बीकानेर, 12 नवंबर 2016 ( मोहन थानवी ) । कबीर जो रच गए। कबीर जो कह गए । वह जन-जन की वाणी बना। आज कबीर को गाकर जग को गुंजायमान किया जा रहा है। ऐसा हो रहा है बीकानेर से चली कबीर यात्रा द्वारा।



श्रीडूंगरगढ़ में शनिवार को लोकायन संस्थान व बीकानेर पुलिस के संयुक्त तत्वावधान में भंवर-नरसी-पूनम कुलरिया परिवार मूलवास के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम की शुरूआत में अली-गली भाई के अली ने गणेश भजन व ‘भरोसे थारे चाले रे सत गुरु मारी नांव’भजन की प्रस्तुति दी। इसके पश्चात जैसलमेर के लोक कलाकार महेशाराम ने ‘ऐ म्हारी हेली है’ वाणीसुनाकर श्रोताओं की वाही-वाही लूटी। इसके पश्चात कबीर प्रोजेक्ट की निर्देशिका और वाणी गायिका शबनम बिरमानी ने गोरखनाथ, लाधूनाथ, संत रायल इत्यादि संतों की वाणियों को प्रस्तुत की। दिल्ली से आये गायक कलाकार हरप्रीत सिंह ने गिटार पर कबीर के भजनों को गाया। कच्छ गुजरात से आये लोक कलाकार मावजी ने अपनी प्रस्तुति देकर श्रोताओं को मंत्रमुगध कर दिया।इससे पहले ‘राजस्थान कबीर यात्रा : 2016’ पहुंचने पर यहां की विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारियों, पुलिस प्रशासन एवं सीएलजी सदस्यों द्वारा स्वागत किया गया। यात्रा के स्वागत के जन सैलाब उमड़ पड़ा और बैण्ड बाजों एवं पुष्प वर्षा के साथ यात्रा एक जुलूस के रूप में पूराने बस स्टैण्ड पहुंची। यह जुलूस स्टेशन रोड़, मुख्य बाजार, पुस्तकालय, गांधी पार्क होते हुए निर्धारित स्थल पर पहुंची। इसमें उपअधीक्षक जगदीश बोहरा, थानाधिकारी विष्णुदत्त विश्नोई, लायन महावीर स्वामी, सलीम बहेलिया, विमल भाटी, अबू मण्डेलिया सहित बड़ी तादाद में लागे शामिल हुए।

सायं 7 बजे पुराना बस स्टैण्ड पर राजस्थान कबीर यात्रा का कार्यक्रम शुरू हुआ जिसमें श्रीडूंगरगढ़ विधायक किशनाराम नाई, बीकानेर शहर भाजपा अध्यक्ष सत्यप्रकाश आचार्य, बीकानेर पुलिस अधीक्षक डॉ. अमनदीप सिंह कपूर, ताराचंद सारस्वत, जगदीश बोहरा उपअधीक्षक, विष्णुदत्त विश्नोई थानाधिकारी, सोहनलाल ओझा, श्याम महर्षि पूर्व अध्यक्ष रा.भा.सा.सं.अ. की उपस्थिति में कार्यक्रम की शुरूआत हुई।

कार्यक्रम के निदेशक गोपाल सिंह चौहान ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान श्रीडंूगरगढ़ विधायक किशनाराम नाई, बीकानेर पुलिस अधीक्षक डॉ. अमनदीप सिंह कपूर व कबीर यात्रा निदेशक गोपाल सिंह ने सभी यात्रीयों की और से कलाकारों का साफा व शॉल से स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन संजय पुरोहित ने किया। यात्रा देर रात को श्रीडूंगरगढ़ से राववाला के लिए रवाना हुई।