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3 घंटे बिजली सप्लाई से वंचित रहेंगे शुक्रवार को बीकानेर के ये इलाके
बीकानेर में एच.टी. फीडर के रखरखाव कार्य के लिए 21 अप्रैल को प्रातः 7.00 से 10:00 बजे तक विभिन्न स्थानों पर आंशिक रूप से बिजली आपूर्ति बंद रहेगी।
बीकेईएसएल के अनुसार, इस दौरान इन्दिरा कॉलोनी, गणेश चौक, मंजूर की चक्की, रामदेवजी का मन्दिर, पाण्डेजी की टाल, खारा इण्डस्ट्रीयल एरिया क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बंद रहेगी।
ऐसा भी एक स्टार्टअप : सफाई पसंद हूं, कचरे से सजावट करता और हैल्थ बनाता हूं - डॉ गोधा
बीकानेर
नया भारत बनाने में स्टार्टअप्स की बहुत अहमियत रही है। एक ऐसा स्टार्टअप भी है जो स्टार्टअप ना होते हुए भी नया भारत निर्माण में पूरी तरह सहयोग कर सकता है। हम बात कर रहे हैं कचरा प्रबंधन की। इसे आम नागरिक अपने स्तर पर घर में ही बखूबी कर सकता है। ऐसा जयपुर निवासी डॉ शरद गोधा का कहना है। वह कहते हैं - मैं सफाई पसंद हूं। मुझे जरा भी कचरा पसंद नहीं। लेकिन मैं उसी कचरे से अपनी सेहत भी बनाता हूं और इस कचरे से प्रकृति की सजावट भी करता हूं। इससे पर्यावरण संरक्षण भी होता है। और मेरी सेहत भी ठीक रहती है। मैंने अपना वजन कचरे के उपयोग के दौरान ही कम किया है। डॉक्टर गोधा सर्किट हाउस में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों को जानकारी दे रहे थे। उन्होंने और कोरोना काल का जिक्र करते हुए बताया कि कुछ समयतक उनकी पत्नी ऑक्सीजन पर निर्भर रहीं इससे स्वयं का बाहर निकलना नामुमकिन सा हो गया।। ऐसे में अपनी सफाई पसंदगी को ध्यान में रखते हुए हमने अपने घर का कचरा बाहर ना फेंकने का निर्णय लिया और उस कचरे से अपने सेवाकाल के अनुभवों से गमले बनाए
सर्किट हाउस, बीकानेर
उन्होंने सभी का आह्वान किया है कि कचरा मुक्त घर, कचरा मुक्त शहर व देश बनाने में सहयोग करें।
“घरेलू कचरा प्रबंधन” डॉ० शरद गोधा, पूर्व निदेशक, कृषि विभाग, राजस्थान सरकार
(सेवानिवृत कृषि एवं उद्यानिकी विशेषज्ञ)
आज के समय में देश ही नहीं अपितु विश्व में ही कचरा बहुत बडी समस्या बन गया है। कचरा चाहे वह रसोई का हो या प्लॉस्टिक थैलियां, पाउच, रद्दी कागज, गत्ते के डिब्बे, लोहे के टुकडे इत्यादि प्रत्येक घर से भारी मात्रा में निकलते है।
सभी को पर्यावरण के अनुरूप सही प्रकार से निस्तारण एक चुनोती बन गया है मानव जाति के लिये या तो फिर हमारी पृथ्वी के लिये ओर जीवों के लिये ।
" कैसे करे इसका निस्तरण ?
समय के साथ साथ ही मानव जाति की प्रगति में कचरा भी बढ़ता चला जा रहा है। आज पैकिंग व presentation का दौर हैं तो वस्तु के साथ कचरा भी आता है और कई बार तो मूल वैट से भी ज्यादा कचरा उसकी पैकिंग में जा जाता है क्या करें ?
मैं डॉ० शरद गोधा वर्ष 2020 में राजकीय सेवा से सेवानिवृत हुआ । मैने कृषि एवं उद्यानिकी विषयों पर पिछले 45 वर्षो से अध्ययन, अध्यापन कृषकों के साथ काम करके उनकी समस्याओं के निराकरण एवं किस प्रकार कृषकों के जीवन में कृषि से सुधार हो सकता हो करता रहा हूँ।
पिछले चार माह से अपने घर पर ही घरेलू कचरे को Gardening में तकनीकी मेप से कार्य करके पूर्ण रूप से काम में ले रहा हूँ।
मैनें अपने घर से पिछले चार माह से 1 gm (एक ग्राम) भी कचरा चाहे वही किसी भी प्रकार का हो घर से बाहर नहीं फेंक रहा हूँ और पूर्ण से से काम में लेकर सफलता से इसका पूर्ण रूप से निस्तारण कर रहा हूँ जो की तकनीकी रूप से सही भी है।
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