घ्य दें. सूर्य के बीज मंत्र का जाप करें. श्रीमदभागवद के एक अध्याय का पाठ करें या गीता का पाठ करें. नए अन्न, कम्बल, तिल और घी का दान करें. भोजन में नए अन्न की खिचड़ी बनाएं. भोजन भगवान को समर्पित करके प्रसाद रूप से ग्रहण करें. संध्या काल में अन्न का सेवन न करें. इस दिन किसी गरीब व्यक्ति को बर्तन समेत तिल का दान करने से शनि से जुड़ी हर पीड़ा से मुक्ति मिलती है.*

 *🚩🌞मकर संक्राति के दिन गंगा स्नान, व्रत, कथा, दान और भगवान सूर्यदेव की उपासना करने का विशेष महत्त्व है. इस दिन किया गया दान अक्षय फलदायी होता है. इस दिन शनि देव के लिए प्रकाश का दान करना भी बहुत शुभ होता है*.

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