बीकानेर में कुदरत ने गिराए अलर्ट के छींटे, हम खुशी से बारिश-बारिश बोल पड़े...
- मोहन थानवी
हम खुशी से बारिश बारिश चिल्ला रहे थे और कुदरत अलर्ट के छींटे गिराती जा रही थी। हालांकि ऐसा बमुश्किल आधे से पौन घंटे तक ही हुआ। लेकिन शनिवार को शहर के भीगने पर लोगों ने बीते समय में लोगों से सुनी बात को कहना शुरू कर दिया कि अब बीकानेर हफ्ते भर तक भीगेगा। दरअसल करीब करीब 40 से 45 दिनों तक भीषण गर्मी झेलने के बाद बीकानेर में राहत की बूंदे तो बरसी लेकिन इस "जरा सी" बारिश ने ही आने वाले समय में मानसून के दौरान होने वाली बारिश के चलते शहर के भावी हालात सामने ला खड़े कर दिए।
आज आधा पौन घंटे तक हुई बारिश की झड़ी से ही जगह-जगह जल भराव का नजारा भी दिखा। कुछ जगह सड़कों पर पड़े गड्ढों से आने जाने वाले लोगों को सावचेत करते शहर के जागरूक युवा भी नजर आए। हालांकि एक आध जगह से ऐसे गड्ढों के कारण कतिपय लोगों के चोटिल होने की खबर भी लोग कह रहे हैं।
मानसून पूर्व की इस पहली बारिश को बीकानेर शहरी क्षेत्रों के लिए अलर्ट इसलिए कहा जा सकता है कि शहर के प्रमुख प्रशासनिक और सार्वजनिक स्थलों पल जल भराव का दृश्य रहा। इनमें रेलवे स्टेशन का पश्चिमी द्वार के साथ लगता डाक बंगला क्षेत्र (इस डाक बंगले में जनसंपर्क कार्यालय भी संचालित होता है), स्टेशन के पूर्वी द्वार से बाहर निकलने पर सीधे हाथ की ओर सड़ांध मारता टूटी-फूटी सड़क वाला डीआरएम ऑफिस की ओर जाने वाला मोड, पुरानी गिन्नानी, गंगाशहर-भीनासर-सुजानदेसर, जिला मुख्यालय कलेक्ट्रेट से होते हुए सूरसागर पार करते हुए केंद्रीय बस स्टैंड और लालगढ़ स्टेशन की तरफ जाने वाला मार्ग, रानीबाजार से ओवर व अंडर ब्रिज वाला चौरस्ता, शहर से कोटगेट-केईएम रोड वाला बारिश से जलबहाव मार्ग, फड़ बाजार, स्टेडियम-एम एन हास्पिटल के पास, म्यूजियम चौराहा आदि स्थल शामिल हैं।
यह कुछ ऐसे स्थल है जहां बारिश के दौरान और बारिश के कुछ समय बाद तक आवागमन प्रभावित हुआ। अलावा इसके गली मोहल्लों में और कुछ मुख्य सड़कों पर जहां सीवर लाइन के चेंबर खुले पड़े हैं अथवा ढक्कन आधे अधूरे ढके हैं नालियां खुली पड़ी है, - ऐसी जगह पर थोड़ी सी बारिश के बाद ही हालात आराम से आने जाने लायक तो नहीं रहते।
ऐसा नहीं है कि शहर के लोगों और शहर प्रशासन से जुड़े अधिकांश लोगों के लिए यह नई बात हो। बीकानेर में लगभग सभी नागरिकों को इन हालातो की जानकारी है। और इन नागरिकों में उन विभागों में काम करने वाले कार्मिक भी शामिल है जिन पर शहर की व्यवस्थाएं सुचारू बनाए रखने का दायित्व है।
ऐसी व्यवस्थाओं संबंधित निर्माण कार्य करने के ठेके लेकर कार्यों को अंजाम देने वाले ठेकेदार भी इसी शहर के हैं। फिर भी हम सभी सहित इन सभी संबंधित को भी आधे घंटे की बारिश परेशानी में घेर लेती है। और हम हैं कि भीषण गर्मी से राहत पाने की उम्मीद की बूंदे टपकने पर खुशी से बारिश बारिश चिल्ला उठते हैं और कुदरत के अलर्ट को भूल जाते हैं की मानसून में हालात इससे भी अधिक बढ़कर सामने आ सकते हैं।
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