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सिर चढ़’र बोल्यो राजस्थानी रामलीला रो जादू











*खबरों में बीकानेर*














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*खबरों में बीकानेर*


सिर चढ़’र बोल्यो राजस्थानी रामलीला रो जादू

दूजी रात राम-सीता जलम, ताड़का वध री लीला रो होयो मंचन

जठै ताड़का रो होलनाक दरसाव देख डर्या बठै’इ हास्य कलाकारां री प्रस्तुति देख हांस्यां घणाई

सूरतगढ 

वार्ड 29 बिरामण धरमसाळ रै अगूणै पासै बण्यै मंच हनुमान चौक पर राजस्थानी भासा आंदोलन नै लेय‘र खेलीजण लाग री राजस्थानी रामलीला रो जादू लोगां रै सिर चढ़‘र बोल रैयो है।राजस्थानी रामलीला देखण सारू टाबरां री टोळ री टोळ, बुढा - बडेरा, लुगायां - पतायां ही नीं मोट्यार भी रामलीला देखण नै आ रैया है। दूजी रात री लीला मांय राम - सीता जलम, ताड़का, मारीच, सुबाहु आद राकसां रै उत्पात सूं दुखी विश्वामित्र राजा दशरथ सूं राम - लिछमण नै मांग‘र ल्यावै। राकसणी ताड़का  भूतण्यां - पलीतण्यां रै साथै आवै अर होलनाक दरसाव सूं सगळां नै डराय‘र दरसकां मांय खळबली मचा दीनी। पछै भगवान राम सगळां राकसां रो खात्मो करै।
इण रात री लीला मांय सिरै पावणै कै रूप मांय श्रीगौसाळ रा पाटवी सुशील धानुका भगवान श्रीगणेश री आरती करी। पावणां घणी सबळाई सूं मायड़ राजस्थानी री मानता रो पख राख्यो। इण ढाळै मायड़ भासा राजस्थानी मांय रामलीला मंचन री खुलै हिड़दै सूं सरावणा करी।

अै कलाकार बण्या पात्र :-

इण रात री लीला मांय दशरथ - राकेश शर्मा, गणेश - युग औझाइया, वशिष्ठ - दिनेश पारीक, विश्वामित्र - विनोद औझाईया, मारीच - तपेश, सुबाहु - संजय बिश्नोई, ताड़का - काळू सैन अर राहुल बिश्नोई, मंत्री - अतिकेत अर कार्तीक, नगरवासी- विशाल वर्मा , तनुज, अयान, कौशल्या - टीना पारीक, कैकयी - पारूल , सुमित्रा - गौरव, नाच - विजयलक्ष्मी स्वामी, राम - राजेश लाम्बा, लिछमण - प्रदीप जसूजा, जनक - रामकुमार पुरोहित बण्या।

दूजी रात री लीला रै संवादा री बानगी :-

दशरथ - मुनिराज घणकरी‘क उमर बीतगी। जुवानी पराई हुगी। बुढ़ापो बारैकर फिरण लागयो। पण अजै तांई औलाद रो मूं कोनी देखयो मै गुरुजी सूं जिकर करयो अर बां आप नैं बुलावणै री रा दी। बस इण सारू आप नैं फोड़ा घालया है।

जनक - प्रजा अर दुखी...... मेरी प्रजा नैं दुख, मेरी प्रजा गरीब है तो मेरै खनै अखूट भंडार है मेरी प्रजा ने किंणी दुसमण रो डर है तो मेरै खनै बलवान फौज है। प्रजा रै ही वास्तै मिला में राज करूं हूं। जो कीं भी करूं हूं प्रजा रै वास्तै करूं हूं।।

विश्वामित्र - अरे दुष्टों... अठै थानै थारी मौत ल्याई है। हुणी थारै मारगै थप्पड़  करया थानै सौदाई है।। बधगया थारा हौसलां इतरा, आंखया पर चरबी आई है। चलया जाओ-चलया जाओ, ई में ई थारी भलाई है।

राम -  पिताजी री आग्या मान‘र, मुनिराज री चिंता दूर करसयां। म्हे ई बात खातर ई धनुष बाण उठायो है। गौ बिरामणा री रिछपाल रो म्हे संकल्प उठा यो है।। जिको गौ-बिरामण रो शत्रु है बो ई म्हारौ दुसमण है।

लिछमण- मा बापड़ी मरगी थारी उणरी माटी तो ठिकाणै लगा। अरे बेशर्म  थारो ओ ई हो धरम तेरी मां री देही कुता री शिकार है।। तूं लागै है जीवणै सूं धाप्यो है।

राजस्थानी रामलीला रै संयोजन मंच सत्यनारायण ताविणया, मुरलीधर उपाध्याय, जगदीश स्वामी, ताराचंद निराणिया, हंसराज भादू , अर्जुन जोशी , शिवकान्त शर्मा, रेवन्त व्यास, पृथ्वीराज स्वामी, बाबूलाल सारस्वत, भीम जोशी, हनुमान मिंदर पुजारी सुशील औझा, पंडित रामेश्वर लाल गौड़, राजू गौड़, ओम पटवारी, महावीर ठाकराणी , विष्णु उपाध्याय, इन्द्र तावणियां, नंदू सैन , शंकर गहलोत , सहदेव जोशी, कन्हैयालाल पारीक, कमल जैन , विनोद सुथार , अशोक कुमार, हरीश कुमार, धीरज स्वामी आद आपरी सेवा दीनी।


 



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