Type Here to Get Search Results !

युगपक्ष - जनसमस्याओं का समाधान : सतही प्रयास


खबरों में बीकानेर




🚰जल बचाओ




🌹पर्यावरण संरक्षण जरूरी





हाईलाइट्स :





🌅







*औरों से हटकर सबसे मिलकर*



*

** 



🚪

दैनिक युगपक्ष 22 नवम्बर 2021 
सम्पादक श्री उमेश सक्सैना एवं श्री राजेश सक्सैना सहित युगपक्ष परिवार का हार्दिक आभार। 🙏








✍🏻


युगपक्ष - जनसमस्याओं का समाधान : सतही प्रयास

- मोहन थानवी 



बीकानेर 
बीकानेर को यह क्या what हो गया है? बीकानेर में सड़कें roads उखड़ी उखड़ी damage है। तो कुछ जगह कचरे barges के ढेर पड़े रहते हैं। इससे इतर extra जिस सीवर लाइन severline को शहर city की गंदगी शहर से बाहर धकेलने destroy के लिए मशक्कत से डलवाया गया। वहीं सीवर लाइन कुछ जगहों पर चॉक होकर पूरे वातावरण को दूषित बनाने में अपना योगदान कर रही है। 

पॉश कॉलोनी के बुरे हाल

‌दरअसल, facts एक पॉश कॉलोनी posh colony में सीवर लाइन आए दिन चॉक हो जाती है। क्षेत्र aria के जागरूक responsible युवा संबंधित विभाग department में जाकर शिकायत complaint दर्ज करवाते हैं। कभी जल्दी तो कभी दो-चार दिन days बाद सफाई कर्मी आते हैं। कुछ कार्य work करके, काम हो गया ऐसा एक कागज पर लिखवा, दस्तखत sine करवा कर चले जाते हैं। हफ्ता - 10 दिन बाद फिर सीवर लाइन चॉक हो जाती है।

संपर्क पोर्टल का सहारा 

 यह प्रक्रिया process बीते महीनों से नहीं बल्कि वर्षों Years से चल रही है। इससे परेशान क्षेत्र के एक युवा नेता leader ने संपर्क पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज करवाना शुरू कर दिया। 

दस्तख़त कर दो

बीते दिन last day सीवर लाइन फिर चॉक हुई। सफाई कर्मी शिकायत दर्ज करवाने के बाद पहुंचे। नजदीकी घर से गृहिणी को बुलवाकर एक कागज पर दस्तखत करने को कहा। तभी एक जनप्रतिनिधि leader युवक वहां आ पहुंचा और पूछा - सीवर लाइन क्लियर clear हो गई? सफाई कर्मी बोला हां yes। युवक ने उस वक्त देखा तो सीवर लाइन अभी भी चॉक थी। तब उस सफाई करने वाले को कहा कि इसे पूरी completed तरह साफ तो करो। वह टालमटोल करने लगा। तो युवक ने गृहिणी को दस्तखत करने से मना कर दिया। 

आना पड़ा फिर 

इस पर सफाई कर्मी चले तो गए लेकिन उन्हें दूसरे दिन फिर आना पड़ा। सीवर लाइन साफ हुई। युवक ने देखा। संतुष्ट satisfied हुआ। तब जाकर कागज पर साइन हुए। इससे क्षेत्र के लोगों को यह पता चला कि यह सफाई कर्मी तो केवल ड्यूटी duty करने आ जाते हैं। साइन करवा कर चले जाते हैं। समस्या problem बनी रहती है। 

यह भी कारण

इसी छोटी मगर गंभीर वजह से जनमानस में प्रशासन और विभाग के प्रति किस तरह के विचार पनपते हैं ? यही दूषित वातावरण बनाने के कारणों में से एक भी है। यह सभी के लिए चिंतन और मंथन करने का विषय है। 

वैचारिक द्वन्द्व 

यह वातावरण केवल प्रदूषण की दृष्टि से ही नहीं बल्कि लोगों की वैचारिकी के नजरिए से भी बिगड़ता जा रहा है। लोग हर बात पर जिम्मेवारी प्रशासन पर उंडेल देते हैं। यह भूलकर कि प्रशासन की जिम्मेदारी होती तो ऐसी नौबत ही क्यों आती? 

