Type Here to Get Search Results !

जैसलमेर को ग्लोबल पहचान दिलाने खड़ीन तकनीक पर हो शोध और बाजरा उत्पादक किसानों का संगठन बने


खबरों में बीकानेर



🚰जल बचाओ



🌹पर्यावरण संरक्षण जरूरी




हाईलाइट्स :





Home / Bikaner / Latest / Rajasthan / Events / Information 🚩🚩🚩🚩🚩 औरों से हटकर सबसे मिलकर © खबरों में बीकानेर https://bahubhashi.blogspot.com https://bikanerdailynews.com ®भारत सरकार UDAYAM REGISTRATION NUMBER RJ-08-0035999 🌞:

👇




🌅








*औरों से हटकर सबसे मिलकर*




*
** 












🚪







✍🏻







*

जैसलमेर को ग्लोबल पहचान दिलाने खड़ीन तकनीक पर हो शोध और बाजरा उत्पादक किसानों का संगठन बने

*कृषक वैज्ञानिक विचार गोष्ठी एवं क्षेत्र भ्रमण कार्यक्रम आयोजित

कृषि विज्ञान केंद्र जैसलमेर द्वारा रविवार 14 मई को गाँव रामगढ़ में कृषक वैज्ञानिक विचार गोष्ठी एवं क्षेत्र भ्रमण कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे 62 किसानों ने भाग लिया। 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. ए.के. सिंह पूर्व उप महानिदेशक भाकृअनुप नई दिल्ली एवं कुलपति रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी द्वारा बताया गया कि किसान कम से कम संसाधन में कैसे अच्छा काम करें एवं विषम परिस्थितियों को अवसर में कैसे बदले। उन्होंने यहां के युवा किसानों को उद्यानिकी के पौध बनाने का प्रशिक्षण कृषि विज्ञान केंद्र से लेने और इसे व्यापक स्तर पर क्षेत्र के लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रोत्साहित किया।

 उन्होंने कृषि को सतत बनाने के लिए केंद्र के सहयोग से आगे बढने का आह्वान किया एवं यहाँ की वर्षो पुरानी खेती की खड़ीन तकनीक पर अनुसंधान करने और इसे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने को कहा।

 स्वाकेराकृवि बीकानेर के कुलपति डॉ अरुण कुमार ने बताया कि यहां के बाजरा उत्पादक किसानों का एक कृषि उत्पादक संगठन बनाया जाए एवं उसके माध्यम से यहाँ के किसान बाजरा के मूल्य संवर्धित उत्पाद जैसे बिस्किट , खांखरा एवं केक जैसे उत्पाद बनाकर बेच कर मुनाफा कमाए। उन्होंने केंद्र पर पौध एवं बीज का एक विक्रय केंद्र खोलने की बात कही ताकि यहां के किसानों को फसलों की उन्नत किस्म का बीज एवं पौध, केंद्र पर ही उन्हें प्राप्त हो जाए।

स्वाकेराकृवि बीकानेर के प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ सुभाष चंद्र ने बताया कि जैसलमेर जैसे शुष्क क्षेत्र की पहचान यहां पैदा होने वाली बाजरा की फसल से है एवं यहां पैदा होने वाला बाजरा पूर्णतया जैविक है। उन्होंने बताया कि यह वर्ष पूरे देश भर में मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है जिसके लिए उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र को यहां के किसानों को बाजरा के मूल्य संवर्धन एवं प्रसंस्करण पर प्रशिक्षण देने की बात कही ताकि यहां के किसान बाजरा की फसल में स्वउधमिता की ओर अग्रसर हो सके। 

केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ• दीपक चतुर्वेदी ने यहां के किसानों को खेजड़ी की उन्नत किस्म थार शोभा के बारे में बताया कि खेजड़ी की इस किस्म से सांगरी तीसरे वर्ष से ही प्राप्त होने लगती है एवं उन्होंने कैर एवं सांगरी के मूल्य संवर्धित उत्पाद बाजार में बेचकर दुगुना लाभ कमाने की बात कही। कार्यक्रम के दौरान प्रगतिशील किसान छत्रसिंह जाम , कन्हैया लाल एवं दलवीर गोदारा उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन एवं प्रबंधन डॉ चारू शर्मा एवं अतुल गालव द्वारा किया गया।








C P MEDIA







खबरों में बीकानेर

Tags

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Hollywood Movies