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भाव से कल्याण होता है - महंत क्षमारामजी भगवान का ध्यान चिंता खत्म करने वाला- महंत क्षमारामजी


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भाव से कल्याण होता है - महंत क्षमारामजी
भगवान का ध्यान चिंता खत्म करने वाला- महंत क्षमारामजी
बीकानेर। सनातन धर्म में धर्म के तीस लक्षण हैं, यह हर व्यक्ति में होने चाहिए। उनमें से दया, शौच, तपस्या, उचित-अनुचित का विवेक, ब्रह्मचर्य, अहिंसा, त्याग, स्वाध्याय आदि मुख्य हैं। मनुष्य का धीरे-धीरे सांसारिक भोगों से निवृत होकर भगवत परायण होना ही मुख्य धर्म है। यह बात श्री श्री 1008 सिंथल पीठाधीश्वर महंत क्षमारामजी महाराज ने अपने नित्य प्रवचन में कही। महंत जी ने श्री गोपेश्वर भूतेश्वर महादेव मंदिर में चल रही पाक्षिक श्री मद्भागवत कथा के 9 वें दिन रविवार को ब्रह्म जी, सुखदेव महाराज, युधिष्ठिर के प्रसंगों को , प्रह्लाद जी और दत्तात्रेय जी के बीच हुए संवादों का वर्णन किया। महंत क्षमारामजी ने बताया कि ब्राह्मणों के जीवन निर्वहन के चार धर्म बताए। पहला मुख्य धर्म पूजा -पाठ से निर्वहन करे,दूसरा मांगे बगैर मिले, इसका बड़ा महत्व है, इससे भगवत विश्वास मिलता है। तीसरे यायामान वृत्ति तथा यज्ञ करना तथा यज्ञ कराना है। क्षत्रियों का धर्म निर्बलों तथा असहायों की रक्षा करना तथा दान देना है दान लेना नहीं। वैश्य का धर्म कृषि करना, व्यापार करना, गौ, पशु आदि पालना है। शूद्र का धर्म सेवा करना है।
धर्म में तीस लक्षण है और यह हर व्यक्ति में होने चाहिए। सत्य, तप,दान,संयम, क्षमा,शौच, अहिंसा, शांति और भी है। मनुष्य के पास सबसे बड़ी दुर्लभ चीज जो है, वह सत्संग ही है। यह भाग्य से नहीं मिलता। कहा भी गया है ' बड़े भाग पांवई सत्संगा ' यहां भाग्य का अर्थ कर्म जनित बतलाने वाला नहीं है। यह दुर्लभता से मिलने वाला है। अच्छा और बुरे का ज्ञान सत्संग के बगैर कैसे होगा। यह भगवान की कृपा से मिलता है। महंत जी ने स्त्रियों का धर्म पति को सदा प्रसन्न रखना, उसके कुटुम्बियों से प्रेम रखना, गृहकार्य करना, श्रृंगारादि करना है। उत्तम स्त्रियों के लक्षण हैं विनय, संयम, जो मिल जाय उसी में सन्तोष करना, मृदुभाषण तथा कलह से दूर रहना। स्त्रियों को स्वयं को लक्ष्मीस्वरूप व पति को विष्णु स्वरूप मानना चाहिये। स्त्री के लिए बताया गया है कि वह पति के सामने बड़ी- बड़ी कामनाएं ना करें।
महंत जी ने बताया कि संतों ने कहा है भगवान का ध्यान करो,आपकी कई चिंताएं खत्म हो जाएगी, सत्संग करो,जो भी काम करो भगवान के लिए करो, अपनी आवश्यकता बढ़ाओ मत, भागवत कहता है। 
सर्वपितृ कल्याणार्थ भागवत में फन्ना बाबू ने लिया भाग
गोपेश्वर भूतेश्वर महादेव मंदिर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में रविवार को बीकाजी ग्रुप के चैयरमेन शिवरतन अग्रवाल (फन्ना बाबू) पहुंचे और श्री मद्भागवत की पूजा कर महंत जी से आशीर्वाद लिया एवं कथा श्रवण का लाभ लिया। इस अवसर आयोजन समिति के गोपाल अग्रवाल ने उन्हें लड्डू गोपाल जी के दर्शन लाभ करवाए।






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