मुखिया पर जिम्मेदारी ! 

क्योंकि, प्रशासनिक नजरिए से शहर के मुखिया को तो ऐसी समस्याओं को संज्ञान में लाने के लिए ज्ञापन दिए जाते हैं। वे संबंधित विभाग तक उन ज्ञापनों को कार्रवाई के लिए पहुंचाने के निर्देश अथवा मार्गदर्शन दते हैं। 

जटिल प्रक्रिया 

इस प्रक्रिया में कितना समय लगता है? यह प्रशासनिक अमला ही बता सकता है। हां, ऐसी प्रक्रिया से दो-चार हो चुके जागरूक लोग चुटकी लेने से नहीं चूकते और कहते हैं कि किसी विभाग की जिम्मेदारी पूरे प्रशासन पर डालना न्याय नहीं।

राज की बात

 कुछ लोगों की यह भी राय है कि राजनीतिक क्षेत्रों से सीख सीख कर जनसामान्य भी ऐसी समस्याओं को लेकर प्रशासन को घेरे में लेने की प्रवृत्ति वाला होता जा रहा है।

विभाग या व्यक्ति...! 

प्रशासनिक और विभागीय कार्यों में शहर विकास के कार्य भी शामिल है। इनमें शहर का सौंदर्य करण शहर की सफाई जन सुविधाएं उपलब्ध करवाना आदि कार्य शामिल है। लेकिन राजनीतिक क्षेत्रों से कुछ लोग इन कार्यों में अपनी अथवा अपने दल की उपस्थिति दर्ज करवाना कतई नहीं भूलते। जनता की सरकार द्वारा विकास कार्यों के लिये बजट जारी करने-करवाने से लेकर लगभग सभी विकास कार्यों वाली जगह पर वे अपने अथवा अपने दल के नाम के ठप्पे के साथ मौजूद रहते ही हैं। जिससे आम आदमी को यह मुगालता रहता है कि कार्य तो ये ही करवा रहे हैं। विभाग क्या कर रहा है? आदेश की पालना। आम आदमी तो यही समझता है। 

ज्ञापन के दस्ते

इसीलिए आम आदमी कहता है - फलां नेता ने अथवा फलां व्यक्ति ने या फला दल ने उनके क्षेत्र में सड़क बनवा दी। कुआं खुदवा दिया या सफाई के लिए एक हाथ गाड़ी या कोई डीजल पेट्रोल चालित वाहन रखवा दिया। इन सब में प्रशासन ने क्या किया? या विभाग ने क्या किया? आम आदमी तो कहता है कुछ नहीं किया। यह तो राजनीतिक दल ने किया। राजनीतिक रसूख वाले व्यक्ति ने किया। नेता जी ने किया। बावजूद इसके, जब ऐसी जन समस्याएं क्षेत्र में मुंह बाए खड़ी होती है तो लोग ज्ञापन के दस्ते लेकर सीधा प्रशासन के पास जा पहुंचते हैं।

उम्मीद का दीपक

उम्मीद कर सकते हैं कि संबंधित विभाग और जिला प्रशासन इस विषय पर संज्ञान लेते हुए जनता की बेहतरी के लिए व्यवस्था सुधार के लिए कुछ कदम उठाएं। 




*




C P MEDIA



खबरों में बीकानेर

Post a Comment

1 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
  1. बीकानेरबकी ज्वलन्त समस्या पर आपने अपनी लेखनी चलाई है इसके लिए आप साधुवाद के पात्र हैं । आजकल जन समस्याओं पर बोलना या लिखना शून्य जैसा हो गया है । आपकी कलम जन समस्याओं को लेकर यूं ही प्रशासन का ध्यान आकर्षित करती रहे । ऐसी कामना करता हूं ।

    ReplyDelete

write views

Top Post Ad

Below Post Ad

Hollywood Movies