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सरकारी कर्मचारी के आश्रित को आखिरी भुगतान के 50% पेंशन का अधिकार प्राप्त करने के लिए 7 वर्ष की न्यूनतम सेवा की आवश्यक शर्त को भी खत्म किया गया सभी सेवारत कर्मियों को सेवा के दौरान दिव्यांगता का शिकार होने की स्थिति में “दिव्यांगता क्षतिपूर्ति” दी जाएगी- डॉ जितेंद्र सिंह The necessary #condition of #minimum #service of 7 years to get the right to 50% #pension of the last #payment to the #dependent of the government #employee was also #abolished.

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*खबरों में बीकानेर*🎤 🌐 

The necessary #condition of #minimum #service of 7 years to get the right to 50% #pension of the last #payment to the #dependent of the government #employee was also #abolished.

All serving personnel will be given "Disability Compensation" in the event of being a victim of disability during service - Dr. Jitendra Singh


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 🙏 मोहन थानवी 🙏




 
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सरकारी कर्मचारी के आश्रित को आखिरी भुगतान के 50% पेंशन का अधिकार प्राप्त करने के लिए 7 वर्ष की न्यूनतम सेवा की आवश्यक शर्त को भी खत्म किया गया

सभी सेवारत कर्मियों को सेवा के दौरान दिव्यांगता का शिकार होने की स्थिति में “दिव्यांगता क्षतिपूर्ति” दी जाएगी- डॉ जितेंद्र सिंह
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री, लोक शिकायत एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉक्टर जितेंद्र सिंह ने नए वर्ष पर केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों के लिए “दिव्यांगता क्षतिपूर्ति” योजना की शुरुआत के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि यदि कोई कर्मचारी सेवा के दौरान दिव्यांगता का शिकार होता है और उसकी सेवाएँ दिव्यांग होने के बाद भी बरकरार रखी जाती हैं तो उन्हें “दिव्यांगता क्षतिपूर्ति” का लाभ दिया जाएगा।

आज का यह आदेश केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल सीएपीएफ के युवा जवानों जैसे सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ इत्यादि के जवानों को बड़ी राहत उपलब्ध कराएगा,जिनकी सेवा की प्रकृति के चलते अपना दायित्व निभाते हुए दिव्यांगता का शिकार होने की संभावना बनी रहती है।

यहां यह उल्लेख करना आवश्यक है कि नया आदेश सेवा नियमों की एक विसंगति को दूर करेगा जिसके चलते केंद्रीय कर्मचारियों को जटिलताओं का सामना करना पड़ता था। इस संबंध में 5 मई, 2009 को जारी किए गए आदेश के तहत 1 जनवरी, 2004 या उसके बाद सेवा में शामिल हुए सरकारी कर्मियों को केंद्रीय नागरिक सेवाओं (सीसीएस)ईओपी नियमों के अंतर्गत दिव्यांगता का लाभ नहीं मिलेगा और वह राष्ट्रीय पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के अंतर्गत कवर होंगे। कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के पेंशन विभाग द्वारा जारी नए आदेश के अंतर्गत अब उन कर्मचारियों को भी अतिरिक्त असाधारण पेंशन (ईओपी) के नियम 9 के तहत लाभ प्राप्त होगा जो एनपीएस के दायरे में आते हैं।

अन्य शब्दों में यदि एक सरकारी कर्मचारी अपनी ड्यूटी के दौरान दिव्यांगता का शिकार होता है और यह दिव्यांगता उसकी सरकारी सेवा को प्रभावित करती है और उसकी सेवा बरकरार रखी जाती है तो उसे एकमुश्त राहत राशि उपलब्ध कराई जाएगी। इसकी गणना समय-समय पर जारी की जाने वाली परिवर्तित सारणी के आधार पर की जाएगी।

इस आदेश के जारी होने पर संतोष व्यक्त करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि मोदी सरकार नियमों के सरलीकरण के लिए और विभेदकारी नियमों को खत्म करने के लिए सभी आवश्यक उपाय कर रही है। उन्होंने कहा कि इस तरह की सभी प्रकार की नई पहल का मुख्य उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों के जीवन को आसान बनाना है। इससे वह कर्मचारी भी लाभान्वित होंगे जो आज पेंशन भोगी हैं अथवा जिनके परिजन पेंशन प्राप्त कर रहे हैं।

सरकारी कर्मचारियों के हित में कार्मिक मंत्रालय ने हाल ही में एक और आदेश जारी किया था जिसके अंतर्गत पेंशन प्राप्त करने के लिए न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा शर्त में छूट दी थी, यदि कोई सरकारी कर्मचारी शरीर से या चिकित्सकीय अक्षमता के कारण सरकारी सेवाओं से सेवानिवृत्त होता है तो। इस संदर्भ में सीसीएस (पेंशन) के नियम 38 में संशोधन कर आखिरी भुगतान के 50% पेंशन देने का नियम लागू किया गया, भले ही कर्मचारी 10 वर्ष की न्यूनतम आवश्यक सेवा शर्त को पूर्ण नहीं कर पाया हो।

इसके अतिरिक्त पेंशन से जुड़े नियमों में एक और महत्वपूर्ण सुधार किया गया और यह निर्णय किया गया कि सरकारी कर्मचारी के आश्रित को आखिरी भुगतान के 50% पेंशन का अधिकार प्राप्त करने के लिए 7 वर्ष की न्यूनतम सेवा की आवश्यक शर्त को भी खत्म किया गया। इसके तहत यदि किसी सरकारी कर्मचारी की 7 वर्ष की सेवा पूर्ण होने से पहले ही सेवा के दौरान मृत्यु हो जाती है तब भी कर्मचारी के परिवार को उसके आखिरी भुगतान के 50% राशि पेंशन के तौर पर निर्धारित की जाएगी।



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