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दैहिक कमजोरी के साथ जन्मे इंसान भी ईश्वर की कृति है, सामान्य व्यक्ति की तरह स्वप्न देखने का हक है उन्हें भी...करिश्मा जोशी
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दैहिक कमजोरी के साथ जन्मे इंसान भी ईश्वर की कृति है, सामान्य व्यक्ति की तरह स्वप्न देखने का हक है उन्हें भी...करिश्मा जोशी
बीकानेर
शब्दश्री साहित्य संस्थान की मासिक श्रृंखला शब्दश्री शख्शियत से मुलाकात के तहत इस बार बीकानेर की युवा रचनाकर करिश्मा जोशी से संवाद किया गया।
होटल राजमहल में आयोजित इस मुलाकात में करिश्मा ने अपने जीवन व लेखन यात्रा से जुड़े प्रश्नों पर बेबाक प्रत्युत्तर दिए
अपनी सँघर्ष यात्रा से जुड़े ज्वलन्त सवाल उन्होंने सदन व समाज के आगे रखे. करिश्मा ने कहा कि कोई शारीरिक व्याधि के साथ दुनिया मे आया है तो क्या ये उस व्यक्ति की इच्छा पसन्द है? वह भी समाज का हिस्सा है और उसी ईश्वर की कृति है जिसने बाकी सब को बनाया है। उस पर उंगली उठाना मानो परमात्मा की सर्जना पर उंगली उठाना है। करिश्मा ने बहुत सच्चाई के साथ पूछा कि क्या हमें सपने देखने का हक नही है?
करिश्मा से संस्थान की अध्यक्ष व वरिष्ठ साहित्यकार मोनिका गौड़ ने खुल कर संवाद किया ।
संस्थान की महासचिव गीतकार साहित्यकार मनीषा आर्य सोनी ने बताया कि इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार रवि पुरोहित, राजेन्द्र जोशी, डॉ बसन्ती हर्ष, राजाराम स्वर्णकार,बाबूलाल छंगाणी, विप्लव व्यास, सुमित शर्मा, मुनीन्द्र अग्निहोत्री, गौरीशंकर प्रजापत, अमित गोस्वामी, योगेश व्यास, गोपाल पुरोहित, आनंद मस्ताना, जगदीश दान जी रतनु व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम के प्रारम्भ में करिश्मा का उपरणा पहना कर स्वागत किया गया।
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