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लम्पी : समन्वय और मुस्तैदी के साथ मिशन मोड पर कार्य करें अधिकारी


खबरों में बीकानेर



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लम्पी : समन्वय और मुस्तैदी के साथ मिशन मोड पर कार्य करें अधिकारी 

*समन्वय और मुस्तैदी के साथ मिशन मोड पर कार्य करें अधिकारी*
*पशुपालन विभाग के शासन सचिव ने ली बैठक, लम्पी स्किन रोग की स्थिति और कार्यवाही की समीक्षा की*
बीकानेर, 10 अगस्त। पशुपालन विभाग के शासन सचिव पी.सी. किशन ने बुधवार को कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में जिले में लम्पी स्किन रोग की स्थिति और जिला प्रशासन द्वारा अब तक की गई कार्यवाही की समीक्षा की।  
पशुपालन विभाग के शासन सचिव ने कहा कि पशुओं में फैल रहे इस रोग से निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रभावी कार्यवाही की जा रही है। जिला स्तर पर भी अधिकारी आपसी समन्वय और मुस्तैदी के साथ मिशन मोड पर कार्य करें। उन्होंने जिले में रोगग्रस्त पशुओं की संख्या, इनकी स्थिति, दवाइयों की उपलब्धता तथा जागरुकता के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में जाना। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा प्रत्येक प्रभावित जिले में आवश्यकता के अनुसार अतिरिक्त पशु चिकित्सक और पशुधन सहायक लगाए गए हैं। अतिरिक्त वाहनों की स्वीकृति दी गई है तथा आवश्यकता के अनुसार दवाइयां भी उपलब्ध करवाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा व्यवस्थाओं और संसाधनों में किसी प्रकार की कमी नहीं आने दी जाएगी।  
उन्होंने बताया कि बीकानेर सहित विभिन्न प्रभावित जिलों में पशुपालन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जो सम्पूर्ण स्थिति की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संक्रमित पशुओं के समयबद्ध इलाज के साथ इन्हें आइसोलेट करने तथा दूसरे पशुओं को संक्रमण से बचाने के लिए रखी जाने वाली सावधानियों के प्रति पशुपालकों को जागरुक किया जाए। मृत पशु का गाइडलाइन के अनुसार निस्तारण सुनिश्चित करने की जानकारी भी दी जाए। उन्होंने बताया कि जागरुकता ही इस रोग से बचाव का सबसे बड़ा माध्यम है। इसके लिए समन्वित प्रयास किए जाएं तथा भामाशाहों का सहयोग भी इसमें लिया जाए।
पशुपालन विभाग के शासन सचिव ने कहा कि गोशालाओं में संक्रमित पशुओं के लिए अलग आइसोलेशन वार्ड हो। इस वार्ड में सोडियम हाइपोक्लोराइड का छिड़काव तथा इसे सेनेटाइज्ड करने की कार्यवाही नियमित रूप से की जाए। उन्होंने कहा कि जिला और विभागीय नियंत्रण कक्ष प्रभावी तरीके से कार्य करें तथा प्रत्येक कॉल पर क्विक रेसपोंस हो। उन्होंने कहा कि उच्च स्तर पर जिलों में हो रहे इन प्रयासों की नियमित समीक्षा की जाती है। इसके मद्देनजर प्रत्येक अधिकारी पूर्ण गंभीरता से कार्य सम्पादन सुनिश्चित करें।
जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि जिले की सभी गोशालाओं का निरीक्षण एवं सर्वे कर लिया गया है तथा यहां सभी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित की गई हैं। जिला, ब्लॉक और ग्राम पंचायत स्तर पर जनजागरुकता की सतत गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। इसमें राजीविका की पशु सखियों और कृषि विभाग के पर्यवेक्षकों को भी लगाया गया है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र के भामाशाह भी इस कार्य में आगे आ रहे हैं।
बैठक में जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी नित्या के., अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) ओमप्रकाश, संयुक्त निदेशक (पशुपालन) विरेन्द्र नेत्रा, जिले के नोडल अधिकारी डॉ. मनोज कुमार शर्मा, उपनिदेशक (कृषि) कैलाश चौधरी सहित विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।










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