एमजीएसयू : ट्रांसफर्मेटिव जर्नी ऑफ भारत डयूूरिंग लास्ट डेकेड्स विषय पर आयोजित होगी दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी
महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय बीकानेर तथा भारतीय राजनीति विज्ञान परिषद के संयुक्त तत्वावधान में ट्रांसफर्मेटिव जर्नी ऑफ भारत डयूरिंग लास्ट डिकेडश विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन 20 जनवरी, 2024 को प्रातः 10ः30 बजे विश्वविद्यालय के मुख्य आॅडिटोरियम में कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित की अध्यक्षता में आयोजित होगा।
एमजीएसयू मीडिया प्रभारी डाॅ. मेघना शर्मा ने बताया कि अखिल भारतीय स्तर की राजनीति विज्ञान विषय की सर्वोच्च संस्था भारतीय राजनीति विज्ञान परिषद के 61वें अधिवेशन भी महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय में आयोजित होगा। आयोजन सचिव डाॅ. बबिता जैन एवं डाॅ. धर्मेश हरवानी के अनुसार संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अजमेर सिंह मलिक होंगे तथा प्रो. संजीव कुमार शर्मा, संयुक्त सचिव, भारतीय राजनीति विज्ञान परिषद् संगोष्ठी में मुख्य वक्तव्य देंगे। साथ ही संगोष्ठी में हिन्दू काशी विश्वविद्यालय बनारस के आचार्य प्रो. कौशल किशोर मिश्रा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित होंगे।
मीडिया सेल प्रभारी प्रो. मैना निर्वाण के अनुसार संगोष्ठी के प्रथम दिन उद्घाटन समारोह पश्चात् चार तकनीकी सत्र आयोजित होंगे जिसमें प्रथम सत्र में सशक्त भारत के लिए महिला सशक्तिकरण, राष्ट्रीय शिक्षा नीति: भारत विश्वगुरू की ओर, भारतीय विदेश नीति एवं कूटनीति, पर्यावरण एवं जलवायु संरक्षण तथा दूसरे दिन भी चार तकनीकी सत्र में विकसित भारत 2047 भविष्य की संभावनाएं, आत्मनिर्भर भारत में युवाओं की आकाक्षाएं, सामाजिक कल्याण योजनाएं एवं सामवेशी सरकार तथा डिजिटल भारत एवं प्रौद्योगिकी नवाचार विषय पर चर्चा होगी। संगोष्ठी में राजनीति विज्ञान एवं लोक प्रशासन विषय से संबंधित राष्ट्रीय स्तर के शिक्षाविद् सम्मिलित हो रहे है। संगोष्ठी का समापन समारोह दिनांक 21 जनवरी, 2024 को आयोजित होगा।
संगोष्ठी के सफलतापूर्वक संचालन हेतु विश्वविद्यालय कुलसचिव श्री अरूण प्रकाश शर्मा, डाॅ. बजरंग सिंह राठौड़, प्रो. नरेन्द्र नाथ, प्रो. साधना भण्डारी, डाॅ. धर्मेश हरवानी, प्रो॰ शशि वर्मा, प्रो. सुनीता गोयल, डाॅ. संदीप महला, डाॅ. प्रवीण खत्री, डाॅ. गजानन्द शर्मा, डाॅ. अमृता सिंह, प्रो. नीलमणि गुप्ता, प्रो. नूरजहा, प्रो. महेश रचियता, प्रो. धीरज बाकोलिया, डाॅ. सिद्धार्थ राव, प्रो. अच्छन राठौड़ सहित विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं कार्मिकों को जिम्मेदारी दी गई है।
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