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कोरोना इन राजस्थान : लॉकडाउन कुछ नया होगा...? अंदर की खबर बाहर की बात - :- 24 घंटे में नई एसओपी... सीएम की मंशा केंद्र पहल करे वरना राज्य सरकार उठाएगी कदम खास सुझाव :- शहरी इलाकों में नाइट कर्फ्यू के पावर क्लेक्टर्स को दिए जाने चाहिए.
:- रेस्टोरेंट्स के लिए रियायत 15 अप्रैल तक बंद होनी चाहिए. आप को नए सिरे से प्लानिंग करनी होगी. अभी आपने जो ब्रीफ किया वह पुरानी थ्योरी है, अब यह नहीं चलेगी - गहलोत सीएम गहलोत ने कहा कि लोगों में अनुशासन लाने के लिए जरूरी है कि केंद्र सरकार एसओपी जारी करे. राज्य सरकार इसे लेकर केंद्र सरकार से बात करेगी. सीएम ने कहा कि केंद्र अगर पहल करता है तो अच्छा है वरना मजबूर होकर हमें ही एसओपी जारी करनी पड़ेगी. नई एसओपी को लेकर एक-दो दिन में निर्णय ले लिया जाएगा. लाइव समीक्षा बैठक हुई जिससे सोशल मीडिया के जरिए एक लाख 86 हजार से ज्यादा लोग जुड़े रहे.
कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा कोविड-19 के संक्रमण की दूसरी लहर को रोकने के लिए 15 दिन के लिए सख्त कदम उठाएगी राज्य सरकारः मुख्यमंत्री प्रदेशवासियों को प्रोटोकॉल की पालना में सहयोग करना होगा जयपुर, 3 अप्रेल। राज्य सरकार ने प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण की गंभीर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आगामी 15 दिन के लिए सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। इस विषय में विस्तृत दिशा-निर्देश गृह विभाग द्वारा एक-दो दिन में जारी किए जाएंगे। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा है कि कोविड-19 की दूसरी लहर से लोगों के जीवन की रक्षा करने के ध्येय की प्राप्ति के लिए राज्य सरकार संक्रमण को अधिक फैलने से रोकने के लिए हरसंभव कड़ा कदम उठाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आमजन के संक्रमण के प्रति लापरवाह हो जाने के कारण ही कोविड-19 की दूसरी लहर तेज गति के साथ आई है। यदि हम सब मास्क पहनने, उचित दूरी और बार-बार हाथ धोने के हैल्थ प्रोटोकॉल की पालना अनिवार्य रूप से नहीं करेंगे, तो कोरोना वायरस का संक्रमण भयावह रूप ले लेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना के खिलाफ जंग को प्रभावी तरीके से लड़ने के लिए राजस्थानवासियों को राज्य सरकार का सहयोग करना होगा। साथ ही, उन्हें टीकाकरण के लिए भी आगे आना चाहिए। श्री गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कोविड-19 के सक्रंमण तथा वैक्सीनेशन की स्थिति की उच्च अधिकारियों और विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ समीक्षा कर रहे थे। लगभग 2 घण्टे तक चली इस बैठक को फेसबुक, यूट्यूब तथा अन्य सोशल मीडिया चैनलों पर लाइव प्रसारित किया गया। कोरोना प्रबंधन के लिए भावी रणनीति तैयार करने के उद्देश्य से आयोजित इस प्रसारण को करीब 2 लाख लोगों ने देखा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में संक्रमण की गंभीरता इस आंकडे से समझी जा सकती है कि कुछ सप्ताह पहले प्रदेश में सक्रंमण के दोगुने होने की दर (डब्लिंग रेट) लगभग 8 साल थी, जो वर्तमान में 243 दिन पर आ गई है। उन्होंने कहा कि इस भयावह स्थिति को विस्फोटक होने से रोकने के लिए राज्य सरकार पूरी सख्ती बरतते हुए लोगों से हैल्थ प्रोटोकॉल की पालना करवाएगी। उन्होंने कहा कि लोगों को विषय की गंभीरता मालूम हो और वे अपने व्यवहार में बदलाव लाएं, इसलिए बैठक का लाइव प्रसारण किया गया। श्री गहलोत ने प्रशासन, पुलिस तथा स्वायत्त शासन के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे पूर्व में जारी की गए दिशा-निर्देशों के अनुपालना करते हुए बाजारों में मास्क तथा उचित दूरी के नियम की पालना नहीं होने पर संबंधित दुकान अथवा व्यावसायिक प्रतिष्ठान को 72 घंटे के लिए सील करने की सख्त कार्यवाही करें। मुख्यमंत्री ने कोविड टीकाकरण की गति को भी बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हर प्रदेशवासी को 45 वर्ष से अधिक उम्र के सभी लोगों का टीकाकरण करवाने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और एक-दूसरे को इसके लिए प्रेरित करना चाहिए। टीकाकरण की शुरूआत से ही राजस्थान इस अभियान में देश का अग्रणी राज्य रहा है। चिकित्सा विभाग ने इसके लिए पूरी तैयारी कर रखी