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स्वयं को सृजनशील बनाएं बालिकाएं - गौरव अग्रवाल






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🖍️राष्ट्रीय बालिका दिवस : राज्य स्तरीय किशोरी शैक्षिक उत्सव आयोजित


-स्वयं को सृजनशील बनाएं बालिकाएं - गौरव अग्रवाल



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*राष्ट्रीय बालिका दिवस : राज्य स्तरीय किशोरी शैक्षिक उत्सव आयोजित*


*स्वयं को सृजनशील बनाएं बालिकाएं - गौरव अग्रवाल*

बीकानेर, 24 जनवरी। राष्ट्रीय बालिका दिवस पर राज्य स्तरीय किशोरी शैक्षिक उत्सव का आयोजन समग्र शिक्षा एवं महिला अधिकारिता विभाग के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को देशनोक में आयोजित हुआ।


कार्यक्रम में मुख्य अतिथि शिक्षा निदेशक गौरव अग्रवाल ने कहा कि बालिकाएं शिक्षा के माध्यम से अपने भविष्य को उज्ज्वल बनाएं।

 सृजनात्मकता विकसित करें। राष्ट्रीय बालिका दिवस पर प्रदेश के अलग-अलग जिलों से बालिकाओं द्वारा प्रस्तुत क्रियात्मक मॉडल की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि ज्ञान की मूल अवधारणा को समझा जाएं। रटने के बजाए सीखने पर ध्यान दें। शिक्षा विभाग में चल रहे नए नवाचारों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि बच्चों के अवधारणात्मक विकास पर विभाग द्वारा विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

  
जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी नित्या के. ने कहा कि बालक और बालिकाओं में समानता घर से ही शुरू करनी चाहिए। यह माता पिता का कर्तव्य है। इसी से समाज में समानता स्थापित की जा सकेगी। 


देशनोक नगर पालिका चेयरमैन ओमप्रकाश मूंधड़ा ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम बालिकाओं को ऊर्जावान बनाते हैं, उन्हें प्रोत्साहन मिलता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बालिकाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है।
अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) ओम प्रकाश ने कहा कि अपने उज्ज्वल भविष्य के लिए बालिकाओं को हुनर सीखना होगा ।

 उन्होंने कहा कि बीकानेर जिले में चल रहे शक्ति और पुकार अभियान की राज्य स्तर पर सराहना हुई है। हर माह ई शक्ति मैगजीन का विमोचन किया जाता है।


महिला अधिकारिता विभाग की उपनिदेशक मेघा रतन ने बताया कि राष्ट्रीय बालिका दिवस की शुरुआत महिला एवं बाल विकास, भारत सरकार ने 2008 में की थी। इसका मुख्य उद्देश्य समाज में बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरुक करना हैं। इस अवसर पर करणी माता मंदिर निजी प्रन्यास अध्यक्ष बादल सिंह ने भी विचार व्यक्त किए। 


*उत्कृष्ट कार्य करने वाली बालिकाओं का किया सम्मान*

कार्यक्रम में महिला अधिकारिता विभाग द्वारा उत्कृष्ट कार्य करने वाली जिले की 16 बालिकाओं को प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर मोटिवेशन स्पीच, कविताएं, सांस्कृतिक नृत्य आयोजित हुए।


*450 बालिकाओं ने लिया भाग*


कार्यक्रम प्रभारी नरेंद्र कुमार अग्रवाल ने बताया कि राज्य स्तरीय मॉडल प्रदर्शनी में भाग लेने वाले सभी संभागियों को टी-शर्ट, कैप, सेंस और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्रारंभिक शिक्षा एवं माध्यमिक शिक्षा में 3 -3 जोन में प्रथम जोन में हिंदी एवं अंग्रेजी, द्वितीय जोन में गणित एवं विज्ञान तथा तृतीय जोन में सामाजिक एवं समसामयिक विषय पर प्रदर्शनी के मॉडल प्रदर्शित किए गए। प्राथमिक शिक्षा में प्रथम आने पर 5100 रुपये, द्वितीय को 2100 रुपये तथा स्थान विजेता को 1100 रुपये तथा माध्यमिक शिक्षा में प्रथम को 5100 रुपये, द्वितीय को 2100 तथा तृतीय को 1100 रुपये पुरस्कार स्वरूप दिए गए।


इस दौरान अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक गजानंद सेवग, उपनिदेशक राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद जयपुर मधु शर्मा, एपीसी कृष्ण मोहन शर्मा, कार्यक्रम प्रभारी अजय कुमार बारहट, राम दान चारण, कृष्ण कुमार शर्मा विक्रम प्रजापत, महिला अधिकारिता विभाग की विजयलक्ष्मी जोशी, सतीश परिहार एवं विभिन्न जिलों से शिक्षा विभाग के प्रतिनिधि, अभिभावक एवं विद्यार्थी मौजूद रहे। मंच संचालन सवाई सिंह चारण ने किया।



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