-‘खेजड़ली शहीदी दिवस एवं राष्ट्रीय वन शहीद दिवस 2024’ अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का हुआ समापन
‘खेजड़ली शहीदी दिवस एवं राष्ट्रीय वन शहीद दिवस 2024’ अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का हुआ समापन
-
जयपुर 12 सितंबर। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय की गुरु जम्भेश्वर पर्यावरण शोधपीठ एवं जम्भाणी साहित्य अकादमी, बीकानेर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार ‘खेजड़ली शहीदी दिवस एवं राष्ट्रीय वन शहीद दिवस— 2024’ का समापन गुरुवार को जोधपर में मारवाड़ इंटरनेशनल सेंटर, राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में हुआ।
समारोह में संसदीय कार्य मंत्री, विधि एवं न्याय मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि आज खेजड़ी के वृक्ष के संरक्षण एवं संवर्धन की महती आवश्यकता हैं। छप्पनिया अकाल के समय अनाज के अभाव में खेजड़ी मारवाड़ के लोगों के लिए जीवनदायिनी साबित हुई थी।
पटेल ने कहा कि ‘जल है तो कल है’ उक्ति को मारवाड़ के लोगों से बेहतर कोई नहीं समझ सकता। आज जल संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है और हमें जल संरक्षण, पुनर्भरण एवं जल प्रबंधन के क्षेत्र में विचार करने की आवश्यकता हैं। उन्होंने कहा पर्यावरण संरक्षण के लिए समाज में चेतना लाने की महत्ती आवश्यकता हैं।
कार्यक्रम में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल मंत्री कन्हैया लाल चौधरी ने कहा कि आज विश्व जलवायु परिवर्तन के कारण गंभीर पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना कर रहा है। गुरु जम्भेश्वर भगवान ने आज से लगभग 550 वर्ष पूर्व जीव रक्षा एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए व्यापक स्तर पर जन जागरण का कार्य किया। उनके विचार जीव रक्षा के विचार वर्तमान समय में भी प्रासंगिक है।
चौधरी ने कहा कि आज हमें प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण, पुनर्चक्रण एवं पुनरुपयोग की आवश्यकता है।
उद्योग एवं वाणिज्य राज्यमंत्री केके बिश्नोई ने कहा कि आज हमें पर्यावरण संरक्षण एवं वन्य जीव संरक्षण के लिए अधिकाधिक शोध कार्य एवं संगोष्ठियों के आयोजन की आवश्यकता हैं। साथ ही जनमानस में जम्भेश्वर भगवान एवं मां अमृता देवी के विचारों को पहुंचाने की आवश्यकता है। राष्ट्र के आर्थिक विकास के लिए पर्यावरण अनुकूल प्रौद्योगिकी के प्रयोग को बढ़ाने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में फलोदी विधायक पब्बाराम विश्नोई, सिवाना विधायक हमीर सिंह भायल, देवेन्द्र बूड़िया,डॉ. इंद्रा विश्नोई, ओम प्रकाश बिश्नोई व अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं प्रतिभागी उपस्थित रहे।
write views