है कि टीके के लिए पात्र हर व्यक्ति को कोविड टीका लगाया जाए, ताकि कोरोना का संक्रमण होने पर भी शरीर पर इसके दुष्प्रभावों को कम किया जा सके। चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने भी आमजन से अपील की कि वे संक्रमण से बचाव के लिए जरूरी हैल्थ प्रोटोकॉल की अक्षरशः पालना करें। उन्होंने लोगों को घर से कम से कम बाहर निकलने तथा उन स्थानों की यात्रा करने से बचने का सुझाव दिया, जहां कोरोना संक्रमितों की संख्या अधिक है। उन्होंने कहा कि यदि आने वाले कुछ दिनों में स्थिति नियंत्रित नहीं हुई, तो वायरस के संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए सरकार को और अधिक कदम उठाने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि सभी को यह बात समझनी चाहिए कि आंकड़ों की दृष्टि से दूसरी लहर के दौरान माहमारी की तस्वीर अधिक भयावह है। चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने होटल, रेस्टोरेन्ट तथा बाजारों में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अधिक सख्ती करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि हर एक व्यक्ति का यह कर्तव्य है कि वह अपने आस-पड़ोस में हैल्थ गाइडलाइन की पालना सुनिश्चित करवाए। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सचिव श्री सिद्धार्थ महाजन ने अपने प्रस्तुतीकरण में बताया कि संक्रमितों की संख्या का सटीक आकलन करने के उद्देश्य से प्रदेश में सैम्पल की संख्या 38 हजार प्रतिदिन तक बढ़ा दी गई है, जो 15 दिन पहले के मुकाबले दोगुनी है। उन्होंने कहा कि आने वाले एक सप्ताह में रोजाना 45 हजार सैम्पल टेस्ट किए जाएंगे। साथ ही, पूरे प्रदेश में टेस्टिंग की क्षमता 70 हजार से बढ़ाकर 1 लाख प्रतिदिन की जाएगी। उन्होंने बताया कि कोविड टीकाकरण की गति को भी बढ़ाया जा रहा है। प्रदेश में टीकाकरण के लिए पात्र लगभग एक तिहाई जनसंख्या को टीका लगाया जा चुका है। बैठक में मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य, पुलिस महानिदेशक श्री एमएल लाठर, प्रमुख शासन सचिव गृह श्री अभय कुमार, प्रमुख सचिव वित्त श्री अखिल अरोरा, चिकित्सा शिक्षा सचिव श्री वैभव गालरिया, स्वायत्त शासन सचिव श्री भवानी सिंह देथा, राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजा बाबू पंवार, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी, वरिष्ठ चिकित्सा विशेषज्ञ श्री वीरेन्द्र सिंह सहित एसएमएस मेडिकल कॉलेज के अन्य वरिष्ठ विशेषज्ञ, सूचना एवं जनसंपर्क आयुक्त श्री महेन्द्र सोनी तथा अन्य उच्च अधिकारी उपस्थित थे। विशेषज्ञों और अफसरों ने दिए ये अहम सुझाव कई चिकित्सकों विशेषज्ञों और अधिकारियों ने भी इस बैठक में अपने सुझाव रखे. बैठक में आए खास सुझाव यह रहे. >>शहरी इलाकों में नाइट कर्फ्यू के पावर क्लेक्टर्स को दिए जाने चाहिए. >>रेस्टोरेंट्स के लिए रियायत 15 अप्रैल तक बंद होनी चाहिए. >>बाजारों में और कोरोना गाइडलाइंस की पालना पर ज्यादा सख्ती की जानी चाहिए. >>मास्क नहीं लगाने वालों पर जुर्माना बढ़ाया जाना चाहिए. >>15 अप्रैल तक मेलों और हटवाड़ा पर रोक लगनी चाहिए. >>अप्रैल अंत तक 100 से ज्यादा लोगों के एकत्रित होने पर रोक लगनी चाहिए. >>सभी विभागों को अपने कर्मचारियों के वैक्सीनेशन के निर्देश दिए जाने चाहिए. >>सामाजिक संस्थाओं, राजनेताओं और धर्मगुरुओं के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार करवाया जाए. >>वायरस की जेनेटिक स्टडी करवाई जानी चाहिए और मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को और ज्यादा मजबूत किया जाना चाहिए. कोविड-19 समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स्वायत शासन विभाग के सचिव भवानी सिंह देथा और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के आयुक्त महेंद्र सोनी की कार्यप्रणाली से असंतुष्ट नजर आए. दोनों अधिकारियों से मुख्यमंत्री ने कहा कि आप को नए सिरे से प्लानिंग करनी होगी. अभी आपने जो ब्रीफ किया वह पुरानी थ्योरी है, अब यह नहीं चलेगी. सीएम ने दोनों अधिकारियों को वैक्सीनेशन के लिए एग्रेसिव होकर कैंपेनिंग करवाने के निर्देश दिए हैं. सीएम ने कहा कि होर्डिंग्स में पुराने और नए आंकड़ों की तुलना करके पब्लिक को कोरोना संक्रमण की भयावहता समझाई जा सकती है.
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