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कृषि विज्ञान केंद्र लूणकरनसर द्वारा उर्वरक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् नई दिल्ली द्वारा स्वतंत्रता दिवस की 75वी वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में भारत का अमृत महोत्सव कार्यक्रम मनाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत आगामी वर्ष विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। इसी क्रम में आज दिनांक 18 जून 2021 को कृषि विज्ञान केंद्र लूणकरनसर पर "उर्वरक जागरूकता अभियान" का आयोजन ऑनलाइन स्तर पर किया गया, जिसमें मुख्य वक्ता कृषि अनुसन्धान केंद्र बीकानेर के सह-आचार्य डॉ. रणजीत सिंह रहे। केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. आर. के. शिवरान ने सभी किसानों का स्वागत कर इस उर्वरक जागरूकता कार्यक्रम के विषय में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आज किसान को भूमि, जल और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाकर खेती करने की आवश्यकता है, जिससे उर्वरकों का उपयोग सोच-विचारकर और मृदा नमूनों की जांच के आधार पर ही किया जाये। इस अवसर पर कृषि अनुसन्धान केंद्र बीकानेर के सह-आचार्य डॉ. रणजीत सिंह ने "आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ती में उर्वरकों की भूमिका" तथा "संतुलित उर्वरक प्रबंधन में मृदा परीक्षण की भूमिका" विषयों पर विस्तृत जानकरी दी। उन्होंने बताया कि पौधों के विकास के लिए 17 पोषक तत्त्व बेहद आवश्यक होते हैं, और इनकी कमी होने की स्थिति में पौधों की बढ़वार एवं फसल-उत्पादन में कमी पायी जाती है। उन्होंने सभी पोषक तत्वों की कमी, लक्षण और निवारण पर भी प्रकाश डाला। केंद्र के मृदा वैज्ञानिक श्री भगवत सिंह खेरावत ने "मृदा स्वस्थ्य कार्ड योजना" तथा "जैव उर्वरकों का कृषि में महत्व" विषयों पर अत्यंत महत्वपूर्ण जानकारियां दी। श्री खेरावत ने कृषि में उर्वरक उपयोग दक्षता बढ़ने की आवश्यकता पर बल दिया तथा मृदा स्वस्थ्य कार्ड के आधार पर ही उर्वरकों के उपयोग करने का सुझाव दिया। साथ ही प्रत्येक तीन वर्षों में एक बार अपनी भूमि का मृदा परीक्षण अवश्य करने का भी आह्वाहन किया। उन्होंने विभिन्न जैव उर्वरकों जैसे FYM , कम्पोस्ट, केंचुआ-खाद, हरी खाद आदि के नियमित उपयोग द्वारा मृदा की भौतिक, रासायनिक एवं जैविक दशाओं में सुधार करने का सुझाव भी दिया। केंद्र के कीट वैज्ञानिक डॉ. केशव मेहरा ने "रोग एवं कीट नियंत्रण में जैव उर्वरकों के महत्व" पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन खाद्य एवं पोषण विभाग की डॉ. ऋचा पंत ने किया तथा डॉ. केशव मेहरा ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी किसानों और अतिथिगणों को धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर केंद्र के बागवानी विशेषज्ञ डॉ. नवल किशोर ने भी अपने विचार रखे।
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