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सौ वर्ष में 7वीं बार हुआ 2500 वर्ष से अधिक प्राचीन जैन मूर्तियों का दर्शन

*खबरों में बीकानेर*/
बीकानेर, 27 नवम्बर 2017। जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ के गच्छाधिपति आचार्यश्री जिन मणिप्रभ सूरिश्वरजी की निश्रा में सोमवार को भुजिया बाजार के श्रीचिंतामणि आदिनाथ जिनालय में पांच सौ से दो हजार से अधिक वर्ष प्राचीन 1116 प्रतिमाएं जैन विधि विधान से निकाली गई। मंदिर में पांच दिवसीय प्राकट्य महोत्सव शुरू हुआ। महोत्सव के तहत सिद्धचक्र महापूजन व भक्ति संगीत संध्या का आयोजन हुआ। आचार्यश्री उनके सहवृति मुनिवृंद तथा साध्वीवृंद ने भी प्राचीन प्रतिमाओं के दर्शन व वंदना की तथा पूजा भागीदारी निभाई ।
चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास के अध्यक्ष निर्मल धारिवाल ने बताया कि सोमवार को सिरोही के विधिकारक मनोज कुमार व बाबूमल हरण ने सविधि सिद्धचक्र महापूजन करवाया।
महोत्सव में श्री चिंतामणि जैन मंदिर प्रन्यास के साथ सकलश्रीसंघ, जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ,अखिल भारतीय खरतरगच्छ युवा परिषद व महिला परिषद की स्थानीय इकाई का सहयोग तथा पार्श्वचन्द्रगच्छ के मुनि पुण्यरत्नचन्द्र, तपागच्छ के पंन्यास प्रवर पुण्डरीकरत्न विजय तथा साध्वीवृंद का सान्निध्य मिल रहा है। प्रथम दिन बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने दर्शन किए। भारत के विभिन्न इलाकों से श्रद्धालु प्राचीन प्रतिमाओं के दर्शन करने पहुंच रहे है।
सुरक्षा व्यवस्था-
मूर्तियों की सुरक्षा के लिए पुलिस के हथियारबंद सिपाही चौबीस घंटें मंदिर में तैनात रहेंगे। मंदिर के द्वार पर मैटल डिटेक्टर की भी व्यवस्था की गई है। मूर्तियों को निकालने व उनके अभिषेक में युवक परिषद व श्रद्धाभावी श्रावक-श्राविकाओं का अनुकरणीय योगदान रहा।
- मोहन थानवी

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