मोमबत्तियों की रोशनी में काली पट्टी बांध निकले कर्मचारियों एनपीएस के विरोध व पुरानी पेंशन बहाली के लिए कैंडल मार्च Employees turned black band in the light of candles Candle march for opposition to NPS and restoration of old pension

*BAHUBHASHI*
*खबरों में बीकानेर*🎤 🌐 

Employees turned black band in the light of candles

Candle march for opposition to NPS and restoration of old pension



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 🙏 मोहन थानवी 🙏




 
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मोमबत्तियों की रोशनी में काली पट्टी बांध निकले कर्मचारियों 

एनपीएस के विरोध व पुरानी पेंशन बहाली के लिए कैंडल मार्च


बीकानेर । नेशनल मूवमेंट फ़ॉर
ओल्ड पेंशन स्कीम (पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय
आंदोलन) के आह्वान पर शुक्रवार को जिले भर
के केंद्र व राज्य कर्मचारियों ने नई राष्ट्रीय पेंशन
प्रणाली (एन.पी.एस)के विरोध में नए साल का
पहला ही दिन ब्लैक डे मनाकर शाम को बीकानेर
में कलेक्ट्रेट से शहीद स्मारक तक कैंडल मार्च
निकाला -
क्योंकि 1 जनवरी 2004 को शेयर
बाजार आधारित एनपीएस योजना लागू की गई थी
जिसके विरोध में पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय
आंदोलन के बैनर तले पूरे देश में कर्मचारी
आंदोलित हंै और प्रतिवर्ष 1 जनवरी को ब्लैक डे
मनाकर कैंडल मार्च निकाला जाता है। दिन में
कार्यस्थल पर राज्यभर के कर्मचारियों ने काली
पट्टी बांधकर एनपीएस योजना का विरोध करते
हुए ब्लेक डे मनाया।
आंदोलन के प्रदेश संयोजक कोजाराम
सियाग ने बताया कि एनपीएस शेयर बाजार
आधारित एक मिच्यूल फ़ंड योजना है, ये किसी
भी स्थिति में पेंशन योजना नही है। शेयर बाजार
की अनिश्चितता से कर्मचारी का भविष्य असुरक्षित
है जिससे देश भर के कर्मचारी आक्रोशित और
आंदोलित हंै। बीकानेर में जिला मुख्यालय पर
जिलेभर के कर्मचारियों ने केंडल मार्च निकालकर
पुरानी पेंशन बहाली की मांग की।

रेसटा ने काली पट्टी बांध कर जताया विरोध

एनपीएस की जगह पुरानी पेंशन योजना लागू करने
की मांग को लेकर शिक्षक संघ एलीमेंट्री सेकेंडरी
टीचर एसोसिएशन (रेसटा) के प्रदेशाध्यक्ष एवं
पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन के प्रदेश
मीडिया प्रभारी मोहरसिंह सलावद के नेतृत्व में
राउमावि शिवनगर में शिक्षक एवं कर्मचारियों ने
हाथों पर काली पट्टी बांध कर विरोध जताया।
वरिष्ठ शिक्षक नेता बहादुरसिंह राठौड़ ने बताया कि
राज्यभर में शिक्षक एवं कर्मचारियों ने अपने
कार्यस्थल पर एनपीएस के विरोध में काली पट्टी
बांधकर विरोध प्रदर्शन कर पुरानी पेंशन योजना
लागू करने की मांग की गई। विरोध प्रदर्शन करने
वालों में रेसटा प्रदेशाध्यक्ष मोहरसिंह सलावद,
तेजपाल कोडेचा, सुजानसिंह राठौड़, प्रेमसिंह
झाला, गणेशाराम, सुमित गौरा, बहादुर सिंह राठौड़
आदि मौजूद रहे। 
श्रीडूँगरगढ़ में भी निकाला कैंडल मार्च
श्रीडूंगरगढ़ से संवाददाता शुभकरण पारीक ने
बताया कि नेशनल मूवमेंट फ़ॉर ओल्ड पेंशन
स्कीम (पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन) के
आह्वान पर कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर
तले शुक्रवार को उपखंड मुयालय पर केंद्र व
राज्य कर्मचारियों ने नई राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली
(एन.पी.एस) के विरोध में नए साल की पहली
तारीख को लैक डे मनाकर शाम को गांधी पार्क
से कैंडल मार्च निकाला गया, -
क्योंकि 1 जनवरी
2004 को शेयर बाजार आधारित एनपीएस
योजना लागू की गई थी जिसके विरोध में पुरानी
पेंशन बहाली राष्ट्रीय एनएमओपीएस आंदोलन के
बैनर तले पूरे देश में कर्मचारी आंदोलित है और
प्रतिवर्ष 1 जनवरी को लैक डे मनाकर कैंडल
मार्च निकाला जाता है। संघर्ष समिति के संयोजक
सुशील सेरडिया ने बताया कि एनपीएस शेयर
बाजार आधारित एक मिच्यूल फ़ंड योजना है, जो
कि किसी भी स्थिति में पेंशन योजना नही है-शेयर
बाजार की अनिश्चितता से कर्मचारी का भविष्य
असुरक्षित है जिससे देश भर के कर्मचारी
आक्रोशित और आंदोलित है।
शुक्रवार को श्री डूंगरगढ़ उपखंड मुयालय
पर सभी विभागों के कर्मचारियों ने केंडल मार्च
निकालकर पुरानी पेंशन बहाली की मांग की।
केंडल मार्च में राजस्थान समायोजित शिक्षाकर्मी
संघ के जिलाध्यक्ष सत्यप्रकाश बाना, प्रामा शिक्षक
संघ के लॉक अध्यक्ष हंसराज गोदारा, प्रबोधक
संघ के लॉक अध्यक्ष ओमप्रकाश बाना,
सहसंयोजक नवीन महला, स्वास्थ्य विभाग के
प्रदीप पांडे, व्याख्याता संघ के मोहन लाल ज्यानी,
शिक्षा सहयोगी संघ के बजरंगलाल, किशन गुर्जर,
किशोरी लाल मीना, राजेश जांगिड़ आदि कर्मचारी
नेताओं के नेतृत्व में कैंडल मार्च निकाला गया।